जयपुर. देश के साथ ही पूरे प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर (Corona in Rajasthan) की शुरुआत हो चुकी है और विशेषज्ञों की माने तो अभी संक्रमण का पीक (In Rajasthan Corona on peak in February) आना बाकी है. जानकारों का कहना है कि संक्रमण के मामलों में अभी तेजी से बढ़ोतरी होगी. वहीं कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर में मौत के मामलों में भी कुछ दिनों से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. कोमोरबिड मरीजों के अलावा ऐसे भी मरीजों की मौत भी हो रही है जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है.
मामले को लेकर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी का कहना है कि बीते कुछ समय से प्रदेश में संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है लेकिन अभी भी संक्रमण का पीक आना बाकी है. डॉक्टर भंडारी की मानें तो फरवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ेंगे और कोविड को प्रकोप पीक पर रहेगा. डॉ. सुधीर भंडारी का यह भी कहना है कि हाल ही में यह भी देखने को मिला है कि कुछ देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट आई है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा सकती है की पीक आने के बाद तेजी से संक्रमण के मामले कम होने लगेंगे.
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बढ़ रहे मौत के आंकड़े
प्रदेश की बात करें तो बीते कुछ समय में जिस तरह से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उसी तरह मौत के आंकड़ों में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. हर दिन 20 से 25 मरीजों की मौत प्रदेश में हो रही है. वहीं आरयूएचएस अस्पताल की बात करें तो अब तक 700 से अधिक मरीज अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं जिनमें से तकरीबन 39 मरीजों की जान जा चुकी है. खास बात यह है कि कुछ ऐसे मरीजों की मौत के मामले भी सामने आए हैं जिन्हें कोई बीमारी नहीं थी लेकिन उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई थी.
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आंकड़ों पर एक नजर
आरयूएचएस (RUSH) अस्पताल में अब तक 39 मरीजों की हो चुकी है मौत
इनमें से 16 मृतक ऐसे जिन्हें नहीं लगी थी वैक्सीन
90 फ़ीसदी ऐसे मृतक जिन्हें कोमोरबिड की समस्याएं
80 फीसदी से ज्यादा ऐसे जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक
प्रदेश में बीते 30 दिनों में 260 मरीजों की हुई है मौत
डॉक्टर भंडारी का यह भी कहना है कि आईआईटी कानपुर की ओर से भी दावा किया जा रहा है कि देश में भले ही पीक आए लेकिन संक्रमण के मामले 1 दिन में 4 लाख से अधिक नहीं पहुंचेंगे. इसके अलावा देश में धीरे-धीरे हार्ड इम्यूनिटी भी लोगों में आ रही है. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर की तरह घातक नहीं होगी.