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Infant mortality rate: प्रदेश के लिए राहत भरी खबर, एक वर्ष तक के बच्चों की मृत्युदर में 3 अंक की कमी - National infant mortality rate

प्रदेश में शिशु मृत्युदर में 3 अंक की गिरावट आई (infant mortality rate reduced in Rajasthan) है. हालांकि इसका राष्ट्रीय औसत 2 अंक है. यह जानकारी सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम बुलेटिन-2022 से सामने आई है. इसमें कहा गया है कि राज्य में 1 वर्ष तक के प्रति 1000 जीवित जन्म लेने वाले बच्चों की मृत्युदर 35 से घटकर 32 हो गई है.

Infant mortality rate reduced in Rajasthan
प्रदेश के लिए राहत भरी खबर, एक वर्ष तक के बच्चों की मृत्युदर में 3 अंक की कमी
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Published : May 26, 2022, 11:10 PM IST

जयपुर. एसआरएस (सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) बुलेटिन-2022 के अनुसार राजस्थान में 0 से 1 वर्ष तक के बच्चों की शिशु मृत्युदर (आईएमआर) में 3 अंक की कमी आयी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर में 2 अंक की कमी आई है. बुलेटिन के अनुसार राजस्थान में 0 से 1 वर्ष तक के प्रति हजार जीवित जन्म लेने वाले बच्चों की मृत्युदर 35 से घटकर 32 हो गई (infant mortality rate reduced in Rajasthan) है.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने इन परिणामों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा आधारभूत चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए जो गुणवत्तापूर्ण कार्य किए जा रहे हैं. उसके बेहतरीन परिणाम आने प्रारम्भ हो चुके हैं. सरकार ग्रास रूट लेवल से लेकर सुपर स्पेशिलिटी स्तर तक की चिकित्सा सेवाएं आमजन को निशुल्क उपलब्ध करवा रही है. यूनिवर्सल हैल्थ केयर का राजस्थान मॉडल देश-विदेश के अन्य राज्यों के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य कर रहा है. उन्होंने इन परिणामों के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों को बधाई देते हुए और अत्यधिक कर्मठता के साथ कार्य करने का संदेश दिया.

पढ़ें: एचआईवी और हेपेटाइटिस की तरह, कोविड मां से नवजात शिशु में नहीं हो सकता : विशेषज्ञ

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि सरकार द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसव पूर्व जांच कर, अति जोखिम संभावित गर्भवती महिलाओं का चिन्हीकरण किया जा रहा है तथा उन्हें प्रसव पूर्व विशेष सेवाएं प्रदान की जा रही है. इसी के साथ अति अनिमिक गर्भवती महिलाओं को आयरन सुक्रोज के इंजेक्शन लगवाकर उनका नियमित फॉलोअप किया जा रहा है. आशा एवं एएनएम द्वारा गृह भ्रमण कर धात्री माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. संभावित जोखिम की पहचान कर उन्हें रेफर किया जा रहा है. इसी कड़ी में राज्य में संचालित 2 हजार 65 न्यूबोर्न केयर कॉर्नर, 284 न्यूबोर्न स्टेबलाईजेशन यूनिट तथा 62 न्यूबोर्न केयर यूनिट द्वारा बीमार नवजात शिशुओं का गुणवत्तापूर्ण उपचार किया जा रहा है.

जयपुर. एसआरएस (सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) बुलेटिन-2022 के अनुसार राजस्थान में 0 से 1 वर्ष तक के बच्चों की शिशु मृत्युदर (आईएमआर) में 3 अंक की कमी आयी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर में 2 अंक की कमी आई है. बुलेटिन के अनुसार राजस्थान में 0 से 1 वर्ष तक के प्रति हजार जीवित जन्म लेने वाले बच्चों की मृत्युदर 35 से घटकर 32 हो गई (infant mortality rate reduced in Rajasthan) है.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने इन परिणामों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा आधारभूत चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए जो गुणवत्तापूर्ण कार्य किए जा रहे हैं. उसके बेहतरीन परिणाम आने प्रारम्भ हो चुके हैं. सरकार ग्रास रूट लेवल से लेकर सुपर स्पेशिलिटी स्तर तक की चिकित्सा सेवाएं आमजन को निशुल्क उपलब्ध करवा रही है. यूनिवर्सल हैल्थ केयर का राजस्थान मॉडल देश-विदेश के अन्य राज्यों के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य कर रहा है. उन्होंने इन परिणामों के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों को बधाई देते हुए और अत्यधिक कर्मठता के साथ कार्य करने का संदेश दिया.

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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि सरकार द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसव पूर्व जांच कर, अति जोखिम संभावित गर्भवती महिलाओं का चिन्हीकरण किया जा रहा है तथा उन्हें प्रसव पूर्व विशेष सेवाएं प्रदान की जा रही है. इसी के साथ अति अनिमिक गर्भवती महिलाओं को आयरन सुक्रोज के इंजेक्शन लगवाकर उनका नियमित फॉलोअप किया जा रहा है. आशा एवं एएनएम द्वारा गृह भ्रमण कर धात्री माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. संभावित जोखिम की पहचान कर उन्हें रेफर किया जा रहा है. इसी कड़ी में राज्य में संचालित 2 हजार 65 न्यूबोर्न केयर कॉर्नर, 284 न्यूबोर्न स्टेबलाईजेशन यूनिट तथा 62 न्यूबोर्न केयर यूनिट द्वारा बीमार नवजात शिशुओं का गुणवत्तापूर्ण उपचार किया जा रहा है.

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