कोटा. कोटा यूनिवर्सिटी की मंगलवार को एक अहम बैठक हुई. बैठक में विभिन्न मुद्दों पर एक राय बनी. बैठक की अध्यक्षता यूनिवर्सिटी कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह ने की. बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गए. बैठक शुरू होने के पहले यूथ कांग्रेस ने यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करते हुए जयपुर के गोपाल शर्मा को दी जाने वाली मानद उपाधि का प्रस्ताव खारिज करने की मांग की. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हंगामे की आशंका को देखते हुए सर्वसम्मति से गोपाल शर्मा नामक व्यक्ति को दी जाने वाली मानद उपाधि के प्रस्ताव को वापस ले लिया.
बैठक में यूनिवर्सिटी में पेयजल प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के प्रतिनिधि के रूप में पहुंची एकता धारीवाल ने सरकार के जरिए यूनिवर्सिटी परिसर में पेयजल प्रोजेक्ट लाने की बात कही. इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को जल्द भेजा जाएगा. जिस पर बोम सदस्यों ने प्रस्ताव भेजने पर सहमति जताई. साथ ही साल 2013 से यूनिवर्सिटी के टीचर्स की पदोन्नति नहीं होने का मामला भी इस बैठक में उठा. प्रस्ताव लिया गया कि यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर से इस मामले में राय ली जाएगी. ताकि टीचर्स के रुके हुए प्रमोशन बहाल हो सकें.
23 जनवरी को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में स्टूडेंट्स को दी जाने वाली उपाधियों का अनुमोदन भी इस बोम की बैठक में सर्वसम्मति से हुआ. बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदर्शन करके यूनिवर्सिटी प्रशासन से मांग की गई थी कि एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों को फीस में 25 % राशि की छूट दी जाए. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस प्रस्ताव को बोम की बैठक में रखा. लेकिन बोम सदस्यों ने राय दी कि इस पर पहले एकेडमिक काउंसिल की बैठक में चर्चा कर ली जाए. ऐसे में इस प्रस्ताव को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रखा जाएगा.