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मुस्लिम स्कॉलर संस्कृत का विद्वान है इसमें आपत्ति नहीं बल्कि गर्व होना चाहिए: मुख्यमंत्री गहलोत

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Published : Nov 21, 2019, 8:08 PM IST

बीएचयू के संस्कृत विभाग में नियुक्त मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर हो रहे विवाद पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता समझी जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि  इस प्रकरण में फिरोज का दिल नहीं टूटना चाहिए.

फिरोज खान मामले पर सीएम अशोक गहलोत का बयान, CM Ashok Gehlot statement on Firoz Khan case

जयपुर. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ाने वाले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर हो रहे विवाद पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता समझी जाए. जो लोग विरोध कर रहे हैं चाहे वह शिक्षक हो या स्टूडेंट वह नासमझ है, उन्हें समझाना चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि इस प्रकरण में फिरोज का दिल नहीं टूटना चाहिए.

फिरोज खान मामले पर सीएम गहलोत ने कहा यूपी सीएम से मामले की गंभीरता समझने की मांग की है

देश और दुनिया में हिंदुस्तान का संदेश गलत तौर पर नहीं जाना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह पूरे देशवासियों के लिए गर्व की बात है कि मुस्लिम स्कॉलर संस्कृत का विद्वान है और वह संस्कृत पढ़ाना चाहते हैं. इसमें किसी को आपत्ति नहीं बल्कि गर्व होना चाहिए. आरएसएस और उससे जुड़े तमाम संगठनों को विरोध की राजनीति छोड़कर इसका स्वागत करना चाहिए.

पढ़ें- फिरोज के स्कूल पहुंचा ईटीवी भारत, दर्द में शामिल बगरू

उन्होंने कहा कि इसमें फिरोज की नौकरी का सवाल नहीं है, सवाल यह है कि इस पूरे मामले में हिंदुस्तान की गंगा जमुना तहजीब बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आरएसएस, बीजेपी, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद सहित सभी हिंदू संगठनों को गर्व करना चाहिए. हमारे देश में हिंदू उर्दू , कुरान और शायरी में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और मुस्लिम संस्कृत के विद्वान है, यह हमारी संस्कृति का प्रतीक है.

सर्व धर्म भाव को लेकर हमारा देश अनेकता में एकता का देश है. सीएम गहलोत ने कहा कि यूपी सरकार को समझाइश करनी चाहिए कि इस तरह की हरकत ना करें जिससे फिरोज का दिल टूटे और यह जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी और योगी सरकार की है. उन्होंने कहा कि सवाल नौकरी का नहीं है नौकरी तो कहीं भी मिल जाएगी सवाल यह है कि जिस तरह से विरोध प्रकट किया गया है वह गलत है.

पढ़ें- शिष्य के साथ हो रहे भेदभाव पर फिरोज के गुरु दिनेश व्यथित, कहा- बचपन से था संस्कृत में अव्वल, विरोध उनके समझ से परे

दरअसल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में नियुक्त हुए पहले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में पिछले 8 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है. इसके चलते पढ़ाई भी बाधित हो रही है. विरोध को बीएचयू के कुलपति पहले ही नजरअंदाज कर चुके हैं. बता दें कि प्रोफेसर फिरोज जयपुर के बगरू गांव के रहने वाले हैं.

जयपुर. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ाने वाले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर हो रहे विवाद पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता समझी जाए. जो लोग विरोध कर रहे हैं चाहे वह शिक्षक हो या स्टूडेंट वह नासमझ है, उन्हें समझाना चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि इस प्रकरण में फिरोज का दिल नहीं टूटना चाहिए.

फिरोज खान मामले पर सीएम गहलोत ने कहा यूपी सीएम से मामले की गंभीरता समझने की मांग की है

देश और दुनिया में हिंदुस्तान का संदेश गलत तौर पर नहीं जाना चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह पूरे देशवासियों के लिए गर्व की बात है कि मुस्लिम स्कॉलर संस्कृत का विद्वान है और वह संस्कृत पढ़ाना चाहते हैं. इसमें किसी को आपत्ति नहीं बल्कि गर्व होना चाहिए. आरएसएस और उससे जुड़े तमाम संगठनों को विरोध की राजनीति छोड़कर इसका स्वागत करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि इसमें फिरोज की नौकरी का सवाल नहीं है, सवाल यह है कि इस पूरे मामले में हिंदुस्तान की गंगा जमुना तहजीब बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आरएसएस, बीजेपी, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद सहित सभी हिंदू संगठनों को गर्व करना चाहिए. हमारे देश में हिंदू उर्दू , कुरान और शायरी में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और मुस्लिम संस्कृत के विद्वान है, यह हमारी संस्कृति का प्रतीक है.

