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राज्यों के विकास पर नीति आयोग की रिपोर्ट, सुस्त विकास वाले राज्यों की फेहरिस्त में राजस्थान भी शुमार - नीति आयोग की विकास रिपोर्ट

नीति आयोग ने सतत विकास के लक्ष्यों पर अपनी तीसरी रिपोर्ट 2020-21 जारी कर दी है. नीति आयोग की विकास रिपोर्ट में राजस्थान उन राज्यों की सूची में शुमार हुआ है, जहां के विकास की रफ्तार सुस्त है. इस बार की रिपोर्ट में केरल टॉप स्थान पर रहा है, जबकि बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है.

NITI Aayog Report 2020 21, NITI Aayog Development Report
राज्यों के विकास पर नीति आयोग की रिपोर्ट
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Published : Jun 5, 2021, 4:52 AM IST

जयपुर. भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने सतत विकास के लक्ष्यों पर अपनी तीसरी रिपोर्ट 2020-21 जारी कर दी है. नीति आयोग की विकास रिपोर्ट में राजस्थान उन सभी दावों पर पानी फिर गया, जिसको लेकर गहलोत सरकार दावा कर रही थी. राजस्थान विकास के पथ पर नित नई आयाम स्थापित कर रहा है. रिपोर्ट में राजस्थान उन राज्यों की सूची में शुमार हुआ है, जहां के विकास की रफ्तार सुस्त है.

Sustainable Development Goals नाम की इस रिपोर्ट में राज्यों और संघ प्रशासित क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति पर प्रदर्शन का आंकलन किया जाता है. इस बार की रिपोर्ट में केरल टॉप स्थान पर रहा है, जबकि बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. झारखंड की स्थिति भी अच्छी नहीं है और वह बिहार से ऊपर है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दिल्ली में गुरुवार को इस रिपोर्ट को लॉन्च किया. उन्होंने ने कहा कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड के माध्यम से एसडीजी की निगरानी के हमारे प्रयास को दुनिया पहचान मिल रही है और इस डाटा का उपयोग विकास के प्रोजेक्ट पर किया जा रहा है.

बता दें कि नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स में राज्यों और संघ प्रशासित क्षेत्रों का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में इनकी प्रगति को मापता और इसी के आधार पर उनकी रैंकिंग करता है. इस बार इस रिपोर्ट में 17 लक्ष्यों पर 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन का आंकलन किया गया है. इस रिपोर्ट में अगर 5 टॉप परफॉर्मर राज्यों की बात करें तो टॉप फाइव की लिस्ट में केरल प्रथम, दूसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड, चौथे नंबर पर सिक्किम और पांचवें नंबर पर महाराष्ट्र है. केरल 2019 की रैंकिंग में भी पहले स्थान पर था.

पढ़ें- 7 जून से शुरू होंगे स्कूल, 50 फीसदी शिक्षक और कार्मिक आएंगे स्कूल

पांच फिसड्डी राजयों की बात करें तो बिहार सबसे नीचे है. इससे ऊपर झारखंड है, फिर नंबर असम का आता है. फिर अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है. इसके बाद छत्तीसगढ़, नागालैंड और ओडिशा का नंबर आता है.

गरीबी उन्मूलन के मामले में तमिलनाडु और दिल्ली का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है. वहीं अपने जनता की भूख मिटाने के मामले में शानदार काम करते हुए केरल और चंडीगढ़ टॉप स्थान पर रहे हैं. अच्छे स्वास्थ्य के मामले में गुजरात और दिल्ली ने बढ़िया काम किया है और टॉप रहे हैं. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने में केरल और चंडीगढ़ का काम सर्वोत्तम रहा है.

उद्योग, आविष्कार और इंन्फ्रास्ट्रक्चर में गुजरात और दिल्ली टॉप पर

अगर 2019 के आंकड़ों से तुलना करें तो मिजोरम, हरियाणा और उत्तराखंड ने इस इंडेक्स पर सबसे ज्यादा तरक्की की है. बता दें कि इस रिपोर्ट को मार्च में प्रदर्शित किया जाना था, लेकिन पांच प्रदेशों में चुनाव की घोषणा के साथ ही वहां पर आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. इसलिए इस रिपोर्ट का प्रकाशन रोक दिया गया. एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट का एक भाग देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समर्पित है. इस रिपोर्ट का विस्तृत विश्लेषण राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नीतियां बना रही संस्थाओं के लिए काफी उपयोगी साबित होगा.

