ETV Bharat / city

होटल और पर्यटन पर CORONA की मार...50 हजार होटल कर्मचारियों पर आर्थिक संकट - लॉकडाउन का असर

कोरोना वायरस और लॉकडाउन का असर भले ही मौजूदा हालातों पर पड़ रहा हो, लेकिन पर्यटन और होटल व्यवसायी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. दोनों व्यवसायों पर आशंकाओं के बादल छा चुके है, जिससे छटने में एक साल से भी अधिक का समय लगेगा. हालात ये है कि होटल और पर्यटन क्षेत्र के लोगों के सामने नौकरी का संकट खड़ा हो गया. हालांकि, केंद्र सरकार ने इन दोनों सेक्टर्स को बुस्टप करने के लिए घोषणा किया है, लेकिन इन व्यवसायी से जुड़े लोगों की माने तो घोषणा और क्रियान्वयन में काफी अंतर है. प्रदेश में लगभग 50 हजार छोटे-बड़े होटल है, जहां सभी कर्मचारियों के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

jaipur news, जयपुर समाचार
होटल और ट्यूरिज्म पर CORONA की मार
author img

By

Published : May 18, 2020, 9:06 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के साथ कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से उपजे संकट से देश को निकालने में लगी है. साथ ही विशेष आर्थिक पैकेज के जरिए हर वर्ग को किसी न किसी रूप में राहत देते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी है. लेकिन कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सबसे बड़ा और लंबा असर जिस सेक्टर पर दिखने वाला है या दिख रहा है, वह पर्यटन और होटल व्यवसाय है. जिसके चलते राजस्थान में 50 हजार से भी अधिक छोटे-बड़े होटल बंद पड़े हैं.

होटल और ट्यूरिज्म पर CORONA की मार

इसके चलते पर्यटन से जुड़े हुए लोगों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. हालात यह है कि राजस्थान की ज्यादातर होटल मालिक अपने स्टाफ को नमस्ते बोल चुके हैं. बड़े होटल ग्रुप्स होटल कर्मचारियों के 50 फीसदी सैलरी कम कर दी गई है. ऐसे में होटल और पर्यटन व्यवसाय पर छाई कोरोना के संकट के बादल छटने में अभी 1 साल से ज्यादा का वक्त लगेगा.

पढ़ें- लॉकडाउन 4.0: परिवहन मंत्री बोले- हम चाहते हैं कि इंटर स्टेट और डिस्ट्रिक्ट परिवहन को चालू किया जाए

होटल और पर्यटन से जुड़े महेंद्र सिंह बताते है कि कोरोना की वजह से होटल व्यवसाय और पर्यटन की बुरी हालत हो चुकी है. बड़े होटल ग्रुप में स्टाफ की सैलरी आधी कर दी है जबकि छोटे होटल्स ने स्टाफ को नमस्ते बोल दिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर पर्यटन और होटल पर पड़ा है. यह सबके सामने है कि इन दोनों व्यवसाय को खड़ा होने में 1 साल से अधिक का वक्त लगेगा. ऐसे में जो होटल मालिक है, वह स्टाफ का खर्चा नहीं उठा पा रहे हैं और उन्होंने अपने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में सौ से अधिक लग्जरी होटल से करीब 15 हजार और उसके अलावा करीब 35 हजार के करीब छोटे बड़े गेस्ट हाउस से कर्मचारियों को निकाल दिया गया है. महेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने भले ही होटल और पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज में प्रावधान किया हो, लेकिन इस घोषणा में किस तरह से इसको इंप्लीमेंट किया जाएगा. इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है.

पढ़ें- हम विपक्ष का धर्म निभा रहे हैं और सत्ता पक्ष बौखला रहा हैः सीएम गहलोत

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बड़ी संख्या में विदेश से आने वाला पर्यटक अब अगले 1 साल के लिए नहीं आने वाला है, जिससे होटल और पर्यटन सेक्टर पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान स्टाफ का हो रहा है, जिनके सामने अन्य किसी तरह के कामकाज को करने का रास्ता भी नहीं बचा है. वहीं, प्रदेश में 25 सौ से अधिक गाइड है, जिनकी आजीविका सिर्फ और सिर्फ पर्यटकों पर टिकी है. इन सब के सामने आजीविका चलाना अब सबसे बड़ा संकट का काम हो गया है.

