ETV Bharat / city

जयपुरः बजट से ठीक पहले खनन व्यवसायियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अहम बैठक

जयपुर में मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड में अहम बैठक हुई. बैठक के बाद पर्यावरण मंजूरी को लेकर जल्द ही सरल नियम जारी करने की उम्मीद बंध गई है. दरअसल अक्टूबर 2019 तक माइनिंग की 317 एप्लीकेशन पेंडिंग है. पहले 1 साल की फीस लगती थी. अब 5 साल की लगती है. ऐसे में बैठक में दोबारा से उस फीस को 1 साल के करने का सुझाव भी आया है.

जयपुर न्यूज, rajasthan news, budget 2020
प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अहम बैठक
author img

By

Published : Feb 18, 2020, 11:29 PM IST

जयपुर. प्रदेश में बजट से ठीक पहले खनन से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड में अहम बैठक हुई. जिसमें खनन से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर चर्चा की गई. साथ ही खनन के समक्ष आ रहे पर्यावरण मंजूरी जैसी समस्याओं पर भी चर्चा की गई.

प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अहम बैठक

मंगलवार को हुई बैठक के बाद पर्यावरण मंजूरी को लेकर जल्द ही सरल नियम जारी करने की उम्मीद बंध गई है. दरअसल अक्टूबर 2019 तक माइनिंग की 317 एप्लीकेशन पेंडिंग है. पहले 1 साल की फीस लगती थी. अब 5 साल की लगती है. ऐसे में बैठक में दोबारा से उस फीस को 1 साल के करने का सुझाव भी आया है.

पढ़ेंः स्पीकर के आश्वासन के बाद भाजपा विधायकों का धरना समाप्त

दरअसल, वर्ष 2018 में क्रेशर के नए नियम बने जिसमें दीवारें बनाने का प्रावधान किया गया. माइनिंग एरिया में जब माइनिंग करते हैं तो दीवार टूट जाती है. बैठक में क्रेशर के प्रतिनिधि मंगलवार को अपने साथ एक-एक पौधा भी लाए. इसके बाद बैठक में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष पीके गोयल ने कहा कि, प्रदूषण कम करने वालों के लिए ग्रीन अवार्ड की प्लानिंग कर रहे हैं. साथ ही हर सेक्टर में अच्छा काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा.

पढ़ेंः विधायक महिया ने परिवहन मंत्री से की इस्तीफे की मांग, कहा- भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस और CM जिम्मेदार

प्रदेश में खान विभाग द्वारा ऑनलाइन नीलामी के जरिए खदानों का आवंटन किया जाता है. लेकिन प्रदूषण नियंत्रण मंडल के स्तर पर खदान संचालकों को पर्यावरण मंजूरी के लिए काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं. यही नहीं अरावली क्षेत्र नगर पालिका क्षेत्र ड्राई ड्रिलिंग सहित कई तरह के राइडर क्रेशर ग्लाइडिंग और कटिंग इकाइयों के सामने आते हैं. इन सभी से कैसे निजात पाई जाए और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे इसको लेकर बैठक में एम चर्चा की गई.

पढ़ेंःसफेद दूध का 'काला' बाजार : अमूल डेयरी के टैंकर की सील तोड़कर दूध चुरा मिलाते थे पानी, दो आरोपी गिरफ्तार

बजट से पूर्व प्रदूषण नियंत्रण मंडल के स्तर पर बैठकों का दौर जारी है. सोमवार को जहां टेक्सटाइल उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की गई थी. वहीं मंगलवार को स्टोन क्रेशर ग्रेडिंग और कटिंग यूनिट और दूसरे चरण में सीमेंट उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई. बैठक में पर्यावरण से जुड़े नियमों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान पर्यावरण मंजूरी से लंबित आवेदनों को शीघ्र निपटाने की मांग रखी गई. इस पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जल्द सुनवाई का भरोसा भी दिलाया.

जयपुर. प्रदेश में बजट से ठीक पहले खनन से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड में अहम बैठक हुई. जिसमें खनन से पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर चर्चा की गई. साथ ही खनन के समक्ष आ रहे पर्यावरण मंजूरी जैसी समस्याओं पर भी चर्चा की गई.

प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अहम बैठक

मंगलवार को हुई बैठक के बाद पर्यावरण मंजूरी को लेकर जल्द ही सरल नियम जारी करने की उम्मीद बंध गई है. दरअसल अक्टूबर 2019 तक माइनिंग की 317 एप्लीकेशन पेंडिंग है. पहले 1 साल की फीस लगती थी. अब 5 साल की लगती है. ऐसे में बैठक में दोबारा से उस फीस को 1 साल के करने का सुझाव भी आया है.

पढ़ेंः स्पीकर के आश्वासन के बाद भाजपा विधायकों का धरना समाप्त

दरअसल, वर्ष 2018 में क्रेशर के नए नियम बने जिसमें दीवारें बनाने का प्रावधान किया गया. माइनिंग एरिया में जब माइनिंग करते हैं तो दीवार टूट जाती है. बैठक में क्रेशर के प्रतिनिधि मंगलवार को अपने साथ एक-एक पौधा भी लाए. इसके बाद बैठक में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष पीके गोयल ने कहा कि, प्रदूषण कम करने वालों के लिए ग्रीन अवार्ड की प्लानिंग कर रहे हैं. साथ ही हर सेक्टर में अच्छा काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा.

पढ़ेंः विधायक महिया ने परिवहन मंत्री से की इस्तीफे की मांग, कहा- भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस और CM जिम्मेदार

प्रदेश में खान विभाग द्वारा ऑनलाइन नीलामी के जरिए खदानों का आवंटन किया जाता है. लेकिन प्रदूषण नियंत्रण मंडल के स्तर पर खदान संचालकों को पर्यावरण मंजूरी के लिए काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं. यही नहीं अरावली क्षेत्र नगर पालिका क्षेत्र ड्राई ड्रिलिंग सहित कई तरह के राइडर क्रेशर ग्लाइडिंग और कटिंग इकाइयों के सामने आते हैं. इन सभी से कैसे निजात पाई जाए और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे इसको लेकर बैठक में एम चर्चा की गई.

पढ़ेंःसफेद दूध का 'काला' बाजार : अमूल डेयरी के टैंकर की सील तोड़कर दूध चुरा मिलाते थे पानी, दो आरोपी गिरफ्तार

बजट से पूर्व प्रदूषण नियंत्रण मंडल के स्तर पर बैठकों का दौर जारी है. सोमवार को जहां टेक्सटाइल उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की गई थी. वहीं मंगलवार को स्टोन क्रेशर ग्रेडिंग और कटिंग यूनिट और दूसरे चरण में सीमेंट उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई. बैठक में पर्यावरण से जुड़े नियमों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान पर्यावरण मंजूरी से लंबित आवेदनों को शीघ्र निपटाने की मांग रखी गई. इस पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जल्द सुनवाई का भरोसा भी दिलाया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.