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महाघोटाला: फर्जी BPL कार्ड बनाकर 4 साल से राशन डीलर उठा रहा गेहूं, शिकायत करना भी पड़ रहा भारी

राशन डीलरों और सरकारी कारिंदों से सांठगांठ कर किस तरह से गबन किया जाता है, इसका एक उदाहरण जयपुर में देखने को मिला. रसद विभाग के कर्मचारियों से मिलीभगत कर राशन डीलर ने एक उपभोक्ता दूसरा बीपीएल कार्ड बना लिया और 4 साल से उसके राशन कार्ड से गेहूं उठा रहा है. शिकायत मिलने के बाद रसद विभाग की ओर से कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.

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फर्जी राशन कार्ड बनाकर 4 साल से राशन डीलर उठा रहा गेहूं
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Published : May 22, 2020, 4:19 PM IST

जयपुर. हेम सिंह राठौड़ शांति नगर एनबीसी के सामने खातीपुरा रोड पर रहता है. उसका बीपीएल का राशन कार्ड बना हुआ है, जिसका क्रमांक 119002013797 है. हेम सिंह के परिवार में 5 सदस्य हैं और वह 13 मई 2016 से 25 किलो प्रतिमाह गेहूं ले रहा है. मानसरोवर के कुछ राशन डीलरों ने रसद विभाग से मिलीभगत कर हेम सिंह राठौड़ के नाम से ही दूसरा बीपीएल का राशन कार्ड बनवा लिया. इस राशन कार्ड में मुखिया हेम सिंह राठौड़ ही है.

फर्जी राशन कार्ड बनाकर 4 साल से राशन डीलर उठा रहा गेहूं

बता दें कि इस फर्जी राशन कार्ड का क्रमांक 20000133806 है. हेम सिंह के नाम से बने इस फर्जी राशन कार्ड कार्ड में 7 सदस्यों के नाम हैं. राशन डीलरों ने इस फर्जी राशन कार्ड के जरिए 18 दिसंबर 2016 से 12 मई 2020 तक करीब 16 क्विंटल (1575 किलो) गेहूं और 27 लीटर केरोसीन का गबन कर लिया. एक मई से शुरू की गई चना दाल भी राशन डीलर ने हेम सिंह राठौड़ के नाम से बने फर्जी राशन कार्ड के जरिए निकाल ली. हेम सिंह राठौड़ ने बताया कि मेरे पास गैस कनेक्शन है, जबकि मेरे नाम से बने फर्जी राशन कार्ड में गैस कनेक्शन नहीं दिखाया गया है.

यह भी पढ़ेंः धौलपुर: मनरेगा योजना में 49 लाख से अधिक के गबन का भंडाफोड़, MIS मैनजर 2015 से कर रहा था घोटाला

हेम सिंह राठौड़ ने बताया कि जब वह जन आधार कार्ड के लिए ई-मित्र पर गया, तब उसे उसके नाम से दो बीपीएल के राशन कार्ड होने की जानकारी मिली. हेम सिंह राठौड़ ने इस गबन की शिकायत जिला कलेक्टर को भी की है, जिसके बाद इस मामले में जांच शुरू कर दी गई.

मानसरोवर में उपभोक्ताओं को मिल रहा कम राशन

कोरोना महामारी में जहां सरकार हर गरीब जरूरतमंद का ध्यान रखकर खाद्य सुरक्षा में चयनित परिवार को प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं की जगह 10 किलो गेहूं मुहैया करा रही है. वहीं कुछ राशन डीलर इस आदेश की धज्जियां उड़ाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं और महीने में एक बार प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं देकर टरका रहे हैं. राशन डीलर पोस मशीन में एंट्री तो सरकारी आदेश के अनुसार करते हैं. लेकिन राशन की मात्रा कम कर उपभोक्ताओं को गेहूं दिया जा रहा है. महामारी के चलते सरकार अप्रैल और मई में उपभोक्ताओं को 10 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति दे रही है. एक मई से सरकार ने चना दाल भी 1 किलो प्रति परिवार के हिसाब से देना शुरू कर दिया है. जब राशन कम देने की शिकायत जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंची तो डीलर उपभोक्ताओं को फोन कर कर अपना पूरा राशन ले जाने की गुहार भी लगा रहे हैं. ऐसी ही कई शिकायतें जिला कलेक्टर के पास भी पहुंच चुकी हैं. राशन डीलर किसी परिवार को 50 की जगह 25 किलो और 20 की जगह 10 किलों गेहूं दे रहे हैं तो किसी को दाल की एंट्री कर दाल भी नहीं दे रहे हैं.

