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NCTE की ओर से जवाब पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट ने लगाया एक लाख रुपए का हर्जाना - Rajasthan High Court News

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्री-प्राइमरी टीचर भर्ती 2018 में प्रदेश से बाहर से दो साल का एनटीटी कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल नहीं करने के मामले में जवाब पेश नहीं करने पर एनसीटीई पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है.

Pre-Primary Teacher Recruitment 2018,  Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Mar 24, 2021, 10:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्री-प्राइमरी टीचर भर्ती 2018 में प्रदेश से बाहर से दो साल का एनटीटी कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल नहीं करने के मामले में जवाब पेश नहीं करने पर एनसीटीई पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. अदालत ने हर्जाना राशि जवाब पेश नहीं करने के लिए जिम्मेदार अफसरों से वसूलने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अर्चना और अन्य की याचिकाओं पर दिए.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता

पढ़ें- राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2020 की शारीरिक दक्षता परीक्षा पर लगाई रोक

अदालत ने कहा कि एनसीटीई को जवाब पेश करने के लिए कई मौके दिए गए, लेकिन उसने जवाब पेश नहीं किया. तय समय पर जवाब पेश नहीं करने के कारण कोर्ट में बड़ी संख्या में केस लंबित हैं और इन केसों में बिना किसी कारण ही तारीखें ली जा रही हैं.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि प्री-प्राइमरी टीचर के 1310 पदों पर भर्ती में याचिकाकर्ताओं के कट ऑफ से अधिक अंक आए, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें यह कहते हुए नियुक्ति देने से मना कर दिया कि उनका एनटीटी कोर्स जम्मू कश्मीर व राज्य के बाहर के अन्य संस्थानों से हैं और उन्हें एनसीटीई ने मान्यता नहीं दी है. जबकि एनसीटीई ने 31 मई 2007 के पत्र में स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर से एनटीटी कोर्स करने वालों को केंद्र और राज्य सरकार की भर्तियों में शामिल किया जाएगा. इसके बावजूद भी राज्य सरकार याचिकाकर्ताओं को बाहरी राज्य से कोर्स करने के कारण भर्ती में शामिल नहीं कर रही है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्री-प्राइमरी टीचर भर्ती 2018 में प्रदेश से बाहर से दो साल का एनटीटी कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल नहीं करने के मामले में जवाब पेश नहीं करने पर एनसीटीई पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. अदालत ने हर्जाना राशि जवाब पेश नहीं करने के लिए जिम्मेदार अफसरों से वसूलने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अर्चना और अन्य की याचिकाओं पर दिए.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता

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अदालत ने कहा कि एनसीटीई को जवाब पेश करने के लिए कई मौके दिए गए, लेकिन उसने जवाब पेश नहीं किया. तय समय पर जवाब पेश नहीं करने के कारण कोर्ट में बड़ी संख्या में केस लंबित हैं और इन केसों में बिना किसी कारण ही तारीखें ली जा रही हैं.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि प्री-प्राइमरी टीचर के 1310 पदों पर भर्ती में याचिकाकर्ताओं के कट ऑफ से अधिक अंक आए, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें यह कहते हुए नियुक्ति देने से मना कर दिया कि उनका एनटीटी कोर्स जम्मू कश्मीर व राज्य के बाहर के अन्य संस्थानों से हैं और उन्हें एनसीटीई ने मान्यता नहीं दी है. जबकि एनसीटीई ने 31 मई 2007 के पत्र में स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर से एनटीटी कोर्स करने वालों को केंद्र और राज्य सरकार की भर्तियों में शामिल किया जाएगा. इसके बावजूद भी राज्य सरकार याचिकाकर्ताओं को बाहरी राज्य से कोर्स करने के कारण भर्ती में शामिल नहीं कर रही है.

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