जयपुर. चिकित्सा विभाग की ओर से कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए चलाई जा रही पीसीपीएनडीटी मुखबिर योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 50 हजार रुपये बढ़ा दिया गया है. अब मुखबिर योजना की प्रोत्साहन राशि ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख कर दी गई है. इसके अलावा आने वाले दिनों में प्रदेश के चयनित 332 सामुदायिक केंद्रों पर सोनोग्राफी सेंटर भी बनाए जाएंगे.
शक्रवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड की बैठक ली. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रूण लिंग परीक्षण को रोकने एवं बेटियों को बचाने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट की प्रभावी पालना सुनिश्चित की जा रही है.
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि पूर्व में मुखबिर योजना के तहत भ्रूण लिंग परीक्षण संबंधी सूचना देने पर तीन किश्तों में ढाई लाख रुपये तक की राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती थी लेकिन अब सफल डिकाय ऑपरेशन पर मुखबिर, डिकॉय गर्भवती महिला एवं सहयोगी को दो किस्तों में तीन लाख रुपये भुगतान किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सोनोलोजिस्ट की परीक्षा और प्रशिक्षण भी निरंतर करवाया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि सोनोग्राफी मशीनों को ख़रीदते समय बाय बैंक पद्दति अपनाई जाए ताकि नई तकनीक आने के बाद पुरानी मशीनों को वापस कर नई मशीनें ली जा सकें. चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 265 राजकीय सोनोग्राफी केन्द्र एवं 3 हजार 483 निजी सहित कुल 3 हजार 748 रजिस्टर्ड सोनोग्राफी केन्द्र हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत इस वर्ष अब तक लगभग 1220 केन्द्रों का निरीक्षण किया जा चुका है.
2021 में दो सोनोग्राफी सेंटर सीज, 7 आरोपी गिरफ्तार
वर्ष 2021 में अब तक तीन डिकॉय ऑपरेशन कर दो सोनोग्राफी सेंटर को सीज किया गया है और 7 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अब तक कुल 158 डिकॉय ऑपरेशन कर 170 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य में लगभग 130 एमआरआई सेंटर स्थापित हैं. इन सभी 130 एमआरआई सेंटर्स को तकनीकी विशेषज्ञों की राय के अनुसार पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत पंजीकरण कर अधिनियम के दायरे में लाने की तैयारी की गई है.
राज्य में सोनोग्राफी केन्द्रों की ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया 1 अप्रेल से प्रारम्भ की जा चुकी है. इसके तहत अब तक कुल 68 केंद्रों का पंजीकरण ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया जा चुका है. इस अवसर पर नागौर के जायल से विधायक मंजू देवी, अलवर के बानसूर से विधायक शकुंतला रावत, मिशन निदेशक एनएचएम सुधीर शर्मा, निदेशक जन स्वास्थ्य डॉक्टर के के शर्मा, निदेशक आरसीएच डॉ. एलएस ओला सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे.