जयपुर. जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव परिणाम को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की प्रेस वार्ता में दिए गए बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि अब खुद पीसीसी चीफ ने ही स्वीकार किया है कि कोविड-19 के दौरान कांग्रेस के जनप्रतिनिधि जनता के बीच नहीं जा पाए और उसकी वजह से ही परिणाम कांग्रेस के अनुकूल नहीं आए.
रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी प्रेस वार्ता में बताया था कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी नहीं बनने से सही मॉनिटरिंग नहीं कर पाए, जिसके चलते भी चुनाव परिणाम कांग्रेस के ज्यादा अनुकूल नहीं रहे. शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की कार्यकारिणी की घोषणा भाजपा मुख्यालय की अनुमति लेकर तो करनी नहीं थी, जो गोविंद डोटासरा ने इसकी घोषणा करने में इतनी देरी कर दी.
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रामलाल शर्मा ने कहा कि डोटासरा ने चुनाव परिणाम में कांग्रेस के प्रदर्शन पर पड़े असर का तीसरा कारण बताया कि यह चुनाव एक साथ नहीं होने के कारण परिणाम कांग्रेस के अनुकूल नहीं आया. इस पर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उसके नेता बड़े बड़े दावे तो करते हैं, लेकिन उनके बयानों से अब साबित हो गया है कि प्रदेश में कोविड-19 काल के दौरान भी कांग्रेस के जनप्रतिनिधि विधायक जनता के बीच में नहीं गए. प्रदेश में कोरोना के प्रबंधन का काम भी सही तरीके से नहीं हुआ.
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रामलाल शर्मा ने गोविंद सिंह डोटासरा के उस दावे को भी खोखला बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि ग्राम पंचायतों के 70% सरपंच कांग्रेस की विचारधारा के हैं. उन्होंने कहा कि अगर यह बात सच है तो पीसीसी चीफ उन्हें कांग्रेस की सदस्यता क्यों नहीं दिलवा देते. शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता केवल झूठे दावे करते हैं. वर्तमान में 20% सरपंच भी कांग्रेस की विचारधारा के नहीं है. शर्मा ने यह भी दावा किया कि नगर निकाय चुनाव के परिणाम भी प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में अब तक के सबसे खराब परिणाम आने वाले हैं.