जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी को आदेश दिए हैं कि वह आरएएस भर्ती-2018 में याचिकाकर्ता महिला अधिकारी को सामान्य महिला वर्ग में शामिल करें. साथ ही अदालत ने मामले में आरपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश निहारिका शर्मा की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता सीपी शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 2016 में स्वायत्त शासन विभाग में अराजपत्रित अधिकारी नियुक्ति हुई थी. आरएएस भर्ती में 5 साल का अनुभव रखने वाले अराजपत्रित अधिकारी का अलग से कोटा होता है. याचिकाकर्ता ने गलती से इस कोटे के तहत आवेदन कर दिया.
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वहीं, प्रारंभिक परीक्षा के बाद याचिकाकर्ता ने आयोग को प्रार्थना पत्र पेश कर सामान्य महिला वर्ग में शामिल करने की गुहार की. इसके बावजूद आयोग ने मुख्य परीक्षा के लिए उसकी कैटेगिरी में बदलाव नहीं किया. इससे परेशान होकर याचिकाकर्ता ने अदालत में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को सामान्य महिला वर्ग में मानने के आदेश देते हुए आरपीएससी से जवाब मांगा है.
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 7 साल की सजा, 1 लाख जुर्माना
जयपुर की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त महेश चंद्र को 7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि मामले में पीड़िता के भाई ने 23 नवंबर 2015 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि अभियुक्त ने नवंबर 2014 में अभियुक्त ने उसकी बहन के साथ दुष्कर्म किया. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.