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पाइपलाइनों में लीकेज रिपेयर के लिए 'पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट' की पालना के निर्देश, तय समय सीमा में होगी मरम्मत - पेयजल लाइनों में लीकेज

जयपुर जलदाय विभाग अब पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट (Public Service Delivery Act) की पालना करेगा. जिसके तहत तय किए समय सीमा में पाइपलाइन की मरम्मत करनी होगी

जयपुर जलदाय विभाग, jaipur water supply department
पाइपलाइनों में लीकेज रिपेयर के निर्देश
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Published : Jun 30, 2021, 7:10 PM IST

जयपुर. जलदाय विभाग (Water Supply Department) पाइप लाइन में लीकेज रिपेयर के लिए अब पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट (Public Service Delivery Act) की पालना करेगा. इस एक्ट के तहत तय की गई समय सीमा में ही पाइपलाइन की मरम्मत करनी होगी. यह निर्देश जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बुधवार को जारी किए हैं.

पढ़ेंः सौम्या गुर्जर प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट जाएगी भाजपा, दायर की जाएगी SLP - अरुण चतुर्वेदी

जलदाय विभाग की ओर से फील्ड में पेयजल लाइनों के लीकेज की समस्या से प्रभावित लोगों को राहत देने और पानी के अपव्यय को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी. सुधांश पंत ने इस सम्बंध में एक सर्कुलर जारी कर फील्ड में कार्यरत सभी अभियंताओं को अपने अधीन पाइपलाइनों में रिसाव के मामलों में 'राजस्थान गारंटीड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विस एक्ट 2011' के प्रावधानों की पालना में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

एसीएस पंत ने विभागीय अधिकारियों को ऐसे प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए एक्ट में दी गई समय सीमा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि लीकेज के बारे में शिकायत प्राप्त होते ही सम्बंधित कनिष्ठ अभियंता या सहायक अभियंता को मौके पर भेजे और नियत समय में मरम्मत की जाए.

फील्ड अभियंता ज्यादा लीकेज वाले ऐसे स्थानों की पहचान करने के लिए नियमित तौर पर 'डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम' का सुपरविजन करेंगे, जिससे लीकेज को रिपेयर करके पेयजल आपूर्ति सुचारू की जा सके.

अधिकारियों को लीकेज मरम्मत के लिए काम में आने वाले स्पेयर पार्ट्स आदि का पर्याप्त स्टॉक रखने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवश्यकता के अनुसार पाइपलाइंस के क्षतिग्रस्त भागों को बदला जा सके. इस सम्बंध में सभी सर्किल ऑफिसर्स को अपने क्षेत्राधिकार में स्पेयर पार्ट्स की खरीद के लिए आरटीटीपी रूल्स के तहत रेट कांट्रेक्ट्स करने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ेंः युवाओं ने किया अनोखा दान, कैंसर पीड़ितों के लिए किए हेयर डोनेट

प्रदेश में सभी सहायक और कनिष्ठ अभियंताओं को लीकेज की पहचान के लिए शीघ्रता से सर्वे शुरू करने और इसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. मरम्मत और रखरखाव के कार्यों से जुड़ी निजी फर्मों को भी अपने अधीन पाइपलाइनों की स्थिति पर नजर रखने की हिदायत दी गई है. कार्यालयों में पाइपलानों में टूट-फूट, लीकेज और इस सम्बंध में की गई कार्रवाई का रिकॉर्ड रखा जाएगा, इसके आधार पर जहां कहीं भी आवश्यकता होगी, पाइपलाइनों को बदला जा सकेगा.

