जयपुर. स्पोर्ट्स इंजरी से जूझ रहे खिलाड़ियों को अब बेहतर इलाज मिल सकेगा. इसके लिए एसएमएस स्टेडियम में हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स ट्रेनिंग एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर शुरू कर दिया गया है. इसी सेंटर पर चिकित्सकों की सुविधा भी खिलाड़ियों को मिलेगी. इसे लेकर आज स्पोर्ट्स काउंसिल और जयपुर डॉक्टर्स वेलफेयर सोसाइटी के बीच एमओयू साइन किया (MoU Signed for High performance sports training center in SMS Stadium) गया.
इस मौके पर क्रीडा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने बताया कि बड़ी संख्या में राजस्थान से खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने पहुंचते हैं. ऐसे में कई बार अभ्यास के दौरान स्टेडियम में खिलाड़ियों को चोट लग जाती है, लेकिन अब स्पोर्ट्स इंजरी का इलाज एसएमएस स्टेडियम में ही हो सकेगा. इसके तहत 9 डॉक्टर्स (स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ) अपनी सेवाएं एसएमएस स्टेडियम में बनाए गए हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर पर देंगे.
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खेल परिषद और डॉक्टर्स वेलफेयर सोसाइटी की ओर से 5 साल के लिए एमओयू साइन किया गया है. सेंटर सप्ताह में 3 दिन चिकित्सक ओपीडी के माध्यम से सेवाएं स्टेडियम में देंगे. जयपुर डॉक्टर्स वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ सौरभ जैन ने बताया कि जयपुर के अलग-अलग अस्पतालों के स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ चिकित्सक सप्ताह में 3 दिन स्पोर्ट्स इंजरी का इलाज करेंगे. जरूरत पड़ने पर खिलाड़ियों को अस्पताल में भी सर्जरी के लिए भर्ती किया जाएगा और यह सेवाएं खिलाड़ियों के लिए निशुल्क रहेगी.
हाईटेक इलाज संभव: करोड़ों रुपए की लागत से हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया गया है, जहां हाईटेक मशीनें लगाई गई हैं. ताकि किसी भी तरह की इंजरी से जूझ रहे खिलाड़ी को तुरंत इलाज मिल सके. यहां तकरीबन 50 से 60 खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जा रही हैं. जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन भी करेंगे.
माइनस 140 डिग्री टेंपरेचर में रिकवरी: सेंटर पर खिलाड़ियों की रिकवरी के लिए माइनस 140 डिग्री टेंपरेचर बॉक्स भी बनाया गया है. जहां मसल्स इंजरी से जूझ रहे खिलाड़ियों को रिकवरी मिल सकेगी. पूरे उत्तर भारत में इस तरह का यह पहला हाई परफार्मेंस स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर है, जहां इस तरह की सुविधाएं खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा अन्य अत्याधुनिक मशीनें भी इस सेंटर पर लगाई गई हैं, जहां किसी भी तरह की इंजरी से जूझ रहे खिलाड़ियों को इलाज मिल सकेगा.