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यूक्रेन के कीव में कर्फ्यू : यूनिवर्सिटी हॉस्टल में खाने-पीने का संकट, जोधपुर की छात्राओं ने बताई आपबीती...जानिए किसने क्या कहा - Rajasthan Hindi News

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते यूक्रेन के कीव में शाम 5 से सुबह 8 बजे तक का सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. इसके चलते वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों के सामने समस्या खड़ी हो (Indian students facing problems during Ukraine Russia war) गई है. हाल ही दो भारतीय छात्राओं ने बताया कि उनके यूनिवर्सिटी हॉस्टल में खाने-पीने का संकट हो गया है. बाहर से सामान लाने में भी दिक्कत हो रही है.

Indian students facing problems during Ukraine Russia war
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध
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Published : Feb 27, 2022, 11:23 AM IST

Updated : Feb 27, 2022, 10:04 PM IST

जोधपुर. यूक्रेन की राजधानी कीव में अब लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है. शनिवार शाम 5 बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया है. इसकी सूचना दोपहर में दी गई. इधर तीन दिनों से हॉस्टल के बंकर में बैठे भारतीय छात्रों के पास खाने-पीने की सामग्री का संकट हो गया है. कर्फ्यू का नोटिस मिलने के बाद शनिवार दोपहर को हॉस्टल से निकली जोधपुर की छात्रा नेहा भाटी और सुरभि श्रीवास्तव ने वहां के पूरे हालात बताए.

उनका कहना है कि अभी तक भारतीय दूतावास से उनके पास कोई नही पहुंचा है. वहां पर 50 से ज्यादा भारतीय छात्र हैं. इनमें जोधपुर के भी 4-5 छात्र हैं. खाने-पीने का सामान खत्म हो गया (Indian students facing food problem in Ukraine) है. दोनों छात्राएं खाने-पीने के सामान के लिए बाहर निकलीं. यूनिवर्सिटी कैंपस के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए. बड़ी मुश्किल से एक दरवाजे से बाहर निकली, तो वहां दुकानों पर कार्ड की जगह कैश लिया जा रहा था. उनके पास कैश नहीं था. मेट्रो स्टेशन पर उन्होंने एक महिला से गुजारिश कर बड़ी मुश्किल से कुछ नगद राशि हासिल की. उसके बाद एक जगह से खाने का सामान और नैपकिन लेकर वापस यूनिवर्सिटी पहुंची.

जोधपुर की छात्राओं ने बताई आपबीती, सुनिए क्या कहा...

पढ़ें: रोमानिया बॉर्डर: भारी संख्या में पहुंचे भारतीय छात्रों के निकासी में देरी को लेकर रोष

वहां शाम 5 से सुबह 8 बजे तक का सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. प्रशासन का कहना है कि इस दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकलें, क्योंकि रूस का आक्रमण और तेज हो सकता है. यूक्रेन के सभी संस्थानों पर सेना तैनात है. अभी तक भारतीय दूतावास की और से कीव में किसी भारतीय को निकलने को लेकर प्रयास नहीं हुए है. अन्य शहरों से छात्रों को निकाला जा रहा है. कीव के छात्रों को पोलैंड जाने का कहा गया है. लेकिन यह आसान नहीं है, क्योंकि रूस लगातार कीव की घेराबंदी कर रहा है.

पढ़ें: यूक्रेन से 8 स्टूडेंट्स पहुंचे जयपुर एयरपोर्ट, ममता भूपेश ने किया रिसीव... बोलीं- सरकार स्टूडेंट्स को सुरक्षित लाने का कर रही प्रयास

हंगरी के रास्ते लाए छात्रों में जोधपुर की दीपिका पहुंची अपने घर...
हंगरी के रास्ते यूक्रेन से भारत आ रहे छात्रों में जोधपुर की दीपिका भाटी भी आज अपने घर लौटी. आज अल सुबह ही एयर इंडिया की फ्लाइट से भारत आई थी. दीपिका ने बताया कि वह एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा है. 6 महीने पहले ही वहां गई थी. युद्ध शुरू होने के बाद से ही हम सब डरे हुए थे. लेकिन हमारे शहर में स्थिति ठीक थी. ऐसे में युद्ध शुरू होने के बाद भारतीय की दूतावास ने हमसे संपर्क किया. हमें हंगरी लेकर गए और वहां से दिल्ली लाए और दिल्ली से राजस्थान सरकार ने जोधपुर पहुंचाया है.

deepika of jodhpur
दीपिका पहुंची अपने घर...

यूक्रेन संकट के बीच स्वदेश लौटीं चार छात्राएं, परिजनों से मिल छलके खुशी के आंसू...
यूक्रेन-रूस संकट के बीच वहां रह रहे और अधयन्न कर रहे राजस्थानी स्टूडेंट्स का घर लौटने का सिलसिला जारी है. आज मार्बल सिटी किशनगढ़ के एयरपोर्ट पर दिल्ली से चार स्टूडेंट्स को लेकर स्पाइस जेट की फ्लाइट पहुंची. स्नेहा सुसन जॉर्ज, स्वर्णिमा सिंह, कृतज्ञा आचार्य व हर्षिता सिंह के एयरपोर्ट से बाहर आते ही परिवार से मिलकर खुशी के आंसू झलक गए. किशनगढ एयरपोर्ट पहुंची चार छात्राएं ब्यावर, नागौर और अजमेर की रहने वाली हैं.