उपभोक्ताओं के साथ इस तरह हो रहा है धोखा

रामस्वरूप सैनी के परिवार में 2 सदस्य हैं, इनका राशन कार्ड संख्या 119002906995 है. रामस्वरूप सैनी के परिवार में 2 सदस्यों का गेहूं जाता है. एक अप्रैल को ओटीपी से 10 किलों गेहूं निकाला, लेकिन उसे नहीं दिया. 22 अप्रैल को 10 किलो गेहूं निकाला और उपभोक्ता को दे दिया. इस तरह अब तक 20 किलो की जगह से 10 किलो गेहूं ही रामस्वरूप सैनी के परिवार को मिला है. रामस्वरूप सैनी के पुत्र दामोदर ने बताया कि उसके पिता अनपढ़ और बुजुर्ग हैं. ऐसे में डीलर उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें कमलासन दे रहा है. रामस्वरूप सैनी राशन डीलर केसर देव सैनी उचित मूल्य की दुकान 172A के उपभोक्ता हैं.

यह भी पढ़ेंः महाघोटाला: उपभोक्ताओं की आईडी हैक कर 21 जिलों के 137 परिवारों के डकार गए गेहूं, FIR दर्ज

उपभोक्ता लालचंद के परिवार में 5 सदस्य हैं और लालचंद की राशन कार्ड संख्या 119002701850 है. राशन डीलर ने 5 मई को 25-25 किलो के दो बार गेहूं के ट्रांजेक्शन किए. लेकिन लालचंद को एक बार ही 25 किलो गेहूं दिया गया. इसी तरह से 13 मई को 1 किलो चना दाल भी निकाली, लेकिन उपभोक्ता को वह दाल नहीं दी गई. लालचंद के बेटे नरेश ने बताया कि शिकायत के बाद राशन डीलर का फोन उनके पास आ रहा है कि बकाया राशन ले जाए, लेकिन वे अभी तक राशन लेने नहीं गए.

उपभोक्ता निर्मला देवी मानसरोवर की रहने वाली हैं और एक बुजुर्ग महिला हैं. निर्मला देवी का राशन कार्ड संख्या 119002701848 है. राशन डीलर ने 13 मई को ओटीपी से दाल निकाली. लेकिन यह दाल निर्मला देवी को नहीं दी गई. 5 मई को दो बार पांच 5 किलो गेहूं भी निकाला गया, लेकिन निर्मला देवी को सिर्फ एक बार ही 5 किलो गेहूं दिया गया. डीलर ने कार्ड में एंट्री 10 किलो गेहूं की कर दी शिकायत के बाद निर्मला देवी के पास लगातार राशन डीलर का कॉल आ रहा है कि वह बचा हुआ राशन ले जाएं. निर्मला देवी की बहू आशा ने बताया कि राशन डीलर के पास बकाया राशन लेने जाते हैं तो वह बदतमीजी से बात करता है और गाली-गलौज भी करता है.

क्या कहते हैं जिला रसद अधिकारी

जयपुर शहर के जिला रसद अधिकारी कनिष्क सैनी ने बताया कि आज के जमाने में यह कतई संभव नहीं है कि कोई उपभोक्ता कम राशन लेकर जाए. उपभोक्ता पूरा राशन लेकर जाता है. उन्होंने कहा कि कुछ डुप्लीकेट राशनकार्ड बनाने की शिकायतें आई थी, जिसमें से 51 राशन कार्ड कैंसिल कर दिए गए हैं.

जयपुर. हेम सिंह राठौड़ शांति नगर एनबीसी के सामने खातीपुरा रोड पर रहता है. उसका बीपीएल का राशन कार्ड बना हुआ है, जिसका क्रमांक 119002013797 है. हेम सिंह के परिवार में 5 सदस्य हैं और वह 13 मई 2016 से 25 किलो प्रतिमाह गेहूं ले रहा है. मानसरोवर के कुछ राशन डीलरों ने रसद विभाग से मिलीभगत कर हेम सिंह राठौड़ के नाम से ही दूसरा बीपीएल का राशन कार्ड बनवा लिया. इस राशन कार्ड में मुखिया हेम सिंह राठौड़ ही है.

फर्जी राशन कार्ड बनाकर 4 साल से राशन डीलर उठा रहा गेहूं

बता दें कि इस फर्जी राशन कार्ड का क्रमांक 20000133806 है. हेम सिंह के नाम से बने इस फर्जी राशन कार्ड कार्ड में 7 सदस्यों के नाम हैं. राशन डीलरों ने इस फर्जी राशन कार्ड के जरिए 18 दिसंबर 2016 से 12 मई 2020 तक करीब 16 क्विंटल (1575 किलो) गेहूं और 27 लीटर केरोसीन का गबन कर लिया. एक मई से शुरू की गई चना दाल भी राशन डीलर ने हेम सिंह राठौड़ के नाम से बने फर्जी राशन कार्ड के जरिए निकाल ली. हेम सिंह राठौड़ ने बताया कि मेरे पास गैस कनेक्शन है, जबकि मेरे नाम से बने फर्जी राशन कार्ड में गैस कनेक्शन नहीं दिखाया गया है.

यह भी पढ़ेंः धौलपुर: मनरेगा योजना में 49 लाख से अधिक के गबन का भंडाफोड़, MIS मैनजर 2015 से कर रहा था घोटाला

हेम सिंह राठौड़ ने बताया कि जब वह जन आधार कार्ड के लिए ई-मित्र पर गया, तब उसे उसके नाम से दो बीपीएल के राशन कार्ड होने की जानकारी मिली. हेम सिंह राठौड़ ने इस गबन की शिकायत जिला कलेक्टर को भी की है, जिसके बाद इस मामले में जांच शुरू कर दी गई.