क्या हुआ असर

  • लॉकडाउन से होटल व्यवसाय से हर महीने होने वाला 150 करोड़ टर्नओवर का नुकसान
  • राज्य में 50 हजार छोटी-बडी होटल्स
  • एक छोटे होटल में 25 और ज्यादा बड़े होटल्स में 200 से ज्यादा का स्टाफ शिफ्ट वाइज काम करते है, इन पर नौकरी का संकट
  • जयपुर में 25 सौ गाइड और प्रदेश भर में 7 हजार 500 गाइड
  • पर्यटकों के लिए चलने वाली एक लाख टैक्सी का काम ठप
  • हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, पर्यटन स्थल ऊंट, हाथी और रिजॉर्ट पर बड़ा असर
  • 40 से 60 फीसदी रेवेन्यू सरकार को परिवहन और पर्यटन से आता है

जयपुर. केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के साथ कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से उपजे संकट से देश को निकालने में लगी है. साथ ही विशेष आर्थिक पैकेज के जरिए हर वर्ग को किसी न किसी रूप में राहत देते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी है. लेकिन कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सबसे बड़ा और लंबा असर जिस सेक्टर पर दिखने वाला है या दिख रहा है, वह पर्यटन और होटल व्यवसाय है. जिसके चलते राजस्थान में 50 हजार से भी अधिक छोटे-बड़े होटल बंद पड़े हैं.

होटल और ट्यूरिज्म पर CORONA की मार

इसके चलते पर्यटन से जुड़े हुए लोगों पर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. हालात यह है कि राजस्थान की ज्यादातर होटल मालिक अपने स्टाफ को नमस्ते बोल चुके हैं. बड़े होटल ग्रुप्स होटल कर्मचारियों के 50 फीसदी सैलरी कम कर दी गई है. ऐसे में होटल और पर्यटन व्यवसाय पर छाई कोरोना के संकट के बादल छटने में अभी 1 साल से ज्यादा का वक्त लगेगा.

पढ़ें- लॉकडाउन 4.0: परिवहन मंत्री बोले- हम चाहते हैं कि इंटर स्टेट और डिस्ट्रिक्ट परिवहन को चालू किया जाए

होटल और पर्यटन से जुड़े महेंद्र सिंह बताते है कि कोरोना की वजह से होटल व्यवसाय और पर्यटन की बुरी हालत हो चुकी है. बड़े होटल ग्रुप में स्टाफ की सैलरी आधी कर दी है जबकि छोटे होटल्स ने स्टाफ को नमस्ते बोल दिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर पर्यटन और होटल पर पड़ा है. यह सबके सामने है कि इन दोनों व्यवसाय को खड़ा होने में 1 साल से अधिक का वक्त लगेगा. ऐसे में जो होटल मालिक है, वह स्टाफ का खर्चा नहीं उठा पा रहे हैं और उन्होंने अपने कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है.

उन्होंने कहा कि राजस्थान में सौ से अधिक लग्जरी होटल से करीब 15 हजार और उसके अलावा करीब 35 हजार के करीब छोटे बड़े गेस्ट हाउस से कर्मचारियों को निकाल दिया गया है. महेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने भले ही होटल और पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज में प्रावधान किया हो, लेकिन इस घोषणा में किस तरह से इसको इंप्लीमेंट किया जाएगा. इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है.

पढ़ें- हम विपक्ष का धर्म निभा रहे हैं और सत्ता पक्ष बौखला रहा हैः सीएम गहलोत

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बड़ी संख्या में विदेश से आने वाला पर्यटक अब अगले 1 साल के लिए नहीं आने वाला है, जिससे होटल और पर्यटन सेक्टर पर बहुत बड़ा असर पड़ेगा. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान स्टाफ का हो रहा है, जिनके सामने अन्य किसी तरह के कामकाज को करने का रास्ता भी नहीं बचा है. वहीं, प्रदेश में 25 सौ से अधिक गाइड है, जिनकी आजीविका सिर्फ और सिर्फ पर्यटकों पर टिकी है. इन सब के सामने आजीविका चलाना अब सबसे बड़ा संकट का काम हो गया है.

क्या हुआ असर

  • लॉकडाउन से होटल व्यवसाय से हर महीने होने वाला 150 करोड़ टर्नओवर का नुकसान
  • राज्य में 50 हजार छोटी-बडी होटल्स
  • एक छोटे होटल में 25 और ज्यादा बड़े होटल्स में 200 से ज्यादा का स्टाफ शिफ्ट वाइज काम करते है, इन पर नौकरी का संकट
  • जयपुर में 25 सौ गाइड और प्रदेश भर में 7 हजार 500 गाइड
  • पर्यटकों के लिए चलने वाली एक लाख टैक्सी का काम ठप
  • हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, पर्यटन स्थल ऊंट, हाथी और रिजॉर्ट पर बड़ा असर
  • 40 से 60 फीसदी रेवेन्यू सरकार को परिवहन और पर्यटन से आता है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.