जयपुर. जिला प्रशासन जयपुर में रोके गए प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने की तैयारी क रहा है. प्रशासन ने ऐसे 1700 श्रमिकों की सूची तैयार की है. फिलहाल यह सभी श्रमिक लॉकडाउन के दौरान बनाए गए शेल्टर होम में प्रवास कर रहे हैं. इनके सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है.
राज्य सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने शेल्टर होम में रह रहे श्रमिकों का सर्वे भी कराया है. इस दौरान श्रमिकों ने जयपुर में रहने के बजाय अपने घर जाने की इच्छा जताई है. जिला प्रशासन ने भी इन श्रमिकों को दूसरे राज्य में स्थित उनके घरों को भेजने की तैयारी शुरू कर दी है. इनका डाटा भी तैयार किया जा चुका है.
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जानकारी के अनुसार शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को काम दिलाने की तैयारी भी जिला प्रशासन ने शुरू कर की थी, लेकिन इन श्रमिकों ने अपने घर लौटने की इच्छा जताई है. शेल्टर होम में रह रहे मजदूरों को भवन निर्माण सहित अन्य कामों में काम कराने के लिए कहा गया था लेकिन श्रमिकों ने इससे इंकार कर दिया. अब जिला प्रशासन इन्हें दूसरे राज्यों में स्थित उनके घर भेजेगा. कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को अपने घर भेजने के लिए दूसरे राज्यों से बात चल रही है. जैसे ही भेजने की बात फाइनल हो जाएगी, इन्हें अपने घर रवाना कर दिया जाएगा.
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बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश सहित प्रदेश में भी लॉकडाउन घोषित किया था. इस लॉकडाउन में अन्य राज्यों में रहने वाले श्रमिक अपने घर लौट रहे थे. ये श्रमिक पैदल या अन्य साधनों से अपने घर जा रहे थे और इनमें कुछ दूसरे राज्यों और प्रदेश के रहने वाले श्रमिक थे. लॉकडाउन की पालना करवाने के लिए जयपुर जिला प्रशासन ने जयपुर शहर में कई शेल्टर होम बनाए, जहां प्रवासी मजदूरों को रोका गया और उनके खाने-पीने और चिकित्सा की व्यवस्था की गई.