जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को अवैध खनन को लेकर भी मुद्दा उठा. राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया ने इसे लेकर सवाल लगाया, तो जवाब आने के बाद भी संतुष्टि नहीं हुई. ऐसे में स्पीकर सीपी जोशी ने सदन में यह कहा कि यह मामला गंभीर है. ऐसे में इस पर अलग से चर्चा करवाई जाएगी.
दरअसल सवाल के जवाब में मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि 1 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश में कुल 639 प्रकरणों में खान विभाग ने कार्रवाई की है, तो वहीं अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने अ प्रधान खनिज रियायत नियम 2017 में संशोधन किया है और खातेदारी भूमि में बजरी की एसटीपी जारी करने का प्रावधान किया है. इसी तरीके से बजरी के खनन पट्टे आवंटित करने के लिए भी राज्य सरकार ने निर्देश जारी किए हैं. वहीं प्रदेश में एम सैंड को बढ़ावा देने के लिए 25 जनवरी को ही एवं सेंड नीति जारी की है और खनन पट्टों में ऑनलाइन ई रवन्ना के माध्यम से भी अवैध खनन में कुछ कमी आई है.
मंत्री ने सदन में बताया कि पिछले 2 वित्तीय सालों एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में खान विभाग एसआईटी एवं अन्य विभागों ने 38,335 प्रकरण दर्ज किए हैं, जिनमें 252.85 करोड़ रुपए की राशि जुर्माने के तौर पर वसूल की गई है. इसके साथ ही 3,375 प्रकरणों में संबंधित पुलिस थानों में एफ आई आर भी दर्ज करवाई गई है. उन्होंने सदन में बताया कि अवैध बजरी खनन निर्गमन और भंडारण के विरोध में 1718 प्रकरण बनाए गए. जिसमें 7 करोड़ 40 लाख रुपए की शास्त्री वसूल की गई है. 81 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज की गई है और 84277.93 टन अवैध बजरी के स्टॉक जब्त किए गए हैं.
उन्होंने सदन में बताया कि 12 जिलों में बजरी के अवैध खनन और निर्माण की रोकथाम के लिए विशेष अभियान भी चलाया गया. जिसमें कुल 375 प्रकरण बनाए गए और 76.88 लाख रुपए की शास्ति वसूल की गई. 142 प्रकरणों में संबंधित पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई और 52,449 टन अवैध बजरी के स्टॉक को जब्त किया गया.
उन्होंने कहा कि दिसंबर 2019 से 333 बॉर्डर होमगार्ड भी नियोजित किए गए हैं तो वहीं 14 वी बटालियन आरएसी का भी आवश्यकता अनुसार इन मामलों में उपयोग किया जा रहा है, लेकिन जवाब के बाद भी जब अवैध खनन को लेकर सतीश पूनिया ने सवाल रखना चाहा तो स्पीकर सीपी जोशी ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अवैध खनन का मामला गंभीर है. ऐसे में सरकार और सदन दोनों ही इस मामले में गंभीर हैं. ऐसे में इन सवालों का जवाब इस तरीके से नहीं मिल पाएगा. इसके लिए अलग से चर्चा कराने की आवश्यकता है और इस मामले में अलग से चर्चा करवा ली जाएगी.