जयपुर. प्रदेश के 33 आईपीएस का प्रमोशन होगा. मुख्यसचिव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में इन सभी नामों पर अनुमोदन हुआ. सिलेक्शन स्केल में प्रमोशन के लिए 2008 बैच के 13, 2007 के 7, 2003 के 10 और 1996 के 3 आईपीएस के नाम शामिल हैं. मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में आज सचिवालय में आईपीएस के अलग-अलग स्केल में प्रमोशन को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई. जिसमें अलग अलग बैच के 33 आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन को लेकर अनुमोदन हुआ. सिलेक्शन स्केल में प्रमोशन के लिए 2008 बैच के 13 आईपीएस में लवली कटियार, राहुल कार्तिकेय, प्रीति चंद्रा, हरेंद्र महावर, विकास पाठक, राहुल जैन, ओमप्रकाश द्वितीय, समीर कुमार सिंह, तेजराज सिंह खरोडिया, राजेश सिंह, जगदीश चंद्र शर्मा, राजेंद्र प्रसाद गोयल, कालूराम रावत का नाम शामिल है.
आईपीएस बनेंगे डीआईजी ऑफ पुलिस
2007 बैच के आईपीएस बनेंगे डीआईजी ऑफ पुलिस, जिसमें कैलाश चंद्र बिश्नोई, ममता राहुल, डॉक्टर अमनदीप सिंह कपूर, डॉ. रवि, राहुल बारहट, सत्येंद्र कुमार, रणधीर सिंह शामिल हैं.
10 आईपीएस बनेंगे आईजी पुलिस.
2003 के 10 आईपीएस बनेंगे आईजी पुलिस, जिसमें नितिन दीप सिंह बलगन, हिंगलाज दान, सत्यवीर सिंह, यूएन छिंदवाड़ा, राजेश मीणा, संजय श्रोत्रीय, सुरेंद्र गुप्ता, रविदत्त गौड़, लक्ष्मण दत्त गौड़, प्रसन्न कुमार खेमसर का नाम शामिल हैं. इसी तरह से 1996 बैच के तीन आईपीएस बनेंगे एडीजी, जिसमें विनीता ठाकुर, सचिन मित्तल, संजीव माजरी एडीजी बनेंगे.
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रिश्वत मामले गिरफ्तार दो अधिकारियों को सरकार ने किया निलंबित
जयपुर. राजस्थान में इन दिनों भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रिश्वतखोर अफसरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है. सरकार ने भी इन रिश्वतखोर अधिकारियों को निलंबित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. पिछले दिनों एसीबी द्वारा दो अलग-अलग मामलों में रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार जितेंद्र शर्मा और आलोक कुमार वर्मा को निलंबित किया गया है.
बता दें कि 11 नवंबर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जल अभियांत्रिकी विभाग दूदू के अधिशासी अभियंता जितेंद्र कुमार शर्मा को 50000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. जितेंद्र कुमार शर्मा ने बकाया बिलों के बिल पास करने की एवज में 7.30 प्रतिशत कमीशन के रूप में रिश्वत मांगी थी. परिवादी ने परिवाद के जरिए इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को दी. जिसके बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए जितेंद्र कुमार शर्मा को 50000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. इसी तरह से 17 अक्टूबर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पीडब्ल्यूडी के एक्सीयन अशोक कुमार वर्मा को 126000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. अशोक कुमार वर्मा ने भी यह राशि 35 क्वार्टर बनाने के बिलों के भुगतान को जारी करने की एवज में मांगी थी.