जयपुर. ज्येष्ठ शुक्ल दशमी रविवार को मां गंगा और वेद माता गायत्री का अवतरण दिवस मनाया जायेगा जो कि चित्रा नक्षत्र व रवियोग में मनेगा. गंगा दशहरा के मौके पर गायत्री परिवार की ओर से तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में घरों में यज्ञ, 24 अक्षरों के गायत्री महामंत्र की साधना से देवताओं की आराधना होगी.
ज्योतिषचार्य पंडित विष्णु शर्मा ने बताया कि नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति को सबसे बड़ा और प्रभावशाली माना गया है. बृहस्पति के वक्रीय होने से शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण के साथ ही राष्ट्रहित के विषयों में बेहतर परिणाम प्रजा को मिलेंगे. भाद्रपद मास में न्याय के देवता शनि को गुरु का साथ मिलेगा, जिससे मेघ मेहरबान होंगे. इस दिन गंगा माता, भोलेनाथ और भगवान विष्णु की आराधना करना शुभदायी रहेगा. साथ ही मंत्रोच्चार कर वस्तुओं का दान भी करें.
हालांकि कोरोना के चलते गंगा स्नान, गलता जी, पुष्कर सहित अन्य तीर्थों पर लोग आस्था की डुबकी नहीं लगा सकेंगे. बता दें कि देवी गंगा का 10 दिव्य योग की साक्षी में पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. जिसमें ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्तनक्षत्र, व्यतिपात योग, गरकरण, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा, वृष राशि स्थित सूर्य होने वाली दशमी को गंगाजी का अवतरण हुआ था.
गंगादशमी यह स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त है. इसलिए दस के अंक का इस दिन विशेष महत्व है. वहीं इस बार पांच योग रहेंगे, जिसमें ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, कन्या राशि का चंद्रमा, गरकरण योग ही मिलेगा. इस दिन नदी में स्नान करना शुभ माना है, हालांकि कोरोना के चलते गंगाजल में स्नान कर गंगामाता का आहवान करने से आरोग्यता, सुख समृद्धि में वृद्धि होगी.