जयपुर. राजधानी के एक निजी होटल में 'लफ्ज' श्रंखला के आठवें संस्करण का आयोजन हुआ.प्रभा खेतान फाउंडेशन और रेख्ता फाउंडेशन के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में प्रो.अतिकुल्लाह शहर की विभिन्न सख्सियतों से रूबरू हुए. 'लफ्ज' उर्दू, अरबी और फारसी को बढ़ावा देने की एक पहल है.
कार्यक्रम के दौरान प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रेमियों से अपना सफरनामा साझा किया. उन्होंने कहा कि एक लेखक अपने जुनून और अपनी दीवानगी से पहचाना जाता है. वे यूनिवर्सिटी में पढ़ाते पढ़ाते ही लफ्जों के लिए जज्बाती हो गए और लफ्ज की जबान से खता होना बड़ा मुश्किल हो जाता है.
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महिला सशक्तिकरण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, कि उर्दू में फेमिनिजम का कांसेप्ट उन्होंने ही शुरू किया. हिंदुस्तान में दिल्ली यूनिवर्सिटी में पहली बार उर्दू में फेमिनिजम नेचर पर बात की.
कार्यक्रम की शुरुआत अपरा कुच्छल और अहसास विमान जयपुर ने की. उसके बाद आदिल रजा मंसूरी ने प्रो. अतिकुल्लाह से चर्चा की. इस मौके पर प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रमियों को अपनी नज्में सुनाकर मंत्रमुग्ध किया.
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बता दे कि प्रभा खेतान फाउंडेशन भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार और समाज कल्याण का कार्य करता है. इस संगठन की ओर से शिक्षा के स्तर, भारतीय कला और संस्कृति साहित्य, महिलाओं को जीवन यापन के लिए सशक्त बनाना, वैश्विक मानवीय और पर्यावरण मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है.
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साथ ही देशभर के विष्यधारित कार्यक्रमो का सूत्रपात कर लेखकों, साहित्यकारों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मंच प्रदान करना है.