ETV Bharat / city

IAS की कमी से जूझते राजस्थान ने की केंद्र से कैडर बढ़ाने की मांग, 6 साल से नहीं हुआ कैडर रिव्यू

राजस्थान में पहले से ही आईएएस की कमी है, वहीं दूसरी ओर कैडर रिव्यू में राजस्थान को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है. कैडर आवंटन में हो रही देरी को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार ने केंद्र से कैडर रिव्यू की डिमांड की है. सरकार ने 52 और आईएस को लेकर प्रस्ताव भेजा है.

IAS cadre review demand from center by Rajasthan Government
आईएएस की कमी से जूझते राजस्थान ने केंद्र से कैडर बढ़ाने की मांग, 6 साल से नहीं हुआ कैडर रिव्यू
author img

By

Published : Aug 23, 2022, 8:36 PM IST

जयपुर. आईएएस की कमी से जूझ रहे राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से आईएएस कैडर बढ़ाने की डिमांड की (IAS cadre review demand from center) है. राज्य सरकार ने 25 जुलाई को राजस्थान में अभी के 313 के मुकाबले 365 का आईएएस कैडर करने का प्रस्ताव भेजा है. ब्यूरोक्रेटिक जरूरतों के मुताबिक राजस्थान में औसतन 60 आईएएस की कमी मानी जाती है. इसी के चलते राजस्थान के आईएएस अधिकारियों के अभी के 313 के कुनबे में 52 का और इजाफा करने का प्रस्ताव एक बार फिर केंद्र को भेजा गया है. 2016 के बाद 2021 में यानी 5 सालों में कैडर रिव्यू होकर आईएएस के पदों में बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन राजस्थान को 6 सालों से इसका इंतजार है.

6 साल से नहीं हुआ कैडर रिव्यू: राज्य के कार्मिक विभाग ने डीओपीटी को 365 आईएएस कैडर स्ट्रैंथ करने का प्रस्ताव भेजा (Proposal of IAS cadre from Rajasthan) है. फिलहाल राज्य में 313 आईएएस कैडर स्ट्रैंथ है. केंद्र सरकार हर 5 साल में कैडर रिव्यू करता है. पिछली बार 2016 में केंद्र ने राजस्थान में आईएएस का कैडर स्ट्रेंथ बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, प्रदेश में आईएएस की संख्या 296 से बढ़ाकर 313 हो गई थी. उसके बाद 2021 में कैडर स्ट्रेंथ होना था, लेकिन 2021 में कैडर स्ट्रैंथ नहीं हुआ. डीओपीटी के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार 170 IAS राज्य सरकार में ड्यूटी देंगे, जबकि 68 आईएएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात रहेंगे. 42 अफसर राज्य प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे.

पढ़ें: अब अफसरों की कमी का रोना क्यों?...जब हमने ही दी NOC

अन्य राज्यों की तुलना में कम कैडर आंवटन: क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है. बावजूद इसके अन्य छोटे राज्यों से आईएएस की संख्या खासी कम है. हर 5 सालों में आईएएस का कैडर रिव्यू होता है. 18 दिसंबर, 1982 को हुए कैडर रिव्यू में कुल 4.08 प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए 255 आईएएस का कैडर किया गया. इसके बाद 5 अक्टूबर, 1987 को हुए रिव्यू के आदेश में कुल 3.13 प्रतिशत इजाफे के साथ 8 पद बढ़ाते हुए 263 का कैडर किया गया.

पढ़ें: राजस्थान ब्यूरोक्रेसी में बदलाव: 7 IAS, 4 IPS और 7 IFS अधिकारियों के तबादले, यहां देखिए पूरी लिस्ट...

राजस्थान देश में ऐसा पहला राज्य है जहां 1991 से 2010 तक के 20 सालों में कैडर में बढ़ोतरी के बजाए कमी की गई. इसके बाद 1991 में जो 266 का कैडर था, उसमें सवा 2 प्रतिशत की कमी करते हुए 27 जून, 1997 को हुए रिव्यू में 260 का किया गया. 11 अगस्त, 2004 के रिव्यू में यह संख्या जस की तस रखी गई और आखिरकार 26 मई, 2010 को हुए रिव्यू में इसमें 13.84% का इजाफा करते हुए, इसे 296 कर दिया गया. 2010 के बाद नियमित 5 सालों के बजाए रिव्यू 6 साल में हुआ और 27 दिसंबर 2016 को इसमें 5.74 प्रतिशत यानि 17 पदों का इजाफा करते हुए इसे 313 का किया गया. केन्द्र सरकार का हर कैडर रिव्यू में 5 प्रतिशत के इजाफे पर जोर रहा है.

पढ़ें: रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता होंगे राज्य के नए निर्वाचन आयुक्त

दो दर्जन से ज्यादा दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर: राजस्थान में पहले से ही कैडर स्ट्रेंथ के हिसाब से आईएएस की कमी है. इसके अलावा दो दर्जन से ज्यादा आईएएस दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर हैं. ऐसे में प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आईएएस की कमी का बड़ा असर विभाग आवंटन पर देखा जाता है. प्रदेश में 1 आईएएस के पास कई विभागों की जिम्मेदारी दी जाती है. एक अधिकारी के पास 3 से ज्यादा विभागों का काम होने की वजह से कई योजनाओं को समय पर धरातल पर उतारने में भी उसका असर देखा जाता है. कार्मिक विभाग के आंकड़ों को देखें तो करीब एक दर्जन सीनियर आईएएस ऐसे हैं, जिनके पास उनके मूल विभाग के अलावा भी कई अध्यक्ष विभागों का जिम्मा दिया हुआ है.

