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जयपुरः आरयूएचएस में बेड के सौदागरों को भेजा गया जेल, पूछताछ में हुए कई खुलासे

जयपुर एसीबी टीम ने आरयूएचएस अस्पताल में बेड दिलाने के नाम पर 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते दो लोगों को गिरफ्तार किया. एसीबी की पूछताछ में दोनों आरोपियों से कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं.

आरयूएचएस अस्पताल, Ruhs Hospital of jaipur
गिरफ्तार रिश्वतखोर
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Published : May 17, 2021, 11:24 AM IST

जयपुर. एसीबी की टीम ने आरयूएचएस अस्पताल में बेड दिलाने का सौदा करने के मामले में दो सौदेबाजों को 10 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. आरयूएचएस में बेड के सौदागरो को एसीबी ने कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया है. एसीबी की पूछताछ में दोनों आरोपियों से कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं.

पढ़ेंः अनुभव का अभाव : क्या तय समय पर कंपनियां लगा सकेंगी ऑक्सीजन प्लांट ?

जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि वार्डबॉय और सुपरवाइजरो की मिलीभगत से पूरा खेल चल रहा था. एक वार्डबॉय को 10 हजार रुपये नगद देने थे. सुपरवाइजर अस्पताल में आईसीयू बेड की सुविधा उपलब्ध करवाते थे. बेड उपलब्ध करवाने के लिए 1 लाख रुपए प्रति बैड़ मांगे जाते थे. अब आरयूएचएस अस्पताल के कई वार्डबॉय और सुपरवाइजर एसीबी के रडार पर है. एक वार्ड बॉय काउंटर पर बैठकर पूरे खेल को अंजाम देता था. बिजली ठेकेदार ओमवीर ने एसीबी के सामने खुलासा किया है. एसीबी इस मामले को गंभीरता से ले रही है. अब एसीबी कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों को पूछताछ के लिए भी बुला सकती है.

बता दें कि एसीबी की टीम ने कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में बेड दिलाने का सौदा करने वाले दोनों आरोपियों को 10 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. हाल ही में एसीबी द्वारा मानसरोवर के मेट्रो मास अस्पताल में एक कंपाउंडर को मरीज के परिजनों से आरयूएचएस में बेड दिलाने के नाम पर 23 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए भी गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से ही एसीबी मुख्यालय में इस तरह की अनेक शिकायतें प्राप्त होने लगी थी, कि आरयूएचएस अस्पताल में मरीज को बेड दिलाने के नाम पर कुछ लोगों की ओर से सौदेबाजी की जा रही है.

पढ़ेंः COVID-19 : जानें किस जिले में कितने खाली बचे हैं ऑक्सीजन बेड, ICU और वेंटिलेटर्स

जिस पर एसीबी मुख्यालय की ओर से एक टीम को बोगस ग्राहक बनाकर आरयूएचएस अस्पताल भेजा गया. जहां बोगस ग्राहक बनकर पहुंची एसीबी टीम को अस्पताल में इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले करौली निवासी ओमवीर और उसके सहयोगी पवन ने मरीज को जनरल बेड दिलाने के नाम पर 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी. इसके साथ ही ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए अलग से प्रतिदिन के हिसाब से 2 हजार रुपये की डिमांड की गई.

सौदा तय होने के बाद आरोपियों को 10 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल एसीबी की टीम बेड दिलाने के नाम पर सौदेबाजी करने के खेल में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी जांच पड़ताल कर रही है.

जयपुर. एसीबी की टीम ने आरयूएचएस अस्पताल में बेड दिलाने का सौदा करने के मामले में दो सौदेबाजों को 10 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. आरयूएचएस में बेड के सौदागरो को एसीबी ने कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया है. एसीबी की पूछताछ में दोनों आरोपियों से कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं.

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जानकारी के मुताबिक दोनों आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि वार्डबॉय और सुपरवाइजरो की मिलीभगत से पूरा खेल चल रहा था. एक वार्डबॉय को 10 हजार रुपये नगद देने थे. सुपरवाइजर अस्पताल में आईसीयू बेड की सुविधा उपलब्ध करवाते थे. बेड उपलब्ध करवाने के लिए 1 लाख रुपए प्रति बैड़ मांगे जाते थे. अब आरयूएचएस अस्पताल के कई वार्डबॉय और सुपरवाइजर एसीबी के रडार पर है. एक वार्ड बॉय काउंटर पर बैठकर पूरे खेल को अंजाम देता था. बिजली ठेकेदार ओमवीर ने एसीबी के सामने खुलासा किया है. एसीबी इस मामले को गंभीरता से ले रही है. अब एसीबी कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों को पूछताछ के लिए भी बुला सकती है.

बता दें कि एसीबी की टीम ने कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में बेड दिलाने का सौदा करने वाले दोनों आरोपियों को 10 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. हाल ही में एसीबी द्वारा मानसरोवर के मेट्रो मास अस्पताल में एक कंपाउंडर को मरीज के परिजनों से आरयूएचएस में बेड दिलाने के नाम पर 23 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए भी गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से ही एसीबी मुख्यालय में इस तरह की अनेक शिकायतें प्राप्त होने लगी थी, कि आरयूएचएस अस्पताल में मरीज को बेड दिलाने के नाम पर कुछ लोगों की ओर से सौदेबाजी की जा रही है.

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जिस पर एसीबी मुख्यालय की ओर से एक टीम को बोगस ग्राहक बनाकर आरयूएचएस अस्पताल भेजा गया. जहां बोगस ग्राहक बनकर पहुंची एसीबी टीम को अस्पताल में इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले करौली निवासी ओमवीर और उसके सहयोगी पवन ने मरीज को जनरल बेड दिलाने के नाम पर 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी. इसके साथ ही ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के लिए अलग से प्रतिदिन के हिसाब से 2 हजार रुपये की डिमांड की गई.

सौदा तय होने के बाद आरोपियों को 10 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल एसीबी की टीम बेड दिलाने के नाम पर सौदेबाजी करने के खेल में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी जांच पड़ताल कर रही है.

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