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19 अक्टूबर को निकलेगी लॉटरी, तब होगा मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव लड़ना तय - 19 अक्टूबर को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से लॉटरी

नगर निगम मेयर, नगर पालिका चेयरमैन और नगर परिषद सभापति को लेकर 19 अक्टूबर को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से लॉटरी निकाली जाएगी. जयपुर मेयर विष्णु लाटा भी पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. लाटा ने कहा, पहले भी पार्षद से ही मेयर बने हैं. पीएम हो, चाहे सीएम सभी को इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

जयपुर मेयर विष्णु लाटा, mayors lottery will decide
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Published : Oct 15, 2019, 9:15 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 3:12 PM IST

जयपुर. निकाय प्रमुखों के चुनाव को लेकर कैबिनेट का फैसला सामने आने के बाद कई दिग्गज नेताओं के मेयर पद पर चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर गया है. हालांकि शहर के वर्तमान मेयर विष्णु लाटा अभी भी पार्षद के नाते चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं. बशर्ते 19 अक्टूबर को निकाली जाने वाली लॉटरी में जयपुर मेयर की जनरल सीट आए. इस संबंध में विष्णु लाटा ने ETV भारत से बातचीत के दौरान कहा कि वो पहले भी पार्षद से ही मेयर बने. पीएम हो, चाहे सीएम सभी को इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और यदि पार्षद के माध्यम से मेयर का चुनाव होना है तो वो पार्षद का चुनाव जरूर लड़ेंगे.

19 अक्टूबर को निकलेगी लॉटरी.

उधर, शहर के डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज भी मेयर पद के डायरेक्ट इलेक्शन को ध्यान में रखते हुए तैयारियों में जुटे हुए थे. कैबिनेट के फैसले के बाद उन्होंने अपने चुनाव लड़ने के फैसले को पार्टी पर छोड़ दिया है. भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी कैडर बेस पार्टी है. पार्टी में रणनीति के तहत काम होते हैं और वही फैसले भी लेती है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस किसी भी प्रणाली से करा ले निकाय प्रमुख के चुनाव, सूपड़ा होगा साफ : कालीचरण सराफ

बता दें, कि नवंबर में 52 नगरीय निकायों के चुनाव होने हैं. ऐसे में नगर निगम के मेयर, नगर पालिका के चेयरमैन और नगर परिषद के सभापति को लेकर 19 अक्टूबर को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से लॉटरी निकाली जाएगी. लॉटरी के बाद मेयर की दौड़ में शामिल होने के लिए संभव है कि कई दिग्गज नेता पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरें.

जयपुर. निकाय प्रमुखों के चुनाव को लेकर कैबिनेट का फैसला सामने आने के बाद कई दिग्गज नेताओं के मेयर पद पर चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर गया है. हालांकि शहर के वर्तमान मेयर विष्णु लाटा अभी भी पार्षद के नाते चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं. बशर्ते 19 अक्टूबर को निकाली जाने वाली लॉटरी में जयपुर मेयर की जनरल सीट आए. इस संबंध में विष्णु लाटा ने ETV भारत से बातचीत के दौरान कहा कि वो पहले भी पार्षद से ही मेयर बने. पीएम हो, चाहे सीएम सभी को इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और यदि पार्षद के माध्यम से मेयर का चुनाव होना है तो वो पार्षद का चुनाव जरूर लड़ेंगे.

19 अक्टूबर को निकलेगी लॉटरी.

उधर, शहर के डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज भी मेयर पद के डायरेक्ट इलेक्शन को ध्यान में रखते हुए तैयारियों में जुटे हुए थे. कैबिनेट के फैसले के बाद उन्होंने अपने चुनाव लड़ने के फैसले को पार्टी पर छोड़ दिया है. भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी कैडर बेस पार्टी है. पार्टी में रणनीति के तहत काम होते हैं और वही फैसले भी लेती है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस किसी भी प्रणाली से करा ले निकाय प्रमुख के चुनाव, सूपड़ा होगा साफ : कालीचरण सराफ

बता दें, कि नवंबर में 52 नगरीय निकायों के चुनाव होने हैं. ऐसे में नगर निगम के मेयर, नगर पालिका के चेयरमैन और नगर परिषद के सभापति को लेकर 19 अक्टूबर को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से लॉटरी निकाली जाएगी. लॉटरी के बाद मेयर की दौड़ में शामिल होने के लिए संभव है कि कई दिग्गज नेता पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरें.

Intro:जयपुर - निकाय प्रमुखों को लेकर 19 अक्टूबर को लॉटरी निकाली जाएगी। इसमें जयपुर नगर निगम के मेयर के नाते जनरल सीट आती है, तो शहर के मेयर विष्णु लाटा पार्षद का चुनाव जरूर लड़ेंगे। वहीं डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज पार्टी की रणनीति और आदेश का इंतजार करेंगे।


Body:निकाय प्रमुखों के चुनाव को लेकर कैबिनेट का फैसला सामने आने के बाद कई दिग्गज नेताओं के मेयर पद पर चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर गया। हालांकि शहर के वर्तमान मेयर विष्णु लाटा अभी भी पार्षद के नाते चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं। बशर्ते 19 अक्टूबर को निकाली जाने वाली लॉटरी में जयपुर मेयर की जनरल सीट आए। इस संबंध में विष्णु लाटा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि वो पहले भी पार्षद से ही मेयर बने। पीएम हो, चाहे सीएम सभी को इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। और यदि पार्षद के माध्यम से मेयर का चुनाव होना है, तो वो पार्षद का चुनाव जरूर लड़ेंगे।
बाइट - विष्णु लाटा, मेयर

उधर, शहर के डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज भी मेयर पद के डायरेक्ट इलेक्शन को ध्यान में रखते हुए तैयारियों में जुटे हुए थे। कैबिनेट के फैसले के बाद उन्होंने अपने चुनाव लड़ने के फैसले को पार्टी पर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी कैडर बेस पार्टी है। पार्टी में रणनीति के तहत काम होते हैं, और वही फैसले भी लेती है। उन्होंने पार्टी के आदेश को सर्वमान्य बताया।
बाइट - मनोज भारद्वाज, डिप्टी मेयर


Conclusion:आपको बता दें कि नवंबर में 52 नगरीय निकायों के चुनाव होने हैं। ऐसे में नगर निगम के मेयर, नगर पालिका के चेयरमैन और नगर परिषद के सभापति को लेकर 19 अक्टूबर को स्वायत्त शासन विभाग की ओर से लॉटरी निकाली जाएगी। जिसके बाद मेयर की दौड़ में शामिल होने के लिए संभव है, कि कई दिग्गज नेता पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरें।
Last Updated : Oct 16, 2019, 3:12 PM IST
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