जयपुर. बीते दिनों निगम ने बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट कर सफाई व्यवस्था अपने हाथ में ली (cleanliness in Jaipur) है. निगम के संसाधनों के अलावा सभी 4 जोन में हूपर रेंट पर लेने के लिए अलग-अलग टेंडर भी दिए. सिविल लाइन और आदर्श नगर जोन में तो कार्यादेश भी जारी किए जा चुके हैं लेकिन अभी संबंधित फर्म संसाधन जुटाने के लिए 20 दिन का समय मांग रहे हैं. जिसकी वजह से अभी भी घरों तक हूपर नहीं पहुंच रहे और कचरा सड़कों पर पहुंच रहा है. जो आगामी दिनों में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण के 1100 अंकों पर भारी पड़ सकता है.
राजधानी इस समय पर्यटकों से गुलजार है. हर दिन हजारों पर्यटक शहर के मॉन्यूमेंट्स को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. जयपुर में अधिकतर टूरिस्ट प्लेस हेरिटेज निगम क्षेत्र में मौजूद हैं लेकिन इसी क्षेत्र में सुबह और शाम सड़कों पर कचरे के ढेर देखे जा सकते हैं. जो पर्यटकों के सामने जयपुर की छवि धूमिल कर रहे हैं. हालांकि, हेरिटेज निगम प्रशासन अपने संसाधनों से इस कचरे को उठवा भी रहा है. हर दिन करीब 483 टन कचरा कलेक्टर हो रहा है लेकिन डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था पुख्ता नहीं होने तक निगम की कवायद भी अधूरी ही साबित होगी. हालांकि निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने दावा किया है कि सिविल लाइन और आदर्श नगर में कार्यादेश जारी किया जा चुका है. जल्द यहां सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी और बचे हुए दोनों जोन में 3 जनवरी तक अंतिम फैसला ले लिया जाएगा. फिलहाल जिन कंपनियों को कार्यादेश दिया गया है, उसमें सिविल लाइन में ₹36500 प्रति हूपर और आदर्श नगर में ₹38500 प्रति हूपर निगम भुगतान करेगा. जो बीवीजी की तुलना में आधी लागत पड़ेगी.
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अभी जिन कंपनियों को कार्यादेश दिया गया है, उनके पास भी पर्याप्त संसाधन नहीं है. उन्होंने भी निगम से संसाधन जुटाने के लिए 20 दिन से 1 महीने तक का समय मांगा है. जिस पर निगम ने इस व्यवस्था को जल्द से जल्द किए जाने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि एसबीएम 2.0 को लेकर 3 जनवरी से ही सर्वेक्षण शुरू हो जाएगा और फरवरी में जयपुर की तैयारियों को देखने के लिए केंद्र की टीम भी यहां आएगी. ऐसे में शहर की सफाई व्यवस्था से जुड़े 1100-1100 अंकों के लिए दोनों ही निगम के पास अब महज एक महीने का समय बचा है.