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बड़ी खबरः राजस्थान ने रैपिड टेस्ट किट से कोरोना की जांच रोकी, मंत्री ने ICMR को लिखा पत्र

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Published : Apr 21, 2020, 9:56 AM IST

Updated : Apr 21, 2020, 1:44 PM IST

कोरोना पॉजिटिव जांच के लिए उपयोग में ली जा रही रैपिड टेस्टिंग किट पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में जहां सोमवार को मंत्री रघु शर्मा ने किट के ऊपर सवाल उठाया था. वहीं अब एसएमएस के डॉक्टरों ने भी किट पर सवाल खड़े कर दिए हैं और किट से जांच से फिलहाल रोक दी गई है.

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रैपिड टेस्ट किट से कोरोना जांच विश्वसनीय नहीं

जयपुर. कोरोना जांच के लिए राजस्थान आई 10 रैपिड टेस्टिंग किट पूरी तरह से सवालों के घेरे में आग गया है. किट से जांच और उसके परिणाम को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा द्वारा सवाल खड़े करने के बाद एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर भी इसकी जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. जिसके बाद अब रैपिड टेस्टिंग किट से जांच फिलहाल रोक दी गई है. ऐसे में एक बार फिर से इस किट पर रिव्यू किया जाएगा.

डॉ. लोकेंद्र शर्मा एसएमएस हॉस्पिटल...

वहीं सवाई मानसिंह अस्पताल चिकित्सकों ने भी इस किट पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि रैपिड टेस्ट किट कोरोना की विश्वसनीय जांच नहीं है. वहीं आंकड़ों में भी देखने को मिला है कि रामगंज क्षेत्र में इस किट द्वारा संदिग्ध मरीजों की जांच की गई. पिछले 3 दिन में करीब 1 हजार 232 जांचें रैपिड किट द्वारा की गई, जिसमें सिर्फ दो लोग ही पॉजिटिव पाए गए. जबकि अन्य लोगों को इस जांच में निगेटिव करार दिया गया. लेकिन जब निगेटिव पाए गए इन संदिग्ध लोगों की जांच पीसीआर किट द्वारा की गई तो वे पॉजिटिव पाए गए.

यह भी पढ़ेंः जयपुरः रैपिड टेस्टिंग किट से की जा रही कोरोना जांच, थड़ी-ठेले वालों से लेकर दुकानदारों के लिए जा रहे सैंपल

ऐसे में चिकित्सकों ने भी रैपिड किट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. यही नहीं SMS अस्पताल की माइक्रोबायोलॉजी एंड प्रिवेटिव सोशल मेडिसिन डिपार्टमेंट ने भी किट का परीक्षण किया और यह रिपोर्ट चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को भी भेजी गई थी. जिसके बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा था कि इस किट को लेकर एक बार फिर से रिव्यू किया जाएगा. राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र से रैपिड टेस्टिंग किट मंगवाई थी और करीब तीन लाख किट का ऑर्डर एडवांस में दिया गया है. वहीं एक जांच की लागत करीब 600 रुपए आ रही है.

जयपुर. कोरोना जांच के लिए राजस्थान आई 10 रैपिड टेस्टिंग किट पूरी तरह से सवालों के घेरे में आग गया है. किट से जांच और उसके परिणाम को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा द्वारा सवाल खड़े करने के बाद एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर भी इसकी जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. जिसके बाद अब रैपिड टेस्टिंग किट से जांच फिलहाल रोक दी गई है. ऐसे में एक बार फिर से इस किट पर रिव्यू किया जाएगा.

डॉ. लोकेंद्र शर्मा एसएमएस हॉस्पिटल...

वहीं सवाई मानसिंह अस्पताल चिकित्सकों ने भी इस किट पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि रैपिड टेस्ट किट कोरोना की विश्वसनीय जांच नहीं है. वहीं आंकड़ों में भी देखने को मिला है कि रामगंज क्षेत्र में इस किट द्वारा संदिग्ध मरीजों की जांच की गई. पिछले 3 दिन में करीब 1 हजार 232 जांचें रैपिड किट द्वारा की गई, जिसमें सिर्फ दो लोग ही पॉजिटिव पाए गए. जबकि अन्य लोगों को इस जांच में निगेटिव करार दिया गया. लेकिन जब निगेटिव पाए गए इन संदिग्ध लोगों की जांच पीसीआर किट द्वारा की गई तो वे पॉजिटिव पाए गए.

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ऐसे में चिकित्सकों ने भी रैपिड किट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं. यही नहीं SMS अस्पताल की माइक्रोबायोलॉजी एंड प्रिवेटिव सोशल मेडिसिन डिपार्टमेंट ने भी किट का परीक्षण किया और यह रिपोर्ट चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को भी भेजी गई थी. जिसके बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा था कि इस किट को लेकर एक बार फिर से रिव्यू किया जाएगा. राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र से रैपिड टेस्टिंग किट मंगवाई थी और करीब तीन लाख किट का ऑर्डर एडवांस में दिया गया है. वहीं एक जांच की लागत करीब 600 रुपए आ रही है.

Last Updated : Apr 21, 2020, 1:44 PM IST
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