जयपुर. राजस्थान हाई कोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 के भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाने पर कार्मिक सचिव और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर चार दिसंबर को जवाब मांगा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश बलराम यादव की याचिका पर दिए है.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने आरएएस भर्ती-2018 की मुख्य परीक्षा का परिणाम गत 7 जुलाई को जारी किया, जिसमें पदों के तीन गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से कुछ अपात्र अभ्यर्थियों की सूची पेश कर कहा गया कि आरपीएससी ने मुख्य परीक्षा में भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्र अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए पास कर दिया, जबकि मुख्य परीक्षा के समय आयोग को भूतपूर्व सैनिक कोटे के अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन करने चाहिए थे.
याचिका में कहा गया कि आयोग साक्षात्कार के समय अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन करेगा, जिसके चलते दूसरे पात्र अभ्यर्थी साक्षात्कार से वंचित हो गए हैं. याचिका में गुहार लगाई गई है कि अपात्र अभ्यर्थियों को बाहर कर मुख्य परीक्षा का परिणाम पुन: जारी किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
सोना तस्करी के आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार
आर्थिक अपराध मामलों की विशेष एसीजेएम अदालत ने करोड़ों रुपए का सोना तस्करी के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी योगेन्द्र सिंह और आकाश कुमार को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. जमानत अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में प्रार्थी को फंसाया गया है. योगेन्द्र और आकाश एयरपोर्ट पर ही काम करते हैं, जिनसे कोई बरामदगी शेष नहीं है.
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इसके अलावा जेल में उन्हें कोरोना संक्रमण का भी खतरा है, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक की ओर से कहा गया कि आरोपियों ने मिलीभगत कर सोना तस्करी का अपराध किया है. आरोपी योगेन्द्र सिंह को 18 किलोग्राम सोना और आकाश कुमार को 12 किलोग्राम सोना तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है.