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जयपुर में 'लफ्ज' श्रृंखला के 8वें संस्करण में उर्दू, अरबी और फारसी को बढ़ावा देने की पहल

लफ्ज़' श्रंखला के आठवें संस्करण में प्रो. अतिकुल्लाह विभिन्न सख्सियतों से रूबरू होते हुए अपना सफरनामा साझा किया. इस मौके पर प्रो.अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रमियों को अपनी नज्में सुनाकर मंत्रमुग्ध किया.

8th edition Lafz series, जयपुर लफ्ज श्रृंखला संस्करण
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Published : Sep 1, 2019, 11:04 AM IST

जयपुर. राजधानी के एक निजी होटल में 'लफ्ज' श्रंखला के आठवें संस्करण का आयोजन हुआ.प्रभा खेतान फाउंडेशन और रेख्ता फाउंडेशन के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में प्रो.अतिकुल्लाह शहर की विभिन्न सख्सियतों से रूबरू हुए. 'लफ्ज' उर्दू, अरबी और फारसी को बढ़ावा देने की एक पहल है.

जयपुर में 'लफ्ज' श्रृंखला का 8वां संस्करण

कार्यक्रम के दौरान प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रेमियों से अपना सफरनामा साझा किया. उन्होंने कहा कि एक लेखक अपने जुनून और अपनी दीवानगी से पहचाना जाता है. वे यूनिवर्सिटी में पढ़ाते पढ़ाते ही लफ्जों के लिए जज्बाती हो गए और लफ्ज की जबान से खता होना बड़ा मुश्किल हो जाता है.

पढ़ेंः जानें, बेटी के लिए 'मौत की भीख' क्यों मांग रही मां

महिला सशक्तिकरण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, कि उर्दू में फेमिनिजम का कांसेप्ट उन्होंने ही शुरू किया. हिंदुस्तान में दिल्ली यूनिवर्सिटी में पहली बार उर्दू में फेमिनिजम नेचर पर बात की.

कार्यक्रम की शुरुआत अपरा कुच्छल और अहसास विमान जयपुर ने की. उसके बाद आदिल रजा मंसूरी ने प्रो. अतिकुल्लाह से चर्चा की. इस मौके पर प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रमियों को अपनी नज्में सुनाकर मंत्रमुग्ध किया.

पढ़ेंः NRC में नाम न होने की अफवाह के बाद महिला ने आत्महत्या की

बता दे कि प्रभा खेतान फाउंडेशन भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार और समाज कल्याण का कार्य करता है. इस संगठन की ओर से शिक्षा के स्तर, भारतीय कला और संस्कृति साहित्य, महिलाओं को जीवन यापन के लिए सशक्त बनाना, वैश्विक मानवीय और पर्यावरण मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है.

पढ़ेंः अर्थव्यवस्था गिर रही है और सरकार कश्मीर को लेकर व्यस्त है : चह्वाण

साथ ही देशभर के विष्यधारित कार्यक्रमो का सूत्रपात कर लेखकों, साहित्यकारों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मंच प्रदान करना है.

जयपुर. राजधानी के एक निजी होटल में 'लफ्ज' श्रंखला के आठवें संस्करण का आयोजन हुआ.प्रभा खेतान फाउंडेशन और रेख्ता फाउंडेशन के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में प्रो.अतिकुल्लाह शहर की विभिन्न सख्सियतों से रूबरू हुए. 'लफ्ज' उर्दू, अरबी और फारसी को बढ़ावा देने की एक पहल है.

जयपुर में 'लफ्ज' श्रृंखला का 8वां संस्करण

कार्यक्रम के दौरान प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रेमियों से अपना सफरनामा साझा किया. उन्होंने कहा कि एक लेखक अपने जुनून और अपनी दीवानगी से पहचाना जाता है. वे यूनिवर्सिटी में पढ़ाते पढ़ाते ही लफ्जों के लिए जज्बाती हो गए और लफ्ज की जबान से खता होना बड़ा मुश्किल हो जाता है.

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महिला सशक्तिकरण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, कि उर्दू में फेमिनिजम का कांसेप्ट उन्होंने ही शुरू किया. हिंदुस्तान में दिल्ली यूनिवर्सिटी में पहली बार उर्दू में फेमिनिजम नेचर पर बात की.

कार्यक्रम की शुरुआत अपरा कुच्छल और अहसास विमान जयपुर ने की. उसके बाद आदिल रजा मंसूरी ने प्रो. अतिकुल्लाह से चर्चा की. इस मौके पर प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रमियों को अपनी नज्में सुनाकर मंत्रमुग्ध किया.

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बता दे कि प्रभा खेतान फाउंडेशन भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार और समाज कल्याण का कार्य करता है. इस संगठन की ओर से शिक्षा के स्तर, भारतीय कला और संस्कृति साहित्य, महिलाओं को जीवन यापन के लिए सशक्त बनाना, वैश्विक मानवीय और पर्यावरण मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है.

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साथ ही देशभर के विष्यधारित कार्यक्रमो का सूत्रपात कर लेखकों, साहित्यकारों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मंच प्रदान करना है.

Intro:लफ्ज़' श्रंखला के आठवें संस्करण में प्रो. अतिकुल्लाह विभिन्न सख्सियतों से रूबरू होते हुए अपना सफरनामा साझा किया. और 'लफ्ज' उर्दू, अरबी और फारसी को बढ़ावा देने की एक पहल की. इस मौके पर प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रमियों को अपनी नज्में सुनाकर मंत्रमुग्ध किया.


Body:जयपुर : राजधानी के एक निजी होटल में 'लफ्ज़' श्रंखला के आठवें संस्करण का आयोजन हुआ. प्रभा खेतान फाउंडेशन और रेख्ता फाउंडेशन के सहयोग से हुए कार्यक्रम में प्रो. अतिकुल्लाह शहर की विभिन्न सख्सियतों से रूबरू हुए. 'लफ्ज' उर्दू, अरबी और फारसी को बढ़ावा देने की एक पहल है.

कार्यक्रम के दौरान प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रेमियों से अपना सफरनामा साझा किया. उन्होंने कहा कि एक लेखक अपने जुनून और अपनी दीवानगी से पहचाना जाता है. वे यूनिवर्सिटी में पढ़ाते पढ़ाते ही लफ्जों के लिए जज्बाती हो गए और लफ्ज की जबान से खता होना बड़ा मुश्किल हो जाता है. इस मौके पर महिला सशक्तिकरण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, कि उर्दू में फेमिनिजम का कांसेप्ट उन्होंने ही शुरू किया. हिंदुस्तान में दिल्ली यूनिवर्सिटी पहली बार उर्दू में Feminine Nature पर बात की.

कार्यक्रम की शुरुआत अपरा कुच्छल और अहसास विमान जयपुर ने की. उसके बाद आदिल रजा मंसूरी ने प्रो. अतिकुल्लाह से चर्चा की. इस मौके पर प्रो. अतिकुल्लाह ने साहित्य प्रमियों को अपनी नज्में सुनाकर मंत्रमुग्ध किया. आपको बता दे कि प्रभा खेतान फाउंडेशन भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार और समाज कल्याण का कार्य करता है. इस संगठन द्वारा शिक्षा के स्तर, भारतीय कला और संस्कृति साहित्य, महिलाओं को जीवन यापन के लिए सशक्त बनाना, वैश्विक मानवीय और पर्यावरण मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है. साथ ही देशभर के विष्यधारित कार्यक्रमो का सूत्रपात कर लेखकों, साहित्यकारों और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मंच प्रदान करना है.

बाइट- अपरा कुच्छल, आयोजक


Conclusion:।।
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