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अलवर लिचिंग मामलाः राजस्थान हाईकोर्ट ने पहलू खान और उनके बेटों पर दर्ज FIR रद्द करने के दिए आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने गौ तस्करी के मामले में पहलू खां और उसके 2 बेटों सहित चार लोगों के खिलाफ बहरोड़ थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में पुलिस की ओर से पेश आरोप पत्र को भी रद्द करने के आदेश दिए हैं

पहलू खां सहित चार के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द, High court dismisses FIR lodged against four, including Paket Khan
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Published : Oct 30, 2019, 6:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गौ तस्करी के मामले में पहलू खां और उसके 2 बेटों सहित चार लोगों के खिलाफ बहरोड़ थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में पुलिस की ओर से पेश आरोप पत्र को भी रद्द करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश चालक खान मोहम्मद और पहलू खां के बेटों इरशाद और आरिफ की ओर से दायर याचिका पर दिए.

पहलू खां सहित चार के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में अनुसंधान जारी रखने का भी अब कोई औचित्य नहीं है. याचिका में अधिवक्ता कपिल गुप्ता ने अदालत को बताया कि बहरोड़ थाना पुलिस ने गौ तस्करी के आरोप में पहलू खां और याचिकाकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी. जिसमें कहा गया था कि वे दो गायों और 2 बछड़ों को गौकसी के लिए ले जा रहे थे. मामले में पुलिस की ओर से पहलू खां सहित सभी आरोपियों को दोषी माना गया और याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया.

पढ़ेंः अलवर: निकाय चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी, भाजपा ने जारी किया आवेदन पत्र

इस पर राज्य सरकार की ओर से निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर मामले में अग्रिम अनुसंधान की गुहार की गई. जिसे निचली अदालत ने स्वीकार करते हुए पुलिस को मामले में अग्रिम अनुसंधान के आदेश दिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि उनके पास गाय ले जाने का रवन्ना मौजूद था. इसके अलावा दोनों दुधारू गायें थे, इससे जाहिर होता है कि गायों को वध के लिए नहीं ले जाया जा रहा था.

याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. ऐसे में उसे रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर और आरोप पत्र को रद्द कर दिया है. गौरतलब है कि पहलु खां से मारपीट के मामले में अलवर की एडीजे कोर्ट गत दिनों छह आरोपियों को दोषमुक्त कर चुकी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गौ तस्करी के मामले में पहलू खां और उसके 2 बेटों सहित चार लोगों के खिलाफ बहरोड़ थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में पुलिस की ओर से पेश आरोप पत्र को भी रद्द करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश चालक खान मोहम्मद और पहलू खां के बेटों इरशाद और आरिफ की ओर से दायर याचिका पर दिए.

पहलू खां सहित चार के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में अनुसंधान जारी रखने का भी अब कोई औचित्य नहीं है. याचिका में अधिवक्ता कपिल गुप्ता ने अदालत को बताया कि बहरोड़ थाना पुलिस ने गौ तस्करी के आरोप में पहलू खां और याचिकाकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी. जिसमें कहा गया था कि वे दो गायों और 2 बछड़ों को गौकसी के लिए ले जा रहे थे. मामले में पुलिस की ओर से पहलू खां सहित सभी आरोपियों को दोषी माना गया और याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया.

पढ़ेंः अलवर: निकाय चुनाव को लेकर बढ़ी सरगर्मी, भाजपा ने जारी किया आवेदन पत्र

इस पर राज्य सरकार की ओर से निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर मामले में अग्रिम अनुसंधान की गुहार की गई. जिसे निचली अदालत ने स्वीकार करते हुए पुलिस को मामले में अग्रिम अनुसंधान के आदेश दिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि उनके पास गाय ले जाने का रवन्ना मौजूद था. इसके अलावा दोनों दुधारू गायें थे, इससे जाहिर होता है कि गायों को वध के लिए नहीं ले जाया जा रहा था.

याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. ऐसे में उसे रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर और आरोप पत्र को रद्द कर दिया है. गौरतलब है कि पहलु खां से मारपीट के मामले में अलवर की एडीजे कोर्ट गत दिनों छह आरोपियों को दोषमुक्त कर चुकी है.

Intro:बाईट - याचिकाकर्ता के वकील कपिल गुप्ता

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने गौ तस्करी के मामले में पहलू खां और उसके 2 बेटों सहित चार लोगों के खिलाफ बहरोड थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में पुलिस की ओर से पेश आरोप पत्र को भी रद्द करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश चालक खान मोहम्मद और पहलू खां के बेटों इरशाद व आरिफ की ओर से दायर याचिका पर दिए। Body:अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रकरण में अनुसंधान जारी रखने का भी अब कोई औचित्य नहीं है।
याचिका में अधिवक्ता कपिल गुप्ता ने अदालत को बताया कि बहरोड थाना पुलिस ने गौ तस्करी के आरोप में पहलू खां और याचिकाकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। जिसमें कहा गया था कि वे दो गायों और 2 बछड़ों को गौकसी के लिए ले जा रहे थे। मामले में पुलिस की ओर से पहलू खां सहित सभी आरोपियों को दोषी माना गया और याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया। इस पर राज्य सरकार की ओर से निचली अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर मामले में अग्रिम अनुसंधान की गुहार की गई। जिसे निचली अदालत ने स्वीकार करते हुए पुलिस को मामले में अग्रिम अनुसंधान के आदेश दिए। याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में कहा गया कि उनके पास गाये ले जाने का रवन्ना मौजूद था। इसके अलावा दोनों दुधारू गायें थे। इससे जाहिर होता है कि गायों को वध के लिए नहीं ले जाया जा रहा था। याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। ऐसे में उसे रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर और आरोप पत्र को रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि पहलु खां से मारपीट के मामले में अलवर की एडीजे कोर्ट गत दिनों छह आरोपियों को दोषमुक्त कर चुकी है। Conclusion:
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