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अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन की ऐतिहासिक पहल, जरूरतमंदों को बांटेंगे ₹100 करोड़ ब्याज मुक्त ऋण

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Published : Jun 27, 2020, 4:12 PM IST

वैश्य समाज बंधुओं को आर्थिक रूप से संबल देने को समाज के प्रमुख संगठन ने अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन का आगाज किया है. इसके तहत जरूरतमंदों को 100 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराएगा. जयपुर शहर में फंड कलेक्शन और जरूरतमंदों को ऋण वितरण का जिम्मा जयपुर जिला वैश्य फेडरेशन सेंट्रल को सौंपा गया हैं.

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अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन में जरूरतमंदों को बांटा जाएगा ब्याज मुक्त ऋण

जयपुर. लॉकडाउन से बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था के कारण बेरोजगार हुए वैश्य समाज बंधुओं को आर्थिक रूप से संबल देने को समाज के प्रमुख संगठन ने अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन का आगाज किया है. ये महासम्मेलन समाज के जरूरतमंदों को 100 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराएगा.

अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन में जरूरतमंदों को बांटा जाएगा ब्याज मुक्त ऋण

देशभर में अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के 22 राज्यों की जिला इकाइयों और विदेशों में महासम्मेलन के सदस्यों से 31 जुलाई तक यह फंड एकत्रित किया जाएगा. इसके लिए बाकायदा आईवीएफ रिलीफ फंड नाम से एप भी बनाया गया है. जिसके जरिए ये राशि जमा की जाएगी. इसके लिए पूरे राजस्थान में महासम्मेलन 10 करोड़ और एकेले जयपुर से 50 लाख राशि जमा करेगा. इसमें आईवीएफ रिलीफ फंड के लिए जयपुर से 2 अध्यक्षों को 25-25 लाख रुपये संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जयपुर शहर में फंड कलेक्शन और जरूरतमंदों को ऋण वितरण का जिम्मा जयपुर जिला वैश्य फेडरेशन सेंट्रल को सौंपा गया है.

जयपुर जिला वैश्य फाउंडेशन के अध्यक्ष सुधीर जैन ने बताया कि, आईवीएफ रिलीफ फंड एप के जरिये या फेडरेशन की वेबसाइट पर ऑनलाइन जाकर उसके बैंक खाते में अपनी इच्छानुसार राशि जमा करवाई जा सकेगी. वैश्य समाज के एक करोड़ व्यक्तियों से प्रति व्यक्ति कम से कम 100 रुपये अनुदान लिया जाएगा. वहीं किस मद में कितना प्रतिशत ऋण है, उसके तहत 50 प्रतिशत स्वरोजगार, 20 प्रतिशत शिक्षा, 20 प्रतिशत स्वास्थ्य और 10 प्रतिशत आकस्मिक जरूरत के लिए दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : SPECIAL : भक्तों के नहीं आने से श्रीनाथजी का मंदिर सूना... पेंटिंग, मुकुट और श्रृंगार का 10 करोड़ का कारोबार प्रभावित

टेलीग्राम ग्रुप पर जरूरतमंदों को अपनी आवश्यकता बताते हुए एक आवेदन करना होगा. फिर एक कमेटी आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी करेगी. बाद में प्रथम जांच और सर्वे किया जाएगा. जिसमें वास्तव में जरूरतमंद होने और आवश्यकता अनुसार 10 से 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. इसके बाद स्थानीय इकाई की अनुशंसा पर जरूरतमंदों को कुछ आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनके बैंक खातों में ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर कर दिया जाएगा. वहीं, लाभार्थी को 1 साल तक स्वरोजगार स्थापित करने का मौका दिया जाएगा.

जयपुर. लॉकडाउन से बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था के कारण बेरोजगार हुए वैश्य समाज बंधुओं को आर्थिक रूप से संबल देने को समाज के प्रमुख संगठन ने अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन का आगाज किया है. ये महासम्मेलन समाज के जरूरतमंदों को 100 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मुहैया कराएगा.

अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन में जरूरतमंदों को बांटा जाएगा ब्याज मुक्त ऋण

देशभर में अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के 22 राज्यों की जिला इकाइयों और विदेशों में महासम्मेलन के सदस्यों से 31 जुलाई तक यह फंड एकत्रित किया जाएगा. इसके लिए बाकायदा आईवीएफ रिलीफ फंड नाम से एप भी बनाया गया है. जिसके जरिए ये राशि जमा की जाएगी. इसके लिए पूरे राजस्थान में महासम्मेलन 10 करोड़ और एकेले जयपुर से 50 लाख राशि जमा करेगा. इसमें आईवीएफ रिलीफ फंड के लिए जयपुर से 2 अध्यक्षों को 25-25 लाख रुपये संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जयपुर शहर में फंड कलेक्शन और जरूरतमंदों को ऋण वितरण का जिम्मा जयपुर जिला वैश्य फेडरेशन सेंट्रल को सौंपा गया है.

जयपुर जिला वैश्य फाउंडेशन के अध्यक्ष सुधीर जैन ने बताया कि, आईवीएफ रिलीफ फंड एप के जरिये या फेडरेशन की वेबसाइट पर ऑनलाइन जाकर उसके बैंक खाते में अपनी इच्छानुसार राशि जमा करवाई जा सकेगी. वैश्य समाज के एक करोड़ व्यक्तियों से प्रति व्यक्ति कम से कम 100 रुपये अनुदान लिया जाएगा. वहीं किस मद में कितना प्रतिशत ऋण है, उसके तहत 50 प्रतिशत स्वरोजगार, 20 प्रतिशत शिक्षा, 20 प्रतिशत स्वास्थ्य और 10 प्रतिशत आकस्मिक जरूरत के लिए दिए जाएंगे.

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टेलीग्राम ग्रुप पर जरूरतमंदों को अपनी आवश्यकता बताते हुए एक आवेदन करना होगा. फिर एक कमेटी आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी करेगी. बाद में प्रथम जांच और सर्वे किया जाएगा. जिसमें वास्तव में जरूरतमंद होने और आवश्यकता अनुसार 10 से 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. इसके बाद स्थानीय इकाई की अनुशंसा पर जरूरतमंदों को कुछ आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनके बैंक खातों में ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर कर दिया जाएगा. वहीं, लाभार्थी को 1 साल तक स्वरोजगार स्थापित करने का मौका दिया जाएगा.

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