जयपुर. आईएएस की कमी से जूझ रहे राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार से आईएएस कैडर बढ़ाने की डिमांड की (IAS cadre review demand from center) है. राज्य सरकार ने 25 जुलाई को राजस्थान में अभी के 313 के मुकाबले 365 का आईएएस कैडर करने का प्रस्ताव भेजा है. ब्यूरोक्रेटिक जरूरतों के मुताबिक राजस्थान में औसतन 60 आईएएस की कमी मानी जाती है. इसी के चलते राजस्थान के आईएएस अधिकारियों के अभी के 313 के कुनबे में 52 का और इजाफा करने का प्रस्ताव एक बार फिर केंद्र को भेजा गया है. 2016 के बाद 2021 में यानी 5 सालों में कैडर रिव्यू होकर आईएएस के पदों में बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन राजस्थान को 6 सालों से इसका इंतजार है.

6 साल से नहीं हुआ कैडर रिव्यू: राज्य के कार्मिक विभाग ने डीओपीटी को 365 आईएएस कैडर स्ट्रैंथ करने का प्रस्ताव भेजा (Proposal of IAS cadre from Rajasthan) है. फिलहाल राज्य में 313 आईएएस कैडर स्ट्रैंथ है. केंद्र सरकार हर 5 साल में कैडर रिव्यू करता है. पिछली बार 2016 में केंद्र ने राजस्थान में आईएएस का कैडर स्ट्रेंथ बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, प्रदेश में आईएएस की संख्या 296 से बढ़ाकर 313 हो गई थी. उसके बाद 2021 में कैडर स्ट्रेंथ होना था, लेकिन 2021 में कैडर स्ट्रैंथ नहीं हुआ. डीओपीटी के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार 170 IAS राज्य सरकार में ड्यूटी देंगे, जबकि 68 आईएएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात रहेंगे. 42 अफसर राज्य प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे.

पढ़ें: अब अफसरों की कमी का रोना क्यों?...जब हमने ही दी NOC

अन्य राज्यों की तुलना में कम कैडर आंवटन: क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है. बावजूद इसके अन्य छोटे राज्यों से आईएएस की संख्या खासी कम है. हर 5 सालों में आईएएस का कैडर रिव्यू होता है. 18 दिसंबर, 1982 को हुए कैडर रिव्यू में कुल 4.08 प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए 255 आईएएस का कैडर किया गया. इसके बाद 5 अक्टूबर, 1987 को हुए रिव्यू के आदेश में कुल 3.13 प्रतिशत इजाफे के साथ 8 पद बढ़ाते हुए 263 का कैडर किया गया.

पढ़ें: राजस्थान ब्यूरोक्रेसी में बदलाव: 7 IAS, 4 IPS और 7 IFS अधिकारियों के तबादले, यहां देखिए पूरी लिस्ट...

राजस्थान देश में ऐसा पहला राज्य है जहां 1991 से 2010 तक के 20 सालों में कैडर में बढ़ोतरी के बजाए कमी की गई. इसके बाद 1991 में जो 266 का कैडर था, उसमें सवा 2 प्रतिशत की कमी करते हुए 27 जून, 1997 को हुए रिव्यू में 260 का किया गया. 11 अगस्त, 2004 के रिव्यू में यह संख्या जस की तस रखी गई और आखिरकार 26 मई, 2010 को हुए रिव्यू में इसमें 13.84% का इजाफा करते हुए, इसे 296 कर दिया गया. 2010 के बाद नियमित 5 सालों के बजाए रिव्यू 6 साल में हुआ और 27 दिसंबर 2016 को इसमें 5.74 प्रतिशत यानि 17 पदों का इजाफा करते हुए इसे 313 का किया गया. केन्द्र सरकार का हर कैडर रिव्यू में 5 प्रतिशत के इजाफे पर जोर रहा है.

पढ़ें: रिटायर्ड आईएएस मधुकर गुप्ता होंगे राज्य के नए निर्वाचन आयुक्त

दो दर्जन से ज्यादा दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर: राजस्थान में पहले से ही कैडर स्ट्रेंथ के हिसाब से आईएएस की कमी है. इसके अलावा दो दर्जन से ज्यादा आईएएस दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर हैं. ऐसे में प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. आईएएस की कमी का बड़ा असर विभाग आवंटन पर देखा जाता है. प्रदेश में 1 आईएएस के पास कई विभागों की जिम्मेदारी दी जाती है. एक अधिकारी के पास 3 से ज्यादा विभागों का काम होने की वजह से कई योजनाओं को समय पर धरातल पर उतारने में भी उसका असर देखा जाता है. कार्मिक विभाग के आंकड़ों को देखें तो करीब एक दर्जन सीनियर आईएएस ऐसे हैं, जिनके पास उनके मूल विभाग के अलावा भी कई अध्यक्ष विभागों का जिम्मा दिया हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.