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BVG कंपनी रिश्वत प्रकरण : राजस्थान हाईकोर्ट ने RSS प्रचारक निंबाराम के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक

बीवीजी कंपनी के नगर निगम में बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए रिश्वत के मामले की सुनवाई राजस्थान हाईकोर्ट ने की. हाईकोर्ट ने इस मामले में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक (Interim stay on punitive action against Nimbaram) लगा दी है.

BVG Company Bribery Case
BVG कंपनी रिश्वत प्रकरण
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Published : Feb 18, 2022, 3:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से जुडे़ मामले में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा (Interim stay on punitive action against Nimbaram) दी है. साथ ही अदालत ने सरकारी वकील को 22 फरवरी तक केस डायरी और ऑडियो-वीडियो की क्लिप पेश करने को कहा है. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश निम्बाराम की आपराधिक याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि प्रकरण में याचिकाकर्ता का नाम राजनीतिक द्वेषता के चलते शामिल किया गया है. बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि और राजाराम गुर्जर उसके पास राममंदिर के चंदे का प्रस्ताव लेकर आए थे. लेकिन तब तक चंदा लेने की समयावधि पूरी हो चुकी थी. इस पर याचिकाकर्ता ने प्रताप गौरव केन्द्र के लिए चंदा देने का सुझाव दिया था.

याचिकाकर्ता के साथ बैठक के दौरान कंपनी के प्रतिनिधियों ने चंदे के साथ ही कंपनी की समस्याओं के बारे में बताया था. इसके अलावा ऑडियो-वीडियो क्लिप में बदले की भावना से कांट-छांट की गई है. याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट पूर्व में गिरफ्तार करने पर भी रोक लगा चुका हैं. ऐसे में मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए.

यह भी पढ़ें- बीवीजी रिश्वत मामले में हाईकोर्ट ने संघ प्रचारक निंबाराम की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि कंपनी के बकाया भुगतान के बदले रिश्वत की बातचीत में निंबाराम की सक्रिय भागीदारी रही है. एसीबी के पास रिश्वत के पर्याप्त साक्ष्य हैं. इसके अलावा याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने के लिए सिर्फ सात दिन की रोक लगी थी. पुलिस जांच में निम्बाराम के खिलाफ साक्ष्य प्रमाणित हैं. ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए केस डायरी और ऑडियो-वीडियो की क्लिप पेश करने को कहा है.

यह भी पढ़ें- BVG कंपनी रिश्वत प्रकरण : ACB कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे संघ प्रचारक निंबाराम

गौरतलब है कि वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम, बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी और निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया था. एसीबी ने पूर्व में राजाराम और सप्रे के खिलाफ आरोप पत्र पेश करते हुए चौधरी व निंबाराम के खिलाफ जांच लंबित रखी है. फिलहाल राजाराम और सप्रे जमानत पर चल रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीवीजी कंपनी के नगर निगम पर बकाया 276 करोड़ रुपए के भुगतान के बदले 20 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से जुडे़ मामले में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा (Interim stay on punitive action against Nimbaram) दी है. साथ ही अदालत ने सरकारी वकील को 22 फरवरी तक केस डायरी और ऑडियो-वीडियो की क्लिप पेश करने को कहा है. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश निम्बाराम की आपराधिक याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि प्रकरण में याचिकाकर्ता का नाम राजनीतिक द्वेषता के चलते शामिल किया गया है. बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि और राजाराम गुर्जर उसके पास राममंदिर के चंदे का प्रस्ताव लेकर आए थे. लेकिन तब तक चंदा लेने की समयावधि पूरी हो चुकी थी. इस पर याचिकाकर्ता ने प्रताप गौरव केन्द्र के लिए चंदा देने का सुझाव दिया था.

याचिकाकर्ता के साथ बैठक के दौरान कंपनी के प्रतिनिधियों ने चंदे के साथ ही कंपनी की समस्याओं के बारे में बताया था. इसके अलावा ऑडियो-वीडियो क्लिप में बदले की भावना से कांट-छांट की गई है. याचिकाकर्ता को हाइकोर्ट पूर्व में गिरफ्तार करने पर भी रोक लगा चुका हैं. ऐसे में मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए.

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इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि कंपनी के बकाया भुगतान के बदले रिश्वत की बातचीत में निंबाराम की सक्रिय भागीदारी रही है. एसीबी के पास रिश्वत के पर्याप्त साक्ष्य हैं. इसके अलावा याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने के लिए सिर्फ सात दिन की रोक लगी थी. पुलिस जांच में निम्बाराम के खिलाफ साक्ष्य प्रमाणित हैं. ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए केस डायरी और ऑडियो-वीडियो की क्लिप पेश करने को कहा है.

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गौरतलब है कि वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम, बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी और निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया था. एसीबी ने पूर्व में राजाराम और सप्रे के खिलाफ आरोप पत्र पेश करते हुए चौधरी व निंबाराम के खिलाफ जांच लंबित रखी है. फिलहाल राजाराम और सप्रे जमानत पर चल रहे हैं.

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