लीकेज मरम्मत का जिम्मा किसी निजी फर्म के पास हो तो ऐसी स्थिति में अभियंताओं को मरम्मत की कार्रवाई निर्धारित समय सीमा में करानी होगी. जिस फर्म के पास मरम्मत का ठेका है, उसके पास हर समय अनुबंध की शर्तों के अनुसार स्टॉक में पर्याप्त स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध रखने होंगे. एसीएस पंत ने बताया कि अभियन्ताओं को लीकेज मरम्मत की दैनिक प्रगति रिपोर्ट बनाने और इस सम्बंध में साइट विजिट रिपोर्ट में भी टिप्पणी दर्ज करनी होगी. ये सभी निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे.

जयपुर. जलदाय विभाग (Water Supply Department) पाइप लाइन में लीकेज रिपेयर के लिए अब पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट (Public Service Delivery Act) की पालना करेगा. इस एक्ट के तहत तय की गई समय सीमा में ही पाइपलाइन की मरम्मत करनी होगी. यह निर्देश जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बुधवार को जारी किए हैं.

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जलदाय विभाग की ओर से फील्ड में पेयजल लाइनों के लीकेज की समस्या से प्रभावित लोगों को राहत देने और पानी के अपव्यय को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाएगी. सुधांश पंत ने इस सम्बंध में एक सर्कुलर जारी कर फील्ड में कार्यरत सभी अभियंताओं को अपने अधीन पाइपलाइनों में रिसाव के मामलों में 'राजस्थान गारंटीड डिलीवरी ऑफ पब्लिक सर्विस एक्ट 2011' के प्रावधानों की पालना में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

एसीएस पंत ने विभागीय अधिकारियों को ऐसे प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए एक्ट में दी गई समय सीमा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि लीकेज के बारे में शिकायत प्राप्त होते ही सम्बंधित कनिष्ठ अभियंता या सहायक अभियंता को मौके पर भेजे और नियत समय में मरम्मत की जाए.

फील्ड अभियंता ज्यादा लीकेज वाले ऐसे स्थानों की पहचान करने के लिए नियमित तौर पर 'डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम' का सुपरविजन करेंगे, जिससे लीकेज को रिपेयर करके पेयजल आपूर्ति सुचारू की जा सके.

अधिकारियों को लीकेज मरम्मत के लिए काम में आने वाले स्पेयर पार्ट्स आदि का पर्याप्त स्टॉक रखने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवश्यकता के अनुसार पाइपलाइंस के क्षतिग्रस्त भागों को बदला जा सके. इस सम्बंध में सभी सर्किल ऑफिसर्स को अपने क्षेत्राधिकार में स्पेयर पार्ट्स की खरीद के लिए आरटीटीपी रूल्स के तहत रेट कांट्रेक्ट्स करने के निर्देश दिए गए हैं.

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प्रदेश में सभी सहायक और कनिष्ठ अभियंताओं को लीकेज की पहचान के लिए शीघ्रता से सर्वे शुरू करने और इसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. मरम्मत और रखरखाव के कार्यों से जुड़ी निजी फर्मों को भी अपने अधीन पाइपलाइनों की स्थिति पर नजर रखने की हिदायत दी गई है. कार्यालयों में पाइपलानों में टूट-फूट, लीकेज और इस सम्बंध में की गई कार्रवाई का रिकॉर्ड रखा जाएगा, इसके आधार पर जहां कहीं भी आवश्यकता होगी, पाइपलाइनों को बदला जा सकेगा.

लीकेज मरम्मत का जिम्मा किसी निजी फर्म के पास हो तो ऐसी स्थिति में अभियंताओं को मरम्मत की कार्रवाई निर्धारित समय सीमा में करानी होगी. जिस फर्म के पास मरम्मत का ठेका है, उसके पास हर समय अनुबंध की शर्तों के अनुसार स्टॉक में पर्याप्त स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध रखने होंगे. एसीएस पंत ने बताया कि अभियन्ताओं को लीकेज मरम्मत की दैनिक प्रगति रिपोर्ट बनाने और इस सम्बंध में साइट विजिट रिपोर्ट में भी टिप्पणी दर्ज करनी होगी. ये सभी निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे.

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