जयपुर. बीते दिनों ग्रेटर नगर निगम महापौर ने कुछ प्राइवेट अस्पताल और मॉल्स का औचक निरीक्षण किया. जिसमें फायर उपकरण बंद मिले और डिलीवरी हॉज पाइप भी फटे हुए मिले. यही नहीं कुछ जगह फायर एनओसी भी एक्सपायर मिली. ऐसे में महापौर ने उपायुक्त शाखा के अधिकारियों को नियमित रूप से जांच करने और नोटिस देने के निर्देश दिए. साथ ही नोटिस देने के बाद भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने की स्थिति में बिल्डिंग सील करने के निर्देश दिए.
गर्मियों में आगजनी की घटनाएं ज्यादा होती हैं. ऐसे में जहां लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती है, वहां फायर एनओसी और इक्विपमेंट मापदंडों के अनुसार हो, इसकी जांच जरूरी हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए बीते दिनों ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने एक प्राइवेट अस्पताल और कुछ मॉल्स का निरीक्षण किया. जिनमें भारी अनियमितताएं देखने को मिली.
महापौर ने कहा कि जहां सैकड़ों की संख्या में लोग जान बचाने के लिए जाते हैं, वहीं उनकी जान संकट में है. ये देख उचित नहीं लगा. अस्पताल में इक्विपमेंट को लेकर भारी अनियमितता देखने को मिली. वहीं मॉल्स में स्मोक डिटेक्टर ऑटो पंप स्टार्ट और हॉज पाइप खराब मिले. ऐसे में फायर शाखा के अधिकारियों को सतत दौरा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि फायर एनओसी और इक्विपमेंट की जांच हो सके. सातों दिन दौरा कर फायर एनओसी और इक्विपमेंट की जांच की जाए और जहां व्यवस्था दुरुस्त ना मिले, वहां नोटिस भेजा है. नोटिस के बावजूद फायर इक्विपमेंट नहीं लगाने, या एनओसी नहीं लेने पर बिल्डिंग को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.
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वहीं फायर उपायुक्त हर्षित वर्मा ने बताया कि फायर एनओसी को लेकर दौरे से पहले ही दिशा निर्देश जारी कर दिए गए थे. सभी एएफओ को उनके जोन में हर दिन 15 संस्थानों का सर्वे करने के लिए निर्देश दिए हुए हैं. जिसके तहत संस्थान में जाकर उसका प्रकार, फायर एनओसी की आवश्यकता और फायर एनओसी होने की स्थिति में इक्विपमेंट काम कर रहे हैं या नहीं, इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने बताया कि ये सर्वे बीते 2 सप्ताह से जारी है और 1 महीने में सभी संस्थानों के सर्वे का लक्ष्य निर्धारित किया है. वहीं जिन संस्थानों का महापौर ने दौरा किया था, वहां फायर उपकरणों में कुछ कमी पाई गई थी. उनको दुरुस्त करने के लिए दोबारा दौरा प्रस्तावित किया जा चुका है. इस संबंध में उन्हें पत्र द्वारा अवगत भी कराया जा चुका है और यदि अब भी अनियमितता देखने को मिलती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
वाकई, जहां लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती है, यदि वहां पर सुरक्षा नहीं होगी, तो किसी बड़ी दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी. ऐसे में अब इन संस्थानों को सूचीबद्ध कर सतत मॉनिटरिंग करने का निर्णय लिया गया है.