सर्व धर्म भाव को लेकर हमारा देश अनेकता में एकता का देश है. सीएम गहलोत ने कहा कि यूपी सरकार को समझाइश करनी चाहिए कि इस तरह की हरकत ना करें जिससे फिरोज का दिल टूटे और यह जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी और योगी सरकार की है. उन्होंने कहा कि सवाल नौकरी का नहीं है नौकरी तो कहीं भी मिल जाएगी सवाल यह है कि जिस तरह से विरोध प्रकट किया गया है वह गलत है.

पढ़ें- शिष्य के साथ हो रहे भेदभाव पर फिरोज के गुरु दिनेश व्यथित, कहा- बचपन से था संस्कृत में अव्वल, विरोध उनके समझ से परे

दरअसल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में नियुक्त हुए पहले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में पिछले 8 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है. इसके चलते पढ़ाई भी बाधित हो रही है. विरोध को बीएचयू के कुलपति पहले ही नजरअंदाज कर चुके हैं. बता दें कि प्रोफेसर फिरोज जयपुर के बगरू गांव के रहने वाले हैं.

Intro:जयपुर
एंकर- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ाने वाले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर हो रहे विवाद पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता समझी जाएं। जो लोग विरोध कर रहे हैं चाहे वह शिक्षक हो या स्टूडेंट वह नासमझ है, उन्हें समझाना चाहिए इस प्रकरण में फिरोज का दिल नहीं टूटना चाहिए।


Body:देश और दुनिया में हिंदुस्तान का संदेश गलत तौर पर नहीं जाना चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह पूरे देशवासियों के लिए गर्व की बात है। कि मुस्लिम स्कॉलर संस्कृत का विद्वान है और वह संस्कृत पढ़ाना चाहते हैं। इसमें किसी को आपत्ति नहीं बल्कि गर्व होना चाहिए। आरएसएस और उससे जुड़े तमाम संगठनों को विरोध की राजनीति छोड़कर इसका स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें फिरोज की नौकरी का सवाल नहीं है। सवाल यह है कि इस पूरे मामले में हिंदुस्तान की गंगा जमुना तहजीब बिगाड़ने की कोशिश की जा रही उसका पूरे विश्व में क्या संदेश जाएगा। गहलोत ने कहा कि आरएसएस, बीजेपी, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद सहित सभी हिंदू संगठनों को गर्व करना चाहिए। हमारे देश में हिंदू उर्दू , कुरान और शायरी में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और मुस्लिम संस्कृत के विद्वान है यह हमारी संस्कृति का प्रतीक है। सर्व धर्म भाव को लेकर हमारा देश अनेकता में एकता का देश है। जो 75 सालों से दुनिया के अंदर अपना मान-सम्मान कायम रखे हुए। यह इसलिए हुआ कि अनेकता में एकता को लेकर हमारी मुल्क में सरकारी बनती रही और सर्वधर्म समभाव को मजबूत करती रही।
सीएम गहलोत ने कहा कि यूपी सरकार को समझाइश करनी चाहिए कि इस तरह की हरकत ना करें जिससे फिरोज का दिल टूटे। यह जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी और योगी सरकार की है। उन्होंने कहा कि सवाल नौकरी का नहीं है नौकरी तो कहीं भी मिल जाएगी सवाल यह है कि जिस तरह से विरोध प्रकट किया गया है वह गलत है।
दरअसल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में नियुक्त हुए पहले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में धरना प्रदर्शन पिछले 8 दिनों से चल रहा है। इसके चलते पढ़ाई भी बाधित हो रही है। विरोध को बीएचयू के कुलपति पहले ही नजरअंदाज कर चुके हैं। प्रोफेसर फिरोज जयपुर के बगरू गांव के रहने वाले हैं।

बाईट- अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान





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