अपने घर लौटीं इन छात्राओं ने बताया कि यूक्रेन में ट्रेन, सड़क मार्ग व हवाई मार्ग बंद होने से हालत गंभीर होते जा रहे हैं. स्वदेश लौटी छात्राओं ने बताया कि राजस्थान के करीब 3500 छात्र अभी भी वहां फंसे हुए हैं और इंटरनेट व वेबसाइट बंद होने से उनके परिजनों से बातचीत भी नहीं हो पा रही. किशनगढ एयरपोर्ट पहुंचीं छात्राओं को रिसीव करने के लिए SDM परसाराम सैनी पहुंचें और उन्हें सुरक्षित घर तक पहुंचाने के बंदोबस्त किए. सुरक्षित रूप से अपने घर लौटने पर इन छात्राओं ने केंद्र और राज्य सरकार का आभार जताया और जल्द हालात सामान्य होने की प्रार्थना की.

यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों ने की जयपुर ग्रामीण सांसद से मुलाकात...
यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे राजस्थान के कई छात्र फंसे हुए हैं. युद्ध क्षेत्र में बंदिशों के कारण छात्रों के सामने रहने और खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. यूक्रेन में फंसे छात्रों एवं उनके परिजनों को घर वापसी की चिंता सताने लगी है. फोन के माध्यम से लगातार छात्र एवं परिजन एक दूसरे के संपर्क में रहकर स्थिति के बारे में अवगत करवा रहे हैं. विराटनगर के पावटा कस्बे के दीपक चौधरी यूक्रेन के मायक्लोव में पेट्रो मोहल्या ब्लेक सी यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रहे हैं.

यूक्रेन में युद्ध होने के कारण अपने साथियों के साथ तलघर में रात-दिन गुजारने पर मजबूर हैं. छात्र दीपक के पिता जगन ने जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ से मिलकर उनके बच्चों को सकुशल वापस लाने की गुहार लगाई है. सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को निरंतर रेस्क्यू कर रही है. शीघ्र ही उनके बच्चों को सकुशल वतन ले आएंगे.

यूक्रेन में फंसा आबूरोड का छात्र, 4 दिन से है बंकर में...
रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के कारण यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. वहीं, सिरोही जिले के आबूरोड निवासी पंकज जांगिड़ राजधानी कीव में फंसा हुआ है. ऐसे में आबूरोड में पंकज का परिवार परेशान है और भारत सरकार से पंकज को सुरक्षित लाने की मांग कर रहा है.

जोधपुर. यूक्रेन की राजधानी कीव में अब लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है. शनिवार शाम 5 बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया है. इसकी सूचना दोपहर में दी गई. इधर तीन दिनों से हॉस्टल के बंकर में बैठे भारतीय छात्रों के पास खाने-पीने की सामग्री का संकट हो गया है. कर्फ्यू का नोटिस मिलने के बाद शनिवार दोपहर को हॉस्टल से निकली जोधपुर की छात्रा नेहा भाटी और सुरभि श्रीवास्तव ने वहां के पूरे हालात बताए.

उनका कहना है कि अभी तक भारतीय दूतावास से उनके पास कोई नही पहुंचा है. वहां पर 50 से ज्यादा भारतीय छात्र हैं. इनमें जोधपुर के भी 4-5 छात्र हैं. खाने-पीने का सामान खत्म हो गया (Indian students facing food problem in Ukraine) है. दोनों छात्राएं खाने-पीने के सामान के लिए बाहर निकलीं. यूनिवर्सिटी कैंपस के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए. बड़ी मुश्किल से एक दरवाजे से बाहर निकली, तो वहां दुकानों पर कार्ड की जगह कैश लिया जा रहा था. उनके पास कैश नहीं था. मेट्रो स्टेशन पर उन्होंने एक महिला से गुजारिश कर बड़ी मुश्किल से कुछ नगद राशि हासिल की. उसके बाद एक जगह से खाने का सामान और नैपकिन लेकर वापस यूनिवर्सिटी पहुंची.

जोधपुर की छात्राओं ने बताई आपबीती, सुनिए क्या कहा...

पढ़ें: रोमानिया बॉर्डर: भारी संख्या में पहुंचे भारतीय छात्रों के निकासी में देरी को लेकर रोष

वहां शाम 5 से सुबह 8 बजे तक का सख्त कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. प्रशासन का कहना है कि इस दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकलें, क्योंकि रूस का आक्रमण और तेज हो सकता है. यूक्रेन के सभी संस्थानों पर सेना तैनात है. अभी तक भारतीय दूतावास की और से कीव में किसी भारतीय को निकलने को लेकर प्रयास नहीं हुए है. अन्य शहरों से छात्रों को निकाला जा रहा है. कीव के छात्रों को पोलैंड जाने का कहा गया है. लेकिन यह आसान नहीं है, क्योंकि रूस लगातार कीव की घेराबंदी कर रहा है.

