जयपुर. परिवहन विभाग में मासिक बंधी के घूसकांड का खुलासा करने के बाद 15 आरोपी गिरफ्तार किए गए. जिसके बाद एसीबी मुख्यालय में लगातार पूछताछ जारी है. एसीबी कि ओर से प्रकरण में गिरफ्तार किए गए परिवहन विभाग के अधिकारी और दलालों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा रही है. परिवहन विभाग के अधिकारी और दलालों के बीच फोन पर जो बातचीत हुई है और बातचीत के दौरान रुपयों के लेन-देन का जो रिकॉर्ड सामने आया है उसकी जांच की जा रही है.
परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद एसीबी ने 34 लोगों को प्रकरण में नामजद किया है. जिसमें 17 परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं. वहीं 12 दलाल और पांच सिक्योरिटी गार्ड को भी प्रकरण में नामजद किया गया है. एसीबी की पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि परिवहन विभाग के अधिकारी खुद को एसीबी के रडार पर आने से बचाने के लिए अपने मोबाइल फोन के जरिए दलालों से कम बातचीत किया करते थे.
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परिवहन विभाग के अधिकारी उनकी सुरक्षा में तैनात किए गए सिक्योरिटी गार्ड के मोबाइल फोन का उपयोग कर दलालों से बातचीत किया करते थे. पूछताछ में हुए इस खुलासे के बाद एसीबी ने अब इस प्रकरण में 5 सिक्योरिटी गार्ड को भी नामजद किया. वहीं इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एडिशनल एसपी आलोक शर्मा के नेतृत्व में अनेक टीमों का गठन किया गया. जिसमें से एक टीम आरोपियों की संपत्ति की जांच कर रही है तो वहीं एक टीम फरार चल रहे परिवहन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और दलालों की तलाश में जुटी है. एक टीम दलालों और अधिकारियों के बीच हुई बातचीत का पूरा ब्यौरा तैयार कर रही है.
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इस पूरे प्रकरण में एसीबी को फरार चल रहे परिवहन विभाग के निरीक्षक अलीम खान, सुखबीर सिंह और राजीव जैन की तलाश है. इस पूरे प्रकरण में तनुश्री लॉजिस्टिक के मैनेजर योगेश की पत्नी ममता को गिरफ्तार किया गया है. जिससे पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं. एसीबी ने ममता के पास से रुपयों के लेनदेन से संबंधित हिसाब की एक डायरी बरामद की है. जिसमें किस दलाल को कितने रुपए देने हैं और किस दलाल से कितने रुपए लेने हैं इन सबका ब्योरा है.