जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर के प्रेम रत्नागिरी बांध क्षेत्र में अतिक्रमण के मामले में मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग, अलवर कलेक्टर और यूआईटी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश 'जवाब दो सरकार' एनजीओ की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रवि सैनी ने अदालत को बताया कि यूडीएच की ओर से घोषित अलवर के मास्टर प्लान, 2031 में जगन्नाथ मंदिर के पीछे प्रेम रत्नागिरी बांध दर्शाया गया है. यह बांध पूरे अलवर शहर में पेयजल सप्लाई की क्षमता रखता है.
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याचिका में कहा गया कि भू माफियाओं ने अधिकारियों से मिलीभगत कर बांध क्षेत्र में अवैध रूप से निर्माण कर अतिक्रमण कर लिया है. याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट पूर्व में तय कर चुका है कि बांध के भराव क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता.
वहीं, हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में राज्य सरकार को आदेश देकर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल गठित करने के निर्देश दे रखे हैं. ऐसे में बांध क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.