जयपुर. अदालत ने कहा कि मामले में एसीबी की ओर से अनुसंधान पूरा कर आरोप पत्र पेश हो चुका है. ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाना उचित है. बता दें कि मामले में आरोपी निलंबित आरएएस अधिकारी पिंकी मीणा को पूर्व में जमानत मिल चुकी है, जबकि निलंबित आईपीएस मनीष अग्रवाल न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं.
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आरोपी पुष्कर मित्तल की ओर से जमानत याचिका में कहा गया कि उसका प्रमोशन होने वाला है. ऐसे में उसे साजिश के तौर पर फंसाया गया है. इसके अलावा उसपर बीमार वृद्ध मां और बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी भी है. वहीं, प्रकरण में आरोप पत्र पेश होने के साथ ही सह आरोपी पिंकी मीणा को भी जमानत पर रिहा किया जा चुका है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि एसीबी ने रिश्वत लेने का सत्यापन करने के बाद ही आरोपी को पांच लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया गया था. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.
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गौरतलब है कि मामले में हाईवे निर्माण कंपनी ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि आरोपी एसडीएम काम में रुकावट नहीं डालने की एवज में रिश्वत मांग रहे हैं. इस पर एसीबी ने गत 13 जनवरी को कार्रवाई करते हुए एसडीएम पुष्कर मित्तल को पांच लाख रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जबकि एसडीएम पिंकी मीणा को दस लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. वहीं, इस मामले में बाद में दौसा के पूर्व एसपी मनीष अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया था.