जयपुर. राजधानी में मानसागर झील की पाल पर 25 वां भारतीय पक्षी मेला आयोजित किया जा रहा है. दो दिवसीय इंडियन बर्ड फेयर (Indian Bird Fair 2022) को देखने के लिए काफी संख्या में स्कूली बच्चे पहुंच रहे हैं. पक्षी मेले में पहुंच रहे सभी बच्चे और पक्षी प्रेमी विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को देख रहे हैं. सभी को दूरबीन और टेलीस्कोप के जरिए प्रवासी पक्षी दिखाए जा रहे हैं. साइबेरिया, रशिया यूरोप और मंगोलिया से आए प्रवासी पक्षियों को निहार रहे हैं. इस बार का पक्षी मेला नगरीय पक्षियों को समर्पित है.
वन विभाग और टीडब्ल्यूएसआई की ओर से पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है. प्रदेश भर के कई पक्षी अभ्यारण से पक्षी विशेषज्ञ मानसागर झील की पाल पर पक्षी मेले में पहुंचे हैं. स्थानीय और प्रवासी पक्षियों को मानसागर झील की पाल पर गिना जा रहा है. पक्षी मेले में पहुंचे स्कूली बच्चों ने भी विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के बारे में जानकारियां प्राप्त की. बच्चों को अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई गई. पक्षी मेले में पहुंचे बच्चे काफी उत्साहित नजर आए. बच्चों के लिए पेंटिंग कंपटीशन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.
वन विभाग के एसीएफ गजनफर अली जैदी ने बताया कि पक्षी मेले में कई प्रकार की एक्टिविटीज की जा रही है. पक्षी मेले के दूसरे दिन रविवार को जयपुर शहर के आसपास की वेटलैंड से पक्षियों की फोटोग्राफ्स कलेक्ट की जाएंगी. बच्चों के लिए चित्रकला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है. पक्षी मेले के समापन पर बच्चों को प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन किए जाएंगे.
जल महल और मानसागर की झील काफी महत्वपूर्ण पैलेस है, यह नाहरगढ़ सेंचुरी में आता है. इस एरिया को मार्च 2019 में इको सेंसिटिव एरिया घोषित किया गया था. इको सेंसेटिव जोन घोषित होने से क्षेत्र को और प्रोटेक्शन मिलेगा. धीरे-धीरे वेटलैंड्स खत्म होती जा रही है, इनको सरकार के प्रोडक्शन की जरूरत है और लोगों को जागरुक होने की भी जरूरत है. पक्षी मेले के माध्यम से लोगों को प्रकृति संरक्षण के लिए जागरुक भी किया जा रहा है. बच्चों और आमजन को पक्षियों के बारे में तमाम जानकारियां उपलब्ध करवाई जा रही.
बर्ड्स एक्सपर्ट डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि मानसागर की पाल पर 25वां भारतीय पक्षी मेला आयोजित किया जा रहा है. इस बार पक्षी मेला नगरीय पक्षियों को समर्पित है. लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि उनके आसपास कौन सी चिड़िया रहती है. पक्षी मेले के माध्यम से जयपुर शहर के 30 लाख लोगों को यह जागृत किया जा रहा है कि आपके आसपास जितने अधिक संख्या में पक्षी रहेंगे आपकी तंदुरुस्ती उतनी ही बेहतर रह सकेगी.
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मानसागर में अभी करीब डेढ़ हजार पक्षी है, जिनमें से करीब 70% पक्षी वह है, जो केवल भारत में ही प्रजनन करते हैं और 30% वह पक्षी है जो विदेशों से आते हैं. सबसे बड़े आकर्षण का केंद्र एक सफेद रंग का पक्षी है, जिसे ग्रेट वाइट पेलिकन कहते हैं. इस पक्षी को हिंदी में हवासील कहते हैं. यह मछली खाने वाला पक्षी है. उनकी समस्या यह है कि इनको जिस साइज की मछली चाहिए, वह यहां पर नहीं है. मानसागर में मंगूर और तिलपिया मछली है. मंगूर को खा नहीं सकते और तिलपिया में कांटे होते हैं, जिसकी वजह से खाया नहीं जा सकता. इन मछलियों से इकोलॉजी को काफी हद तक नुकसान पहुंच रहा है.
बर्ड्स एक्सपर्ट डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि पक्षी मेले में बच्चों के लिए ओपन सेशन रखा गया है, ओपन सेशन में प्रश्न उत्तर होते हैं. श्रेष्ठ प्रश्नों को इनाम दिए जाते हैं. इसके साथ ही बच्चों के लिए पेंटिंग कंपटीशन भी आयोजित किया गया है. म्यूजिक बैंड भी लगाया गया है. पक्षी मेले में स्टाल लगाई गई है, जहां पर बच्चों को विभिन्न जानकारियां उपलब्ध करवाई जा रही है.