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जयपुर : निगम के पास नहीं मिली गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था - जयपुर निगम गीला-सूखा कचरा व्यवस्था

जयपुर के स्कूली छात्रों ने शनिवार को जलमहल की पाल पर श्रमदान करते हुए करीब 450 किलो कचरा एकत्रित किया. यहां छात्रों की ओर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखा गया, लेकिन निगम प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराए गए हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने के लिए पार्टीशन की व्यवस्था ही नहीं मिली.

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Published : Sep 21, 2019, 11:09 PM IST

जयपुर. नगर निगम जयपुर की ओर से सफाई व्यवस्था और कचरे को सेग्रीगेशन करने को दावे किए जाते हैं, लेकिन इन दावों की हवा आज स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने निकाल दी. शहर की 4 स्कूलों के करीब 400 छात्र आज फावड़ा, रेती और बोरा लेकर जलमहल की पाल को चमकाने निकले.

जयपुर में निगम के पास नहीं मिली गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था

इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक कचरे को अलग और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्रित कर अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई. लेकिन, यहां एक बार फिर निगम प्रशासन फेल साबित होता हुआ नजर आया. जो निगम शहर के 80 फीसदी हूपर में सेग्रीगेशन के लिए पार्टीशन के दावे करता है, उसी निगम की ओर से यहां पहुंचाए गए हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था देखने को नहीं मिली. इस दौरान मेयर विष्णु लाटा भी यहां पहुंचे और प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए हानिकारक बताते हुए इसे स्वेच्छा से बंद करने की अपील की.

यह भी पढ़ें : सरकारी कर्मचारियों के लिए राजस्थान सरकार का फरमान...अगर शराब पीकर मां-बाप से साथ करोगे बदसलूकी तो आधा वेतन परिवार को

साथ ही बच्चों के योगदान की सराहना भी की. यहां उन्होंने खुद माना कि जयपुर की सफाई में लगातार कमी चली आ रही है. जिसका कारण उन्होंने संसाधनों की कमी बताया. लेकिन यहां हूपर में पार्टीशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि बरसात के सीजन में पूरा कचरा ही गीला है और सेग्रीगेशन के लिए इक्विपमेंट खरीदे जा रहे हैं. जिसके लिए जल्द ही टेंडर किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि यदि हूपर में पार्टीशन नहीं है तो लगवा दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : राजस्थान में उपचुनाव की घोषणा, खींवसर 15 साल तो मंडावा 10 साल से कांग्रेस की पहुंच से दूर

गीले और सूखे कचरे को लेकर शहर की जनता जागरूक हो रही है. स्कूली छात्रों ने भी ये साबित किया. लेकिन, निगम प्रशासन अभी भी कागजों में हूपर में पार्टीशन कर इतिश्री कर रहा है. इससे लगता नहीं की निगम सेग्रीगेशन और स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जागरूक और गंभीर नहीं हैं.

जयपुर. नगर निगम जयपुर की ओर से सफाई व्यवस्था और कचरे को सेग्रीगेशन करने को दावे किए जाते हैं, लेकिन इन दावों की हवा आज स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने निकाल दी. शहर की 4 स्कूलों के करीब 400 छात्र आज फावड़ा, रेती और बोरा लेकर जलमहल की पाल को चमकाने निकले.

जयपुर में निगम के पास नहीं मिली गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था

इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक कचरे को अलग और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्रित कर अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई. लेकिन, यहां एक बार फिर निगम प्रशासन फेल साबित होता हुआ नजर आया. जो निगम शहर के 80 फीसदी हूपर में सेग्रीगेशन के लिए पार्टीशन के दावे करता है, उसी निगम की ओर से यहां पहुंचाए गए हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था देखने को नहीं मिली. इस दौरान मेयर विष्णु लाटा भी यहां पहुंचे और प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए हानिकारक बताते हुए इसे स्वेच्छा से बंद करने की अपील की.

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साथ ही बच्चों के योगदान की सराहना भी की. यहां उन्होंने खुद माना कि जयपुर की सफाई में लगातार कमी चली आ रही है. जिसका कारण उन्होंने संसाधनों की कमी बताया. लेकिन यहां हूपर में पार्टीशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि बरसात के सीजन में पूरा कचरा ही गीला है और सेग्रीगेशन के लिए इक्विपमेंट खरीदे जा रहे हैं. जिसके लिए जल्द ही टेंडर किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि यदि हूपर में पार्टीशन नहीं है तो लगवा दिए जाएंगे.

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गीले और सूखे कचरे को लेकर शहर की जनता जागरूक हो रही है. स्कूली छात्रों ने भी ये साबित किया. लेकिन, निगम प्रशासन अभी भी कागजों में हूपर में पार्टीशन कर इतिश्री कर रहा है. इससे लगता नहीं की निगम सेग्रीगेशन और स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जागरूक और गंभीर नहीं हैं.

Intro:जयपुर - जयपुर के स्कूली छात्रों ने आज जलमहल की पाल पर श्रमदान करते हुए करीब 450 किलो कचरा इकट्ठा किया। यहां छात्रों की ओर से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखा गया लेकिन निगम प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराए गए हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने के लिए पार्टीशन की व्यवस्था ही नहीं मिली।


Body:जयपुर नगर निगम की ओर से सफाई व्यवस्था और कचरे को सेग्रीगेशन करने को दावे किए जाते हैं। लेकिन इन दावों की हवा आज स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने निकाल दी। शहर के 4 स्कूलों के 400 छात्र आज फावड़ा, रेती और बोरा लेकर जलमहल की पाल को चमकाने निकले। इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक कचरे को अलग और गीले कचरे को अलग-अलग इकट्ठा कर अपनी जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई। लेकिन यहां एक बार फिर निगम प्रशासन फेल होता हुआ नजर आया। जो निगम शहर के 80 फ़ीसदी हूपर में सेग्रीगेशन के लिए पार्टीशन के दावे करता है उसी निगम की ओर से यहां पहुंचाए गए हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग डालने की व्यवस्था देखने को नहीं मिली। इस दौरान मेयर विष्णु लाटा भी यहां पहुंचे और प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए हानिकारक बताते हुए इसे स्वेच्छा से बंद करने की अपील की। साथ ही बच्चों के योगदान की सराहना भी की। यहां उन्होंने खुद माना कि जयपुर की सफाई में लगातार कमी चली आ रही है। जिसका कारण उन्होंने संसाधनों की कमी बताया। लेकिन यहां हूपर में पार्टीशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि बरसात के सीजन में पूरा कचरा ही गीला है। और सेग्रीगेशन के लिए इक्विपमेंट खरीदे जा रहे हैं। जिसके लिए जल्द टेंडर किया जाएगा। और आखिर में कहा कि यदि हूपर में पार्टीशन नहीं है तो लगवा दिए जाएंगे।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:गीले और सूखे कचरे को लेकर शहर की जनता जागरूक हो रही है। स्कूली छात्रों ने भी ये साबित किया। लेकिन निगम प्रशासन अभी भी कागजों में हूपर में पार्टीशन कर इतिश्री कर रहा है। इससे लगता नहीं की निगम सेग्रीगेशन और स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जागरूक है।
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