जयपुर. आरएसएलडीसी घूसकांड प्रकरण में गुरुवार को आईएएस नीरज के पवन को एसीबी मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की गई. 1 घंटे तक नीरज के पवन से एसीबी मुख्यालय में जांच अधिकारी और आला अधिकारियों की ओर से पूछताछ की गई. इस दौरान नीरज के पवन कई सवालों के जवाब नहीं दे सके. उन्होंने कई सवालों के जवाब देने के लिए एसीबी से समय मांगा.
आरएसएलडीसी की ओर से विभिन्न फर्म को ब्लैक लिस्ट करने और फिर जल्द ही अनेक फर्म को ब्लैक लिस्ट से हटाने के संबंध में नीरज के पवन से अलग-अलग चरणों में पूछताछ की गई. पूरे प्रकरण में नीरज के पवन के बयान भी दर्ज किए गए हैं.
एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि आईएएस नीरज के पवन को प्रारंभिक पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय बुलाया गया. जहां वह जांच अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत हुए और प्रारंभिक पूछताछ करते हुए उनसे अनेक सवाल पूछे गए. गत दिनों पूर्व इस पूरे प्रकरण को लेकर आईएएस प्रदीप गवंडे को भी एसीबी मुख्यालय बुलाकर पूछताछ की गई थी और उनके बयान दर्ज किए गए थे.
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उन्होंने बताया कि नीरज के पवन से पूछताछ में कुछ सवाल ऐसे भी थे. जिनके बारे में पूर्व में एसीबी गवंडे से भी पूछताछ हो चुकी है. नीरज के पवन से और उनके कार्यालय से एसीबी की ओर से सीज की गई पत्रावलियों के बारे में भी पूछताछ की गई. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि प्रकरण में आईएएस नीरज के पवन से और भी पूछताछ की जानी है. जिसके लिए उन्हें कुछ दिनों बाद फिर से पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय बुलाया जाएगा.
मोबाइल जांच के लिए भेजा सीएफएसएल
सूत्रों की माने तो आईएएस नीरज के पवन से एसीबी मुख्यालय में पूछताछ के दौरान जांच अधिकारी ने पूर्व में कार्रवाई करते हुए सीज किए गए मोबाइल फोन के लॉक खोलने के लिए कहा. जिस पर नीरज के पवन ने अपने दोनों मोबाइल फोन के लॉक खोलने से इनकार कर दिया. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि एसीबी ने इस पूरे प्रकरण में कार्रवाई करते हुए सीज किए गए मोबाइल फोन जांच के लिए सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री भिजवाए हैं. जिनकी जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद नीरज के पवन को फिर से पूछताछ के लिए एसीबी मुख्यालय बुलाया जाएगा. वहीं सीएफएसएल की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही इस प्रकरण में एसीबी अपनी जांच को तेजी से आगे बढ़ाएगी.
क्या है मामला
राजस्थान एसीबी ने राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम में 5 लाख रुपए की घूस लेते हुए मैनेजर राहुल और को-ऑर्डिनेटर सांगवान सहित 4 लोगों को पकड़ा था. इसके साथ ही प्रकरण में कार्रवाई करते हुए 2 आईएएस अधिकारियों के मोबाइल फोन सीज किए गए थे. जिसमें प्रदीप गवंडे और नीरज के. पवन के मोबाइल शामिल थे. आरोप है कि कौशल विकास की ट्रेनिंग कोर्स में भ्रष्टाचार फैलाया जा रहा था. जिसकी शिकायत एसीबी मुख्यालय को प्राप्त हुई थी. इस पर एसीबी ने आरएसएलडीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों पर सर्विलांस रखना शुरू किया था. प्रकरण में कार्रवाई करते हुए नीरज के पवन सहित 7 अधिकारियों व कर्मचारियों के कमरे भी सील किए गए हैं.
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एसीबी की जयपुर इकाई को परिवादी ने यह शिकायत दी थी कि उसकी फर्म ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना में अनेक काम किए हैं. उन कामों के 1.50 करोड रुपए के बिल पेंडिंग पड़े हैं. परिवादी के बिल पास करने, फर्म को ब्लैक लिस्ट से हटाने, एक्सटेंशन एवं बैंक गारंटी जप्त नहीं करने की एवज में आरएसएलडीसी के स्कीम कोर्डिनेटर अशोक सांगवान और आरएसएलडीसी के प्रबंधक राहुल कुमार गर्ग ने 6 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी. परिवादी की शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी टीम ने कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरएसएलडीसी के स्कीम कोऑर्डिनेटर अशोक सांगवान और प्रबंधक राहुल कुमार गर्ग को 5 लाख रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.