जयपुर. देश अब अनलॉक 1.0 चल रहा है. स्थितियां सामान्य होना शुरू हो रही हैं. लेकिन अगर लॉकडाउन के समय की बात करे, तो घरों में रह रहे लोगों का कोई सबसे बड़ा सहारा रहा तो वो है मोबाइल और डाटा. जिसने लोगों का खूब साथ दिया चाहे वो ऑनलाइन पढ़ाई हो, वर्क फ्रॉम होम हो या फिर टाइमपास के लिए ऑनलाइन गेमिंग. इंटरनेट डाटा के जरिए ही लोगों ने लॉकडाउन के दौरान एक लंबा समय घर में गुजारा है.
राजस्थान की आबादी 7 करोड़ से ज्यादा है. इनमें मोबाइल धारकों की संख्या भी अच्छी खासी है. अगर कुल मोबाइल धारकों की बात करें तो राजस्थान में 6 करोड़ 55 लाख मोबाइल धारक हैं. आइए नजर डालते हैं प्रदेश के मोबाइल धारकों की संख्या पर.
- Reliance Jio के राजस्थान में 2 करोड़ 42 लाख सब्सक्राइबर हैं.
- Airtel के राजस्थान में 2 करोड़ 12 लाख सब्सक्राइबर हैं.
- Vodafone-idea के राजस्थान में कुल 1 करोड़ 35 लाख सब्सक्राइबर हैं.
- BSNL के राजस्थान में 62 लाख सब्सक्राइबर हैं.
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लॉकडाउन से पहले राजस्थान में कुल डाटा की खपत 18500 टेराबाइट से 19000 टेराबाइट थी, जिसे टीबी कहा जाता है. लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद यह कंजप्शन बढ़कर 22 हजार से 23 हजार टेराबाइट हो गया. ऐसे में करीब 20 से 25 फीसदी ज्यादा मोबाइल डाटा का इस्तेमाल लोगों ने लॉकडाउन के दौरान किया. हालांकि, अनलॉक वन में धीरे-धीरे स्थितियां पुराने स्तर पर आना शुरू हो गई हैं.
कंपनियों के डाटा इस्तेमाल में आया परिवर्तन
- लॉकडाउन से पहले राजस्थान में Airtel का मोबाइल डाटा करीब 6 हजार से 6200 टीबी डाटा इस्तेमाल हो रहा था, जो लॉकडाउन के दरमियान बढ़कर 7000 से 7500 टीबी हो गया.
- Reliance Jio का मोबाइल डाटा लॉकडाउन से पहले करीब 8000 से 8500 टीबी था, जो लॉकडाउन में बढ़कर 10 हजार से 10 हजार 500 टीबी हो गया.
- Vodafone-idea का मोबाइल डाटा 3200 से 3500 टेराबाइट इस्तेमाल होता था, जो लॉकडाउन के समय में बढ़कर 3700 से 4200 टेराबाइट तक हो गया.
- BSNL का मोबाइल डाटा लॉकडाउन से पहले करीब हजार से डेढ़ हजार टीबी इस्तेमाल होता था, जो लॉकडाउन के समय में बढ़कर करीब 2000 टीबी हो गया .
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बता दें कि एयरटेल और रिलायंस जिओ के सब्सक्राइबर में ज्यादा फर्क नहीं है. लेकिन डाटा इस्तेमाल में फर्क इसलिए ज्यादा है, क्योंकि एयरटेल, वोडाफोन और बीएसएनल इन सभी के पास 4G के साथ ही 2G और 3G के भी उपभोक्ता भी हैं. लेकिन Jio के पास केवल 4G इस्तेमाल करने वाले ही उपभोक्ता हैं. ऐसे में ज्यादा डाटा Jio के उपभोक्ता इस्तेमाल करते हैं.
लॉकडाउन के समय लोगों ने ऑनलाइन पढ़ाई, मनोरंजन, गेम खेलना और वर्क फ्रॉम होम इन सभी के लिए नेट का ज्यादा इस्तेमाल किया है. ऐसे में मोबाइल कंपनियों का डाटा कंजप्शन भी 20 से 25 फीसदी बढ़ गया. अचानक बड़े डाटा कंजप्शन से मोबाइल कंपनियों की स्पीड में एक बार फर्क आया. जिसके बाद कंपनियों ने अपनी नेटवर्क कैपेसिटी 15 से 25% तक बढ़ा दी. जिससे लोगों को स्लो डाटा की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. वहीं, जिन इलाकों में कंपनियों का नेटवर्क कम था वहां कंपनियों ने एक दूसरे के टावर का इस्तेमाल किया.