जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक जिले की मालपुरा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी का निलंबन कर उसका मुख्यालय डूंगरपुर करने के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी (Court stays suspension order of executive officer) है. वहीं अदालत ने मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए 3 नवंबर तक का समय दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश अधिशाषी अधिकारी सुरेन्द्र कुमार मीणा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को जवाब के लिए समय देते हुए निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी. याचिका में अधिवक्ता लोकेन्द्र सिंह शेखावत ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता मालपुरा नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी के तौर पर तैनात है. उसके खिलाफ कुछ लोगों ने राज्य सरकार के समक्ष झूठी शिकायत की. जिस पर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने आनन-फानन में गत 29 जुलाई को उसका निलंबन कर डूंगरपुर में उपस्थिति दर्ज कराने को कहा.
पढ़ें: Rajasthan High Court: सरपंच के निलंबन आदेश पर रोक, मंत्री रमेश मीणा और विधायक ओमप्रकाश से मांगा जवाब
याचिका में कहा गया कि उस पर पोस्टल लगाने के आरोप हैं. ऐसे में यह कृत्य आचरण नियम के तहत आता है. ऐसे में उसे निलंबित करना गलत है. याचिका में कहा गया कि निलंबन काल में उसका मुख्यालय सुदूर डूंगरपुर करने से जाहिर है कि राज्य सरकार ने उसे परेशान करने की नियत से निलंबित किया है. ऐसे में उसके निलंबन आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने को कहा है.