जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल में बनने वाले आईपीडी टावर (IPD tower project in jaipur) का 5 अप्रैल को शिलान्यास किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की डिजाइन तैयार होने और निविदा को मंजूरी मिलने के बाद जेडीए ने मोबिलाइजेशन शुरू कर दिया है. हालांकि अब ये टावर 125 नहीं बल्कि 115.5 मीटर का होगा. जिसमें ग्राउंड फ्लोर सहित 23 मंजिल तैयार की जाएंगी. शहर के बीचों बीच एसएमएस अस्पताल के आईपीडी टावर के रूप में सबसे ऊंची इमारत तैयार की जाएगी. जिसमें मरीजों को एयर एंबुलेंस की सुविधा भी मिलेगी.
सवाई मानसिंह अस्पताल में कॉटेज वार्ड (IPD tower will be inaugurated by cm gehlot in jaipur) की जगह ये बहुमंजिला आईपीडी टॉवर बनेगा. जिसमें 1000 मरीज भर्ती क्षमता (सामान्य वार्ड), 150 मरीज भर्ती क्षमता (गंभीर और अतिगंभीर यूनिट), ऑपरेशन थियेटर, पोस्ट ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू, डाइग्नोस्टिक लैब आदि की सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. इसके अतिरिक्त इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी का भी निर्माण किया जाएगा. इस संबंध में जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि ऊंची इमारतों की विस्तृत गाइडलाइन के अनुसार ही आईपीडी टावर का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है और 115.5 मीटर निर्माण की स्वीकृति भी राज्य सरकार से मिल चुकी है.
500 करोड़ से ज्यादा की होगी लागत: सवाई मानसिंह चिकित्सालय में बनाए जाने वाले आईपीडी टावर और कार्डियोलॉजी संस्था निर्माण परियोजना पर 456.80 करोड़ रुपए खर्च होंगे. एसएमएस अस्पताल की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए परियोजना के क्रियान्वयन को प्राथमिकता के आधार पर फास्टट्रैक मोड पर लिया गया है. इस परियोजना में स्मार्ट सिटी 125 करोड़, कार्डियोलॉजी संस्थान 50 करोड़, स्वास्थ्य विभाग 96 करोड़, आवासन मंडल 100 करोड़, जेडीए 50 करोड़ और अन्य स्त्रोत से 35 करोड़ खर्च किए जाएंगे. स्मार्ट सिटी अवधेश मीणा ने बताया कि स्मार्ट सिटी 75 करोड़ रुपए आईपीडी टावर के लिए जबकि 50 करोड़ कार्डियोलॉजी यूनिट पर लगाएगा. आईपीडी टावर परियोजना की क्रियान्वयन कार्यकारी एजेंसी जेडीए होगी.
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ये होगी सुविधा :
- 200 आईसीयू बेड
- 820 वार्ड बेड, 100 डिलक्स रूम, 80 प्रीमियम कमर
- हाइब्रिड स्टील स्ट्रक्च
- हेलीपैड एयर एंबुलेंस की सुविधा
- 20 ऑपरेशन थिएटर
- एसआईसीयू, एमआईसीयू, एचडीयू
- न्यूक्लिर मेडिसीन, स्पोर्ट्स मेडिसीन की ओपीडी सुविधा
- 100 रजिस्ट्रेशन काउंटर
- डायग्नोस्टिक सुविधा
- सेमिनार हॉल
- नई मोर्चरी और पुलिस स्टेशन
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने एसएमएस अस्पताल में आईपीडी टावर प्रोजेक्ट को दो चरणों में बांटा है. पहला चरण 20 महीने में यानी नवंबर 2023 में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हालांकि जेडीए का कोई प्रोजेक्ट तय डेडलाइन पर पूरा नहीं हो सका है. और यदि आईपीडी टावर का काम तय समय पर पूरा होता भी है, तो भी उस दौरान चुनावी आचार संहिता के चलते कांग्रेस सरकार इस कार्यकाल में आईपीडी टावर प्रोजेक्ट का लोकार्पण नहीं कर पाएगी.
मेडिफेस्ट-2022 के लोगो का विमोचन: 5 अप्रैल से दो दिवसीय मेडिफेस्ट-2022 शुरू होने जा रहा है. इस मेडिफेस्ट के दौरान 18 इंटरेक्टिव सेशन में विषय विशेषज्ञ विभिन्न बीमारियों और उनके उपचार में काम आने वाली आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी देंगे. इस कार्यक्रम में दी जाने वाली महत्वपूर्ण जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इसका सीधा लाइव प्रसारण भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (medifest 2022 will be inaugurated by cm gehlot in jaipur) इसका उद्घाटन करेंगे. इससे पहले सीएम गहलोत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर मेडिफेस्ट-2022 के लोगो का विमोचन किया. एसएमएस मेडिकल कॉलेज ग्राउंड में 5 अप्रैल को ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़ी प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया जाएगा.
सीएम गहलोत करेंगे शिलान्यास: सीएम गहलोत 5 अप्रैल को ही एसएमएस अस्पताल में बनने वाले 24 मंजिला नए आईपीडी टावर और इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी का भूमि पूजन और शिलान्यास भी करेंगे. इन दोनों की लागत करीब 588 करोड़ रूपए बताई जा रही है. आईपीडी टावर और कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट बनने से एसएमएस हॉस्पिटल में 1200 बेड की क्षमता बढ़ जाएगी. साथ ही 20 ऑपरेशन थियेटर, 4 कैथ लैब और 100 ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर भी बढे़ंगे.
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि 5 अप्रेल को होने वाले सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में आईपीडी टॉवर, हृदय रोग संस्थान के शिलान्यास समारोह और दो दिवसीय मेडिफेस्ट कार्यक्रम के आयोजन का वृहद् स्तर पर अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कर आमजन को जागरूक किया जाए. मेडिफेस्ट के पैनल डिस्कशन में प्रस्तावित विषयों की चर्चा करते हुए कहा कि आमजन के स्वास्थ्य से जुड़े विषयों का लाइव प्रसारण वृहद् स्तर पर किया जाए. कार्यक्रम को विधालय, महाविधालय, आंगनबाड़ी, पंचायत, जिला स्तरीय अस्पतालों में लाईव किया जाए, जिससे कि विशेषज्ञाें की ओर से दी जाने वाली महत्वपूर्ण जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके. उन्होंने सूचना एवं प्रोद्यौगिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आमजन को विशेषज्ञों से स्वास्थ्य संबंधी प्रश्न पूूछने के लिए लाईव माध्यम की व्यवस्था करें.