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9 सितंबर से शुरू होगी इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, 2 लाख से ज्यादा जॉब कार्ड जारी

इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना 9 सितंबर से शुरू होने जा (Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme) रही है. इसके लिए साल 2022-23 के लिए 800 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं. जिन्हें 15 दिन में रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा.

Application for Urban Employment Guarantee Scheme
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना
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Published : Sep 2, 2022, 9:12 PM IST

जयपुर. 9 सितंबर से शुरू हो रही इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में अब तक 2 लाख से अधिक जाॅब कार्ड जारी किए जा (Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme) चुके हैं. इसमें पंजीकृत सदस्यों की संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है. इनके लिए सभी नगरीय निकायों में 9500 से ज्यादा कार्य चिह्नित किए गए. सभी नगरीय निकायों को बजट भी आवंटित कर दिया गया है. इन चिह्नित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रुपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है.

योजना में 800 करोड़ का बजट : राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध करवाने की दिशा में बजट में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा की थी. प्रदेश में ये योजना 9 सितम्बर से शुरू होने जा रही है. योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका के लिए हर साल 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा है. राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोज़गार छिनने से जो परिवार कमज़ोर और असहाय हो गए हैं, उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा.

पढ़ें. MGNREGA in Rajasthan: शहरी क्षेत्रों में भी मिलेगा रोजगार, टास्क पूरा नहीं किया तो तय मानदेय में होगी कटौती

जाॅब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सदस्य पात्र : योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा. योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं. योजना में पंजीयन जनआधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है. एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है. जिन परिवारों के जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे ई-मित्र या नगरपालिका सेवा केंद्र पर जनआधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक के आधार पर जाॅब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे.

आवेदन के बाद 15 दिन में होगा रोजगार उपलब्ध : योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है. आवेदन करने के बाद 15 दिन में रोजगार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है. पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा. योजना के लिए राज्य सरकार ने एक वेब पोर्टल www.irgyurban.rajasthan.gov.in भी शुरू किया है. आमजन इस पोर्टल से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

पढ़ें. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में तय किए गए मिनीमम वेजेस पर बेरोजगारों ने उठाए सवाल

प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियां गठित : योजना के क्रियान्वयन के लिए 2561 विभिन्न पदों पर संविदा आधार पर भर्ती के लिए सभी जिलों में विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है. साथ ही इस योजना के लिये सभी निकायों के संबंधित कार्मिको और ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण पूर्ण करवाया जा चुका है. राज्य सरकार का प्रयास है कि इस योजना का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो. इसके लिए राज्य, संभाग, जिला और निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है. योजना की सतत माॅनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी.

योजना में इन कार्यों का है प्रावधान : योजना में श्रम और सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75ः25 में निर्धारित किया गया है. विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञों और कुशल श्रमिकों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25ः75 हो सकेगा. योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्जेशन कार्य, हैरिटेज सरंक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे.

जयपुर. 9 सितंबर से शुरू हो रही इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में अब तक 2 लाख से अधिक जाॅब कार्ड जारी किए जा (Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme) चुके हैं. इसमें पंजीकृत सदस्यों की संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है. इनके लिए सभी नगरीय निकायों में 9500 से ज्यादा कार्य चिह्नित किए गए. सभी नगरीय निकायों को बजट भी आवंटित कर दिया गया है. इन चिह्नित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रुपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है.

योजना में 800 करोड़ का बजट : राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध करवाने की दिशा में बजट में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा की थी. प्रदेश में ये योजना 9 सितम्बर से शुरू होने जा रही है. योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका के लिए हर साल 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान रखा है. राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोज़गार छिनने से जो परिवार कमज़ोर और असहाय हो गए हैं, उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा.

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जाॅब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सदस्य पात्र : योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा. योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा. इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं. योजना में पंजीयन जनआधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है. एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है. जिन परिवारों के जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे ई-मित्र या नगरपालिका सेवा केंद्र पर जनआधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक के आधार पर जाॅब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे.

आवेदन के बाद 15 दिन में होगा रोजगार उपलब्ध : योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है. आवेदन करने के बाद 15 दिन में रोजगार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है. पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा. योजना के लिए राज्य सरकार ने एक वेब पोर्टल www.irgyurban.rajasthan.gov.in भी शुरू किया है. आमजन इस पोर्टल से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियां गठित : योजना के क्रियान्वयन के लिए 2561 विभिन्न पदों पर संविदा आधार पर भर्ती के लिए सभी जिलों में विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है. साथ ही इस योजना के लिये सभी निकायों के संबंधित कार्मिको और ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण पूर्ण करवाया जा चुका है. राज्य सरकार का प्रयास है कि इस योजना का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो. इसके लिए राज्य, संभाग, जिला और निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है. योजना की सतत माॅनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी.

योजना में इन कार्यों का है प्रावधान : योजना में श्रम और सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75ः25 में निर्धारित किया गया है. विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञों और कुशल श्रमिकों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25ः75 हो सकेगा. योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्जेशन कार्य, हैरिटेज सरंक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे.

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