जयपुर. भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने सतत विकास के लक्ष्यों पर अपनी तीसरी रिपोर्ट 2020-21 जारी कर दी है. नीति आयोग की विकास रिपोर्ट में राजस्थान उन सभी दावों पर पानी फिर गया, जिसको लेकर गहलोत सरकार दावा कर रही थी. राजस्थान विकास के पथ पर नित नई आयाम स्थापित कर रहा है. रिपोर्ट में राजस्थान उन राज्यों की सूची में शुमार हुआ है, जहां के विकास की रफ्तार सुस्त है.

Sustainable Development Goals नाम की इस रिपोर्ट में राज्यों और संघ प्रशासित क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति पर प्रदर्शन का आंकलन किया जाता है. इस बार की रिपोर्ट में केरल टॉप स्थान पर रहा है, जबकि बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. झारखंड की स्थिति भी अच्छी नहीं है और वह बिहार से ऊपर है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दिल्ली में गुरुवार को इस रिपोर्ट को लॉन्च किया. उन्होंने ने कहा कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड के माध्यम से एसडीजी की निगरानी के हमारे प्रयास को दुनिया पहचान मिल रही है और इस डाटा का उपयोग विकास के प्रोजेक्ट पर किया जा रहा है.

बता दें कि नीति आयोग की एसडीजी इंडिया इंडेक्स में राज्यों और संघ प्रशासित क्षेत्रों का सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के क्षेत्र में इनकी प्रगति को मापता और इसी के आधार पर उनकी रैंकिंग करता है. इस बार इस रिपोर्ट में 17 लक्ष्यों पर 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन का आंकलन किया गया है. इस रिपोर्ट में अगर 5 टॉप परफॉर्मर राज्यों की बात करें तो टॉप फाइव की लिस्ट में केरल प्रथम, दूसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड, चौथे नंबर पर सिक्किम और पांचवें नंबर पर महाराष्ट्र है. केरल 2019 की रैंकिंग में भी पहले स्थान पर था.

पढ़ें- 7 जून से शुरू होंगे स्कूल, 50 फीसदी शिक्षक और कार्मिक आएंगे स्कूल

पांच फिसड्डी राजयों की बात करें तो बिहार सबसे नीचे है. इससे ऊपर झारखंड है, फिर नंबर असम का आता है. फिर अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है. इसके बाद छत्तीसगढ़, नागालैंड और ओडिशा का नंबर आता है.

गरीबी उन्मूलन के मामले में तमिलनाडु और दिल्ली का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है. वहीं अपने जनता की भूख मिटाने के मामले में शानदार काम करते हुए केरल और चंडीगढ़ टॉप स्थान पर रहे हैं. अच्छे स्वास्थ्य के मामले में गुजरात और दिल्ली ने बढ़िया काम किया है और टॉप रहे हैं. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने में केरल और चंडीगढ़ का काम सर्वोत्तम रहा है.

उद्योग, आविष्कार और इंन्फ्रास्ट्रक्चर में गुजरात और दिल्ली टॉप पर

अगर 2019 के आंकड़ों से तुलना करें तो मिजोरम, हरियाणा और उत्तराखंड ने इस इंडेक्स पर सबसे ज्यादा तरक्की की है. बता दें कि इस रिपोर्ट को मार्च में प्रदर्शित किया जाना था, लेकिन पांच प्रदेशों में चुनाव की घोषणा के साथ ही वहां पर आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. इसलिए इस रिपोर्ट का प्रकाशन रोक दिया गया. एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट का एक भाग देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समर्पित है. इस रिपोर्ट का विस्तृत विश्लेषण राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नीतियां बना रही संस्थाओं के लिए काफी उपयोगी साबित होगा.

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