जयपुर. कोरोना काल में प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा. चूंकि प्रदेश का एक बड़ा वर्ग पर्यटन व्यवसाय से जुड़ा है, ऐसे में इसे विपरीत परिस्थितियों से उबारने के लिए राज्य सरकार ने टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को इंडस्ट्रीज में शामिल किया है. उद्योग का दर्जा मिलने से प्रदेश की पर्यटन इकाइयों को औद्योगिक दर्जे के लाभ मिल सकेंगे. वहीं पर्यटन इकाइयों को औद्योगिक श्रेणी में मान कर औद्योगिक दर से नगरीय विकास कर देय (Urban development tax on tourism units) होगा.
मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2022-23 के अनुरूप पत्रावली पर स्वीकृति प्रदान करने पर स्वायत्त शासन विभाग ने शनिवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. भविष्य में पर्यटन (टूरिज्म) और आतिथ्य क्षेत्र (हॉस्पिटिलिटी सेक्टर) पर औद्योगिक दर से नगरीय विकास कर लगेगा. यानी पर्यटन इकाइयों को औद्योगिक श्रेणी में मान कर औद्योगिक दर से नगरीय विकास कर देय होगा. जिसमें होटल-मोटल, हेरिटेज होटल, बजट होटल, रेस्टोरेन्ट-कैफेटेरिया, रिसोर्ट, स्पोर्ट्स रिसोर्ट, हैल्थ रिसोर्ट स्पा, कैम्पिंग साईट, अम्यूजमेन्ट पार्क, एनिमल सफारी पार्क, माइस/कन्वेक्शन सेन्टर, म्यूजियम, रोप-वे, टयूरिस्ट लग्जरी कोच, कैरावेजन, क्रूज ट्यूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन योजना में प्रस्तावित इकाइयां शामिल हैं.
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इसके अलावा राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त पर्यटन इकाइयों, मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त पर्यटन इकाइयों, राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड/राजस्थान राज्य होटल निगम के अधिकारी क्षेत्र की पर्यटन इकाइयों (होटल/मोटल/मिडवे/ कैफेटेरिया), केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के अधीन सभी राजकीय संग्रहालय भी शामिल होंगे.