मानसरोवर में उपभोक्ताओं को मिल रहा कम राशन

कोरोना महामारी में जहां सरकार हर गरीब जरूरतमंद का ध्यान रखकर खाद्य सुरक्षा में चयनित परिवार को प्रतिमाह प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं की जगह 10 किलो गेहूं मुहैया करा रही है. वहीं कुछ राशन डीलर इस आदेश की धज्जियां उड़ाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं और महीने में एक बार प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं देकर टरका रहे हैं. राशन डीलर पोस मशीन में एंट्री तो सरकारी आदेश के अनुसार करते हैं. लेकिन राशन की मात्रा कम कर उपभोक्ताओं को गेहूं दिया जा रहा है. महामारी के चलते सरकार अप्रैल और मई में उपभोक्ताओं को 10 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति दे रही है. एक मई से सरकार ने चना दाल भी 1 किलो प्रति परिवार के हिसाब से देना शुरू कर दिया है. जब राशन कम देने की शिकायत जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंची तो डीलर उपभोक्ताओं को फोन कर कर अपना पूरा राशन ले जाने की गुहार भी लगा रहे हैं. ऐसी ही कई शिकायतें जिला कलेक्टर के पास भी पहुंच चुकी हैं. राशन डीलर किसी परिवार को 50 की जगह 25 किलो और 20 की जगह 10 किलों गेहूं दे रहे हैं तो किसी को दाल की एंट्री कर दाल भी नहीं दे रहे हैं.

उपभोक्ताओं के साथ इस तरह हो रहा है धोखा

रामस्वरूप सैनी के परिवार में 2 सदस्य हैं, इनका राशन कार्ड संख्या 119002906995 है. रामस्वरूप सैनी के परिवार में 2 सदस्यों का गेहूं जाता है. एक अप्रैल को ओटीपी से 10 किलों गेहूं निकाला, लेकिन उसे नहीं दिया. 22 अप्रैल को 10 किलो गेहूं निकाला और उपभोक्ता को दे दिया. इस तरह अब तक 20 किलो की जगह से 10 किलो गेहूं ही रामस्वरूप सैनी के परिवार को मिला है. रामस्वरूप सैनी के पुत्र दामोदर ने बताया कि उसके पिता अनपढ़ और बुजुर्ग हैं. ऐसे में डीलर उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें कमलासन दे रहा है. रामस्वरूप सैनी राशन डीलर केसर देव सैनी उचित मूल्य की दुकान 172A के उपभोक्ता हैं.

यह भी पढ़ेंः महाघोटाला: उपभोक्ताओं की आईडी हैक कर 21 जिलों के 137 परिवारों के डकार गए गेहूं, FIR दर्ज

उपभोक्ता लालचंद के परिवार में 5 सदस्य हैं और लालचंद की राशन कार्ड संख्या 119002701850 है. राशन डीलर ने 5 मई को 25-25 किलो के दो बार गेहूं के ट्रांजेक्शन किए. लेकिन लालचंद को एक बार ही 25 किलो गेहूं दिया गया. इसी तरह से 13 मई को 1 किलो चना दाल भी निकाली, लेकिन उपभोक्ता को वह दाल नहीं दी गई. लालचंद के बेटे नरेश ने बताया कि शिकायत के बाद राशन डीलर का फोन उनके पास आ रहा है कि बकाया राशन ले जाए, लेकिन वे अभी तक राशन लेने नहीं गए.

उपभोक्ता निर्मला देवी मानसरोवर की रहने वाली हैं और एक बुजुर्ग महिला हैं. निर्मला देवी का राशन कार्ड संख्या 119002701848 है. राशन डीलर ने 13 मई को ओटीपी से दाल निकाली. लेकिन यह दाल निर्मला देवी को नहीं दी गई. 5 मई को दो बार पांच 5 किलो गेहूं भी निकाला गया, लेकिन निर्मला देवी को सिर्फ एक बार ही 5 किलो गेहूं दिया गया. डीलर ने कार्ड में एंट्री 10 किलो गेहूं की कर दी शिकायत के बाद निर्मला देवी के पास लगातार राशन डीलर का कॉल आ रहा है कि वह बचा हुआ राशन ले जाएं. निर्मला देवी की बहू आशा ने बताया कि राशन डीलर के पास बकाया राशन लेने जाते हैं तो वह बदतमीजी से बात करता है और गाली-गलौज भी करता है.

क्या कहते हैं जिला रसद अधिकारी

जयपुर शहर के जिला रसद अधिकारी कनिष्क सैनी ने बताया कि आज के जमाने में यह कतई संभव नहीं है कि कोई उपभोक्ता कम राशन लेकर जाए. उपभोक्ता पूरा राशन लेकर जाता है. उन्होंने कहा कि कुछ डुप्लीकेट राशनकार्ड बनाने की शिकायतें आई थी, जिसमें से 51 राशन कार्ड कैंसिल कर दिए गए हैं.

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