जयपुर. नगर निगम जयपुर की ओर से सफाई व्यवस्था और कचरे को सेग्रीगेशन करने को दावे किए जाते हैं, लेकिन इन दावों की हवा आज स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने निकाल दी. शहर की 4 स्कूलों के करीब 400 छात्र आज फावड़ा, रेती और बोरा लेकर जलमहल की पाल को चमकाने निकले.
इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक कचरे को अलग और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्रित कर अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई. लेकिन, यहां एक बार फिर निगम प्रशासन फेल साबित होता हुआ नजर आया. जो निगम शहर के 80 फीसदी हूपर में सेग्रीगेशन के लिए पार्टीशन के दावे करता है, उसी निगम की ओर से यहां पहुंचाए गए हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था देखने को नहीं मिली. इस दौरान मेयर विष्णु लाटा भी यहां पहुंचे और प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए हानिकारक बताते हुए इसे स्वेच्छा से बंद करने की अपील की.
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साथ ही बच्चों के योगदान की सराहना भी की. यहां उन्होंने खुद माना कि जयपुर की सफाई में लगातार कमी चली आ रही है. जिसका कारण उन्होंने संसाधनों की कमी बताया. लेकिन यहां हूपर में पार्टीशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि बरसात के सीजन में पूरा कचरा ही गीला है और सेग्रीगेशन के लिए इक्विपमेंट खरीदे जा रहे हैं. जिसके लिए जल्द ही टेंडर किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि यदि हूपर में पार्टीशन नहीं है तो लगवा दिए जाएंगे.
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गीले और सूखे कचरे को लेकर शहर की जनता जागरूक हो रही है. स्कूली छात्रों ने भी ये साबित किया. लेकिन, निगम प्रशासन अभी भी कागजों में हूपर में पार्टीशन कर इतिश्री कर रहा है. इससे लगता नहीं की निगम सेग्रीगेशन और स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जागरूक और गंभीर नहीं हैं.