जयपुर. केंद्र सरकार ने आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने की तैयारी कर ली है. जिसके बाद भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (Centre to impose GST on essential food items) इसके विरोध में उतर गया है. 16 जुलाई को देश भर में व्यापार बंद का आह्वान भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से किया गया है. व्यापार मंडल का कहना है कि यदि आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाई जाती है तो एक बड़ा व्यापारी वर्ग इससे प्रभावित होगा और इसका सीधा नुकसान आम जनता को उठाना पड़ेगा.
मामले को लेकर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी. हमारी मांग थी कि आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स नहीं लगाया जाए. उन्होंने कहा कि हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक में आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स लगाने की अनुशंसा की गई है. जिसमें गेहूं, आटा, दाल, चावल, गुड़, शहद ,बटर आदि वस्तुओं को शामिल किया गया है.
इसके अलावा बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी खाद्य वस्तु बिना पैकिंग और लेबलिंग के बाजार में नहीं बेची जा सकेगी. ऐसे में आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने का विरोध भारतीय उद्योग व्यापार मंडल कर रहा है. बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि यदि इन वस्तुओं पर जीएसटी लगाई जाती है तो भारत में 7,300 मंडियां 13,000 दाल मिलें, 9,600 चावल मिलें 8,800 आटा मिलें और तीन करोड़ व्यापारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. इसके अलावा यदि जीएसटी लगाने के आदेश जारी हो जाते हैं तो आम जनता की जेब पर भी इसका असर पड़ेगा.
देशभर में व्यापार बंदः जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद हाल ही में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की कार्यकारिणी समिति की बैठक दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित हुई थी. जहां देश भर से आए सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. ऐसे में आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स लगाने के विरोध में सभी व्यापारी उतर गए हैं. ऐसे में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने निर्देश देते हुए कहा है कि 14 जुलाई को देश की सभी मंडियां, आटा मिलें, दाल मिलें और आवश्यक वस्तुओं से जुड़े कारोबारियों ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. यदि 18 जुलाई को लागू होने वाले इस फैसले को सरकार वापस नहीं लेती है तो 16 जुलाई को देशभर में व्यापारी सड़कों पर उतरेंगे और 1 दिन व्यापार ठप रहेगा.