जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने खनन पट्टे की साझेदारी में धोखाधड़ी के मामले में पूर्व विधायक अतर सिंह भड़ाना और भरतपुर रेंज के तत्कालीन डीआईजी लक्ष्मण गौड़ सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश मुकेश चंद अग्रवाल की आपराधिक याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि पूर्व विधायक भड़ाना ने याचिकाकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर कर उसे खनन पट्टे की साझेदारी से बाहर कर दिया और अपनी पत्नी कमलेश भड़ाना को फर्म का 87 फीसदी का साझेदार बना दिया. खनन विभाग में दस्तावेज जांच करते समय याचिकाकर्ता को इसकी जानकारी मिली. वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में 6 सितंबर 2019 को बयाना थाने में भड़ाना सहित अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई, लेकिन 9 माह बीतने के बाद भी अब तक पुलिस ने कोई ठोस जांच नहीं की.
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याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि तत्कालीन डीआईजी लक्ष्मण गौड़ ने समय-समय पर याचिकाकर्ता पर अपनी एफआईआर वापस लेने के लिए दबाव बनाया. याचिका में कहा गया कि उसे भरतपुर रेंज में निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है. ऐसे में प्रकरण की जांच एसओजी से कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने भड़ाना सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.