जयपुर. पूरी दुनिया में काल बन कर फैल रहे कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में फ्लाइट का संचालन प्रभावित हो रहा है. वहीं, देश में भी कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए हवाई यातायात को बंद कर दिया गया है. जिसके चलते जयपुर एयरपोर्ट को पिछले 50 दिनों में 30 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. वहीं, अनुमान लगाया जा रहा है कि, 31 मई तक जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन को 45 करोड़ से लेकर 48 करोड़ तक का नुकसान हो सकता है.
बता दें कि, जयपुर एयरपोर्ट पर 22 मार्च से ही इंटरनेशनल फ्लाइट का संचालन बंद है. साथ ही घरेलू फ्लाइट का संचालन भी 25 मार्च से बंद कर दिया गया था. जिसकी वजह से एयरपोर्ट प्रशासन को फ्लाइट के आवागमन के दौरान लैंडिंग चार्ज, नाइट होल्ड चार्ज, यात्रियों से मिलने वाली पैसेंजर सर्विस, यूजर डेवलपमेंट चार्ज और अन्य कमर्शियल गतिविधियों से मिलने वाला राजस्व भी मिलना बंद हो गया है.
नॉन एयरोनॉटिकल रेवन्यू भी हुआ 'जीरो' ...
एयरोनॉटिकल रेवेन्यू के अलावा जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन को नॉन एयरोनॉटिकल रेवेन्यू भी प्राप्त होता है. इसमें एयरपोर्ट प्रशासन को सबसे ज्यादा कमाई कमर्शियल गतिविधियों के जरिए मिलती है. जिसमें एयरपोर्ट पर डिपार्चर और अराइवल एरिया में विभिन्न कंपनियों के काउंटर, रेस्टोरेंट और अन्य सुविधाओं की दुकान से प्रतिमाह औसतन 80 लाख रुपए का किराया मिलता है. फिलहाल फ्लाइट बंद रहने से ये सभी गतिविधियां भी बंद पड़ी हुई हैं. पार्किंग ठेके में भी एयरपोर्ट प्रशासन को हर महीने करीब 20 लाख का नुकसान झेलना पड़ रहा है. अभी देशभर में लॉकडाउन 3.0 चल रहा है और 18 मई से 4.0 चालू हो जाएगा. वहीं, विमानों का संचालन 31 मई से पहले शुरू होने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि, 31 मई तक जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन का आर्थिक नुकसान बढ़कर 45 करोड़ से 48 करोड़ तक हो जाएगा.
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वहीं, जब देशभर में लोग डाउन 2.0 लागू हुआ था, तो जयपुर एयरपोर्ट पर मेडिकल फ्लाइट का संचालन शुरू कर दिया गया था. इसके साथ ही कार्गो फ्लाइट का संचालन भी शुरू हो गया था. लेकिन कम बुकिंग के चलते कार्गो फ्लाइट भी बहुत कम संचालित हुईं. इसके चलते जयपुर एयरपोर्ट के राजस्व में लगातार भी गिरावट होती रही. हालांकि, अब अनुमान लगाया जा रहा है कि, जल्दी ही जयपुर एयरपोर्ट से घरेलू फ्लाइट का संचालन शुरू हो जाएगा. लेकिन जयपुर एयरपोर्ट से महज 2 दर्जन फ्लाइट का ही संचालन किया जाएगा.