पढ़ें: यूक्रेन से 8 स्टूडेंट्स पहुंचे जयपुर एयरपोर्ट, ममता भूपेश ने किया रिसीव... बोलीं- सरकार स्टूडेंट्स को सुरक्षित लाने का कर रही प्रयास

हंगरी के रास्ते लाए छात्रों में जोधपुर की दीपिका पहुंची अपने घर...
हंगरी के रास्ते यूक्रेन से भारत आ रहे छात्रों में जोधपुर की दीपिका भाटी भी आज अपने घर लौटी. आज अल सुबह ही एयर इंडिया की फ्लाइट से भारत आई थी. दीपिका ने बताया कि वह एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा है. 6 महीने पहले ही वहां गई थी. युद्ध शुरू होने के बाद से ही हम सब डरे हुए थे. लेकिन हमारे शहर में स्थिति ठीक थी. ऐसे में युद्ध शुरू होने के बाद भारतीय की दूतावास ने हमसे संपर्क किया. हमें हंगरी लेकर गए और वहां से दिल्ली लाए और दिल्ली से राजस्थान सरकार ने जोधपुर पहुंचाया है.

deepika of jodhpur
दीपिका पहुंची अपने घर...

यूक्रेन संकट के बीच स्वदेश लौटीं चार छात्राएं, परिजनों से मिल छलके खुशी के आंसू...
यूक्रेन-रूस संकट के बीच वहां रह रहे और अधयन्न कर रहे राजस्थानी स्टूडेंट्स का घर लौटने का सिलसिला जारी है. आज मार्बल सिटी किशनगढ़ के एयरपोर्ट पर दिल्ली से चार स्टूडेंट्स को लेकर स्पाइस जेट की फ्लाइट पहुंची. स्नेहा सुसन जॉर्ज, स्वर्णिमा सिंह, कृतज्ञा आचार्य व हर्षिता सिंह के एयरपोर्ट से बाहर आते ही परिवार से मिलकर खुशी के आंसू झलक गए. किशनगढ एयरपोर्ट पहुंची चार छात्राएं ब्यावर, नागौर और अजमेर की रहने वाली हैं.

अपने घर लौटीं इन छात्राओं ने बताया कि यूक्रेन में ट्रेन, सड़क मार्ग व हवाई मार्ग बंद होने से हालत गंभीर होते जा रहे हैं. स्वदेश लौटी छात्राओं ने बताया कि राजस्थान के करीब 3500 छात्र अभी भी वहां फंसे हुए हैं और इंटरनेट व वेबसाइट बंद होने से उनके परिजनों से बातचीत भी नहीं हो पा रही. किशनगढ एयरपोर्ट पहुंचीं छात्राओं को रिसीव करने के लिए SDM परसाराम सैनी पहुंचें और उन्हें सुरक्षित घर तक पहुंचाने के बंदोबस्त किए. सुरक्षित रूप से अपने घर लौटने पर इन छात्राओं ने केंद्र और राज्य सरकार का आभार जताया और जल्द हालात सामान्य होने की प्रार्थना की.

यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों ने की जयपुर ग्रामीण सांसद से मुलाकात...
यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे राजस्थान के कई छात्र फंसे हुए हैं. युद्ध क्षेत्र में बंदिशों के कारण छात्रों के सामने रहने और खाने की समस्या उत्पन्न हो गई है. यूक्रेन में फंसे छात्रों एवं उनके परिजनों को घर वापसी की चिंता सताने लगी है. फोन के माध्यम से लगातार छात्र एवं परिजन एक दूसरे के संपर्क में रहकर स्थिति के बारे में अवगत करवा रहे हैं. विराटनगर के पावटा कस्बे के दीपक चौधरी यूक्रेन के मायक्लोव में पेट्रो मोहल्या ब्लेक सी यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रहे हैं.

यूक्रेन में युद्ध होने के कारण अपने साथियों के साथ तलघर में रात-दिन गुजारने पर मजबूर हैं. छात्र दीपक के पिता जगन ने जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ से मिलकर उनके बच्चों को सकुशल वापस लाने की गुहार लगाई है. सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों को निरंतर रेस्क्यू कर रही है. शीघ्र ही उनके बच्चों को सकुशल वतन ले आएंगे.

यूक्रेन में फंसा आबूरोड का छात्र, 4 दिन से है बंकर में...
रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के कारण यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. वहीं, सिरोही जिले के आबूरोड निवासी पंकज जांगिड़ राजधानी कीव में फंसा हुआ है. ऐसे में आबूरोड में पंकज का परिवार परेशान है और भारत सरकार से पंकज को सुरक्षित लाने की मांग कर रहा है.

Last Updated : Feb 27, 2022, 10:04 PM IST
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