जयपुर. शहर में 32 मीटर से ऊंची बहुमंजिला इमारतों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि पूर्व में आदेश जारी कर बहुमंजिला आग बुझाने वाले हाइड्रोलिक लेडर की उपलब्धता तक ही निर्माण पर रोक लगाई गई थी. जयपुर में लेडर मशीन आ गई है और पूर्व में दिया आदेश स्पष्ट होने के चलते उसमें संशोधन की जरूरत नहीं (High rise building construction rules in Jaipur) है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह और जस्टिस सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की याचिका में दायर प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने मामले में उदयपुर बिल्डर्स एसोसिएशन के उस प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया है, जिसमें बहुमंजिला इमारत बनाने की अनुमति मांगी गई थी. सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कहा कि जयपुर में बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए 70 मीटर ऊंचाई हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफॉर्म मंगवाया गया है और उसे निगम को सुपुर्द किया जा चुका है. ऐसे में अदालत 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर लगी रोक से संबंध में दिए अपने आदेश को संशोधित करे. इस पर अदालत ने कहा कि 3 जुलाई, 2019 को अदालत ने आदेश जारी कर कहा था कि लेडर आने तक 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाए. यह आदेश लेडर आने तक ही लागू था.
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में विद्याधर नगर के एक मकान में आग लगने से पांच लोगों की मौत के बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर आग बुझाने के लिए संसाधनों की कमी बताई गई थी. इस पर अदालत ने बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने का लेडर आने पर 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक लगा दी थी. सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत को बताया था कि जयपुर के अलावा जोधपुर, उदयपुर, भिवाडी और कोटा के लिए 60 मीटर ऊंचा लेडर खरीदने का ठेका दिया जा चुका है.