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कैसे लहराएंगे गौरव का परचम : सरकारी भंवर में उलझी खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि...4 साल से इंतजार

ओलंपिक हो या पैरालंपिक हर मोर्चे पर राजस्थान के खिलाड़ियों ने दम दिखाया है. अपने जज्बे से इन खिलाड़ियों ने विदेशी धरती पर भारत को गोरवांवित किया है. लेकिन इस उजले पक्ष से इतर सरकारी उदासीनता के ऐसे भी कई उदाहरण हैं जो कि खिलाड़ियों के मनोबल को तोड़ रहे हैं. नेशनल स्तर पर मेडल जीत चुके कई खिलाड़ी आज भी प्रोत्साहन राशि के इंतजार में हैं.

incentive money after winning the medal
खेल मंत्री अशोक चांदना
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Published : Sep 9, 2021, 5:04 PM IST

जयपुर. ओलंपिक और पैरालंपिक में राजस्थान के खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया. इन खिलाड़ियों की कामयाबी ने औरों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है. इन सब के बीच जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम (SMS Stadium Jaipur) के कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिन्हें आज भी प्रोत्साहन राशि का इंतजार है. इनमें कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते हैं.

जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में हर दिन बड़ी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करने पहुंचते हैं. इनमें से कुछ तो खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते हैं. लेकिन आज तक इन खिलाड़ियों को खेल परिषद की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का इंतजार है. इस तरह के खिलाड़ियों की काफी लंबी लिस्ट है. 4 साल बीत जाने के बावजूद भी खिलाड़ियों को अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाई.

कैसे लहराएंगे गौरव का परचम...

एथलीट ग्राउंड पर आने वाले उमेश लांबा कहते हैं कि उन्होंने राजस्थान के लिए कई मेडल जीते, लेकिन अभी तक खेल परिषद की ओर से दी जाने वाली राशि का इंतजार है. इसके अलावा एथलीट ग्राउंड के हालात भी कुछ ठीक नहीं है और लंबे समय से ग्राउंड की मरम्मत तक नहीं हुई. वहीं, भानु शर्मा का कहना है कि लंबे समय से वे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने स्तर पर इक्विपमेंट खरीदना पड़ता है. यदि खेल परिषद की ओर से उनकी अटकी हुई राशि समय पर दी जाए तो खिलाड़ी बेहतर तरीके से अभ्यास कर सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों तक पहुंच सकते हैं.

मंत्री ने भी मानी पेंडेंसी...

इस मामले को लेकर खेल मंत्री अशोक चांदना से पूछा गया तो उनका कहना था कि उनके संज्ञान में आया है कि लंबे समय से खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि दी जाए. क्योंकि इस तरह के खिलाड़ियों की पेंडेंसी बढ़ रही है.

पढ़ें : कटारिया ने लिखा एसीबी महानिदेशक को पत्र, इस मामले में ACB की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल

वहीं, इक्विपमेंट की कमी को लेकर खेल मंत्री ने कहा कि हम खिलाड़ियों के हितों को लेकर काम कर रहे हैं और आने वाले 2 से 3 महीने के अंदर खिलाड़ियों से जुड़ा एक प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद काबिलियत रखने वाले खिलाड़ी को अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा.

जयपुर. ओलंपिक और पैरालंपिक में राजस्थान के खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया. इन खिलाड़ियों की कामयाबी ने औरों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है. इन सब के बीच जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम (SMS Stadium Jaipur) के कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिन्हें आज भी प्रोत्साहन राशि का इंतजार है. इनमें कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते हैं.

जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में हर दिन बड़ी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करने पहुंचते हैं. इनमें से कुछ तो खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते हैं. लेकिन आज तक इन खिलाड़ियों को खेल परिषद की ओर से दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का इंतजार है. इस तरह के खिलाड़ियों की काफी लंबी लिस्ट है. 4 साल बीत जाने के बावजूद भी खिलाड़ियों को अब तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पाई.

कैसे लहराएंगे गौरव का परचम...

एथलीट ग्राउंड पर आने वाले उमेश लांबा कहते हैं कि उन्होंने राजस्थान के लिए कई मेडल जीते, लेकिन अभी तक खेल परिषद की ओर से दी जाने वाली राशि का इंतजार है. इसके अलावा एथलीट ग्राउंड के हालात भी कुछ ठीक नहीं है और लंबे समय से ग्राउंड की मरम्मत तक नहीं हुई. वहीं, भानु शर्मा का कहना है कि लंबे समय से वे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने स्तर पर इक्विपमेंट खरीदना पड़ता है. यदि खेल परिषद की ओर से उनकी अटकी हुई राशि समय पर दी जाए तो खिलाड़ी बेहतर तरीके से अभ्यास कर सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों तक पहुंच सकते हैं.

मंत्री ने भी मानी पेंडेंसी...

इस मामले को लेकर खेल मंत्री अशोक चांदना से पूछा गया तो उनका कहना था कि उनके संज्ञान में आया है कि लंबे समय से खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि दी जाए. क्योंकि इस तरह के खिलाड़ियों की पेंडेंसी बढ़ रही है.

पढ़ें : कटारिया ने लिखा एसीबी महानिदेशक को पत्र, इस मामले में ACB की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल

वहीं, इक्विपमेंट की कमी को लेकर खेल मंत्री ने कहा कि हम खिलाड़ियों के हितों को लेकर काम कर रहे हैं और आने वाले 2 से 3 महीने के अंदर खिलाड़ियों से जुड़ा एक प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद काबिलियत रखने वाले खिलाड़ी को अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा.

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