जयपुर. रविवार से फाल्गुन मास की शुरुआत होगी. पुरानी परंपरा के अनुसार होली से 1 महीने पहले रोपे जाने वाला होली का डांडा माघ पूर्णिमा शनिवार शाम को रोपा गया. आर्य संस्कृति दर्शन ट्रस्ट की ओर से पंडित विजय शंकर पांडे की मौजूदगी में परकोटे में स्थित चांदपोल बाजार बद्रीनाथ जी का चौक में विधिपूर्वक होली का रोपण किया गया. वहीं सिटी पैलेस में भी होली का डांडा रोपण की परंपरा निभाई गई.
बद्रीनाथ जी का चौक में गोविंद देव जी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी और महंत अलबेली माधुरी शरण ने विधिपूर्वक डांडा पूजन किया. जहां डॉ. प्रशांत शर्मा के आचार्यत्व में पूजा-अर्चना की गई. होली के पारंपरिक गीत गाकर होलिका का स्वागत किया गया. होलिका रोपण के साथ ही रविवार से एक महीने के सभी शुभ कार्य टल गए.
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इस मौके पर धर्माचार्य विजय शंकर पांडे ने बताया कि यह डंडा भक्त प्रहलाद का प्रतीक है और होली दहन से ठीक पहले इसे सुरक्षित निकाल लिया जाता है. होली का आगाज रोपण से ही हो जाता है. हालांकि पहले तो डांडा रोपण के साथ ही होली की मस्ती शुरू हो जाती थी लेकिन अब यह केवल परंपरा रह गई है.
फाल्गुन माह के शुरू होने के बाद जगह-जगह छोटी काशी में फागोत्सव की धूम शुरू हो जाएगी. होलिका दहन 28 मार्च और धुलंडी का पर्व 29 मार्च को मनाया जाएगा. वहीं कोरोना के चलते इस बार सबसे बड़े शहर आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर में होने वाले फाग उत्सव को लेकर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि कार्यक्रमों के 3 मार्च को अंतिम निर्णय लिया जाएगा.