जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में मंगलवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को (High Voltage drama in RU) मिला. दिनभर चले इस ड्रामे के बाद देर रात को महासचिव और उपाध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की मंजूरी मिल गई. इन दो प्रत्याशियों को लेकर ही दिनभर हंगामा होता रहा.
इससे पहले विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू कार्यालय में मंत्री मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका जोरवाल कभी कैंडिडेट प्रताप भानु मीणा के तो कभी उनके बहन के पैर पकड़ती दिखीं. वहीं एबीवीपी के महासचिव पद के प्रत्याशी अरविंद जाजड़ा ने खुद का गला घोंट कर आत्महत्या करने का प्रयास किया. वहीं बाद में एबीवीपी ने पेपर रिम के लिफाफे में रस्सी मंगवाकर सामूहिक फांसी लगाने का प्रयास किया.
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राजस्थान विश्वविद्यालय और संघटक कॉलेजों में सोमवार का दिन नाम वापसी का था. शाम तक संघटक कॉलेजों में प्रत्याशियों की तस्वीर तो साफ हो गई. हालांकि दो प्रत्याशियों के नाम वापसी के बाद अध्यक्ष पद पर 6 प्रत्याशियों कि फाइनल लिस्ट सामने आना तय है. यूनिवर्सिटी में संयुक्त सचिव पद के दावेदार के रूप में एबीवीपी से कृष्णा तंवर और एनएसयूआई की प्रत्याशी धरा कुमावत का नाम तय हुआ. हालांकि धरा पहले एसएफआई की प्रत्याशी थीं, जिसे जोड़-तोड़ की राजनीति कर एनएसयूआई ने अपने पाले में किया.
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उधर, कोर्ट के आदेश के बाद भी देर रात तक महासचिव पद पर पेंच फंस गया. जहां एक तरफ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोर्ट के आदेशों को आधार बनाते हुए कंडीडेट का गैप ईयर होने के चलते एलिजिबिलिटी नहीं होने का हवाला दिया. वहीं एबीवीपी ने स्पष्ट किया कि भले ही उनके केंडीडेट का गैप ईयर हो, लेकिन इसी तरह के एक पकड़ में पहले जोधपुर हाईकोर्ट के आदेश आ चुके हैं. वे शपथ पत्र देने को तैयार हैं कि यदि कोर्ट के आदेश उनके पक्ष में नहीं आते तो उनका बैलेट खारिज कर दिया जाए. हालांकि बाद में लीलग ओपिनियन के बाद अरविंद जाजड़ा का नामांकन मंजूर हो गया.
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उधर, उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी की साक्षी शर्मा के शपथ पत्र में संयुक्त सचिव पद का हवाला दिए जाने को भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने नामांकन को वैलिड नहीं मानने का कारण बताया. जबकि एबीवीपी ने तर्क दिया कि शपथ पत्र नामांकन का हिस्सा नहीं. ये पहली मर्तबा है जब प्रत्याशियों से शपथ पत्र लिया जा रहा है. आखिरकार साक्षी शर्मा के नामांकन को भी मंजूरी दे दी गई. इस दौरान छात्रों ने राजस्थान विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू कार्यालय में डेरा डाले रखा. यहां छात्रों ने डीएसडब्ल्यू पर जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया. वहीं महासचिव प्रत्याशी अरविंद जाजड़ा ने गला घोंट कर आत्महत्या करने की कोशिश की तो वहीं एबीवीपी के दूसरे कार्यकर्ताओं ने पेपर रिम के लिफाफे में रस्सी मंगवा कर सामूहिक फांसी लगाने का प्रयास किया.