जयपुर. शहर में अवैध निर्माणों की शिकायतें अकसर देखने को मिलती है. लोग नगर निगम को अवैध निर्माणों की शिकायतें भी करते हैं, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है. राजधानी जयपुर के आमेर नगर निगम कार्यालय के सामने धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है. मुख्य सड़क मार्ग पर ही कमर्शियल निर्माण किया जा रहा है. यहां तक की सड़क पर अवैध रूप से बालकनी निकालकर आरसीसी छत भी डाल दी गई, लेकिन निगम कार्यालय के सामने भी अधिकारी और कर्मचारी आंखें मूंदे बैठे हुए है.
इसी को लेकर बुधवार को जयपुर हेरिटेज नगर निगम महापौर ने आमेर क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान महापौर की नजरों से बचाने के लिए कुछ समय के लिए निर्माण कार्य को रोक दिया गया और बल्ली फंटे भी आनन-फानन में हटाए गए. कमर्शियल दुकानों की छत अभी पूरी तरह से मजबूत भी नहीं हुई कि इससे पहले ही महापौर की नजरों से बचाने के लिए छत की सपोर्ट में लगी बल्लिया हटा दी गई. ऐसे में अब छत गिरने का भी खतरा बन गया है. जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया तो इससे हादसा भी हो सकता है. मामले की जानकारी महापौर तक पहुंची तो महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि मामले की जांच पड़ताल की जाएगी और कार्रवाई भी होगी.
बिना परमिशन नगर निगम कार्यालय के सामने ही इस तरह से अवैध निर्माण हो रहा है तो शहर का क्या हाल हो रहा होगा. ऐसे में कई सवाल नगर निगम प्रशासन पर खड़े हो रहे हैं. आमेर पर्यटन नगरी के नाम से जाना जाता है, यहां पर काफी संख्या में पर्यटकों की आवाजाही भी रहती है. आमेर महल और अन्य स्मारक भी यहां मौजूद है.
महापौर मुनेश गुर्जर और उपमहापौर असलम फारुकी ने आमेर के कई कॉलोनियों का दौरा किया और लोगों की समस्याएं भी सुनी. इस दौरान लोगों ने पानी, बिजली, सड़क और अवैध निर्माणों से संबंधित शिकायतें भी की. उपमहापौर असलम फारुकी ने कहा कि लोगों की समस्याओं और शिकायतों का जल्दी निस्तारण करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जयपुर शहर में नए और बड़े प्रोजेक्ट लाकर विकास कार्य किए जाएंगे.