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निकटतम प्लांट से ऑक्सीजन आवंटन और परिवहन के लिए टैंकर उपलब्ध कराने पर केंद्र करे विचार : HC

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि राजस्थान को ऑक्सीजन परिवहन के लिए पर्याप्त संख्या में टैंकर उपलब्ध कराने पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए. इसके साथ ही केंद्र सरकार को देखना चाहिए कि प्रदेश के भीतर या पास के ऑक्सीजन प्लांट से राज्य सरकार को ऑक्सीजन आवंटन किया जाए, ताकि उसके परिवहन में समय बर्बाद ना हो. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर दिए.

rajasthan high court
राजस्थान हाईकोर्ट का केंद्र को निर्देश
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Published : May 19, 2021, 11:24 AM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि वर्तमान हालातों को देखते हुए हम विश्वास करते हैं कि केंद्र सरकार दवा और ऑक्सीजन का समय पर आवंटन करेगी, जिससे एक भी व्यक्ति इससे प्रभावित ना हो. वहीं, अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ऑक्सीजन की मात्रा, परिवहन और दवाओं को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष आंकड़ों सहित मांग पेश करे.

वहीं, केंद्र सरकार एक्टिव मरीजों की संख्या के हिसाब से उस पर तत्काल कदम उठाए. केंद्र सरकार किए गए आवंटन को अगली किस्त में समायोजित भी कर सकती है. अदालत ने कहा कि महामारी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बखूबी काम कर रही हैं. यह समय एक दूसरे पर आरोप लगाने का नहीं है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात व भिवाड़ी से ऑक्सीजन दे रहा है, लेकिन टैंकर की उपलब्धता नहीं होने के चलते ऑक्सीजन परिवहन में परेशानी हो रही है.

पढ़ें : धरियावद से भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा का कोरोना से निधन, CM गहलोत ने जताया दुख

इसके अलावा केंद्र एक्टिव मरीजों के अनुपात में न तो ऑक्सीजन दे रहा है और ना ही आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवा रहा है. ऐसे में केंद्र को निर्देश दिए जाएं कि वह समय पर सप्लाई के साथ ही परिवहन के लिए टैंकर उपलब्ध कराए. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि अब केस कम होने लगे हैं. ऐसे में ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हो रही है. केंद्र सरकार हर राज्य को उचित मात्रा में आवंटन कर रही है.

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने सुझाव दिया कि हर जिला मुख्यालय पर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होना चाहिए. खंडपीठ मामले में अब 26 मई को सुनवाई करेगी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि वर्तमान हालातों को देखते हुए हम विश्वास करते हैं कि केंद्र सरकार दवा और ऑक्सीजन का समय पर आवंटन करेगी, जिससे एक भी व्यक्ति इससे प्रभावित ना हो. वहीं, अदालत ने कहा कि राज्य सरकार ऑक्सीजन की मात्रा, परिवहन और दवाओं को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष आंकड़ों सहित मांग पेश करे.

वहीं, केंद्र सरकार एक्टिव मरीजों की संख्या के हिसाब से उस पर तत्काल कदम उठाए. केंद्र सरकार किए गए आवंटन को अगली किस्त में समायोजित भी कर सकती है. अदालत ने कहा कि महामारी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बखूबी काम कर रही हैं. यह समय एक दूसरे पर आरोप लगाने का नहीं है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात व भिवाड़ी से ऑक्सीजन दे रहा है, लेकिन टैंकर की उपलब्धता नहीं होने के चलते ऑक्सीजन परिवहन में परेशानी हो रही है.

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इसके अलावा केंद्र एक्टिव मरीजों के अनुपात में न तो ऑक्सीजन दे रहा है और ना ही आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवा रहा है. ऐसे में केंद्र को निर्देश दिए जाएं कि वह समय पर सप्लाई के साथ ही परिवहन के लिए टैंकर उपलब्ध कराए. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि अब केस कम होने लगे हैं. ऐसे में ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हो रही है. केंद्र सरकार हर राज्य को उचित मात्रा में आवंटन कर रही है.

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर ने सुझाव दिया कि हर जिला मुख्यालय पर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होना चाहिए. खंडपीठ मामले में अब 26 मई को सुनवाई